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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 12, 2013

बैंकिंग के ""महारथी "" भी काले रुपये को सफ़ेद करने के दोषी

 बैंकिंग के ""महारथी "" भी  काले रुपये  को सफ़ेद करने के दोषी  

                          रिजर्व बैंक ने  मनी  लौंडेरिंग  के आरोप मे देश के चार बहुत बड़े बैको यथा आई सी आई सी आई और एच  डी एफसी तथा एक्सिस  बैंक पर एक करोड़ से लेकर चार करोड़ रुपये का जुर्माना किया हैं | इन बैंको  के विरुद्ध तहलका  डॉट कॉम ने एक स्टिंग आपरेशन कर के यह साबित किया था ""ये सभी नामी बैंक "" काले धन को सफ़ेद करने और उन लोगो की पहचान को गुप्त रखने की हरकत कर रहे थे | 

                               तहलका के इस खुलासे के बाद जब मीडिया ने इन बैंको  के विरुद्ध कारवाई की मांग की तब ""इन बंकों ने किसी भी आपराधिक  कृत्य करने से न केवल इंकार किया था वरन रिजर्व बैंक द्वारा ""कारण बताओ "" नोटिस दिये जाने पर भी न तो उन अफसरो के नाम बताए जो इस गुनाह को  अंजाम दे रहे दे वरन ""अपने ग्राहक को जानो "" की कारवाई को अपने ढग से निपटा दिया | परंतु सरकार से दबाव आने पर  रिजर्व बैंक ने एक जांच समिति बनाई और उसे जांच का काम सौंपा | तब उसमे खुलासा हुआ की अपने चेयरपरसन के आदेश से ही इनके मैनेजर  लोगो से ""कैसा ""भी पैसा ला  कर जमा  कराने का आग्रह करते थे , बदले मे वादा करते थे की आय कर की सभी कारवाई  की  खाना पूरी  कर देंगे | बॉम्बे और दिल्ली की शाखाऔ के  प्रबन्धको  को ऐसा करते हुए कैमरे  मे क़ैद कर लिया था जिस की वजह से यह सभी बैंको की कलाई खुल गयी | 

                  गौर करने की बात हैं की निजी छेत्रों के इन बैंको ने  लोगो से धन जमा करने के लिए कई बार इनाम भी बटोरा हैं | अब खुलासा हो गया की कैसे यह स्थान इन बैंको ने हासिल किया था | 

आडवाणी --मोदी विवाद सुलझाते गुरुमूर्ती क्रिकेट के विवाद मे उलझे

 आडवाणी --मोदी विवाद  सुलझाते  गुरुमूर्ती क्रिकेट के विवाद मे उलझे 
                                 मोदी और आडवाणी की रस्साकशी  मे  बीच - बचाव करने आए राष्ट्रिय  स्वयं सेवक  संघ के "" थिंक टैक "" कहे जाने वाले  एस  गुरुमुरथी  , जो काफी समय से मीडिया और अखबारो से नदारद थे | परंतु  इस विवाद से सुर्ख़ियो मे आए   गुरुमुरथी ने क्रिकेट के आई पी एल  के विवाद मे कलम चलायी हैं | जिसमे उन्होने लिखा हैं की , इस खेल मे खिलाड़ियो  की नीलामी  की तुलना बेबीलोन मे होने वाली ""वधुओ "" की नीलामी से की हैं | वे भूल गए की वह युग  दो हज़ार  वर्ष पूर्व का था , आज के प्रजातन्त्र मे  किसी की भी नीलामी -उसके मर्ज़ी के बिना अनहि हो सकती |  इस विवाद की तुलना मे उन्होने ने  कोला कांड का ज़िक्र भी किया हैं , परंतु भूल गए की  भा ज पा  के तीन नेता  अरुण जेटली - अनुराग ठाकुर  और  पार्टी के नए चेहरे ""नरेंद्र मोदी "" भी  क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के गुजरात  इकाई  के  अधृयक्ष भी हैं !  अब इस बारे मे वे टिप्पणी करना  भूल गए | 

                    दरअसल  अपने अलावा  सबको गलत और भ्रष्ट  समझने वाले ""लोगो """ को सिर्फ उनही घटनाओ और बाटो को याद रखने की बीमारी होती हैं जो उनके तर्क को बल देती हो | साथ ही उन घटनाओ और तर्को को ""भूल जाने की बीमारी "" होती हैं | आई  पी एल  विवाद के बारे  मे उनके लिखना ऐसा ही तथ्य और तर्क हैं | इस विवाद के लिए केंद्र सरकार को  दोष देना ऐसी ही एक चाल हैं |  जिसे कोई  भी समझ नहीं पाएगा , सिर्फ उन लोगो के ""जो "" काँग्रेस मुक्त भारत की कल्पना कर रहे हैं |