आडवाणी --मोदी विवाद सुलझाते गुरुमूर्ती क्रिकेट के विवाद मे उलझे
मोदी और आडवाणी की रस्साकशी मे बीच - बचाव करने आए राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के "" थिंक टैक "" कहे जाने वाले एस गुरुमुरथी , जो काफी समय से मीडिया और अखबारो से नदारद थे | परंतु इस विवाद से सुर्ख़ियो मे आए गुरुमुरथी ने क्रिकेट के आई पी एल के विवाद मे कलम चलायी हैं | जिसमे उन्होने लिखा हैं की , इस खेल मे खिलाड़ियो की नीलामी की तुलना बेबीलोन मे होने वाली ""वधुओ "" की नीलामी से की हैं | वे भूल गए की वह युग दो हज़ार वर्ष पूर्व का था , आज के प्रजातन्त्र मे किसी की भी नीलामी -उसके मर्ज़ी के बिना अनहि हो सकती | इस विवाद की तुलना मे उन्होने ने कोला कांड का ज़िक्र भी किया हैं , परंतु भूल गए की भा ज पा के तीन नेता अरुण जेटली - अनुराग ठाकुर और पार्टी के नए चेहरे ""नरेंद्र मोदी "" भी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के गुजरात इकाई के अधृयक्ष भी हैं ! अब इस बारे मे वे टिप्पणी करना भूल गए |
दरअसल अपने अलावा सबको गलत और भ्रष्ट समझने वाले ""लोगो """ को सिर्फ उनही घटनाओ और बाटो को याद रखने की बीमारी होती हैं जो उनके तर्क को बल देती हो | साथ ही उन घटनाओ और तर्को को ""भूल जाने की बीमारी "" होती हैं | आई पी एल विवाद के बारे मे उनके लिखना ऐसा ही तथ्य और तर्क हैं | इस विवाद के लिए केंद्र सरकार को दोष देना ऐसी ही एक चाल हैं | जिसे कोई भी समझ नहीं पाएगा , सिर्फ उन लोगो के ""जो "" काँग्रेस मुक्त भारत की कल्पना कर रहे हैं |
मोदी और आडवाणी की रस्साकशी मे बीच - बचाव करने आए राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के "" थिंक टैक "" कहे जाने वाले एस गुरुमुरथी , जो काफी समय से मीडिया और अखबारो से नदारद थे | परंतु इस विवाद से सुर्ख़ियो मे आए गुरुमुरथी ने क्रिकेट के आई पी एल के विवाद मे कलम चलायी हैं | जिसमे उन्होने लिखा हैं की , इस खेल मे खिलाड़ियो की नीलामी की तुलना बेबीलोन मे होने वाली ""वधुओ "" की नीलामी से की हैं | वे भूल गए की वह युग दो हज़ार वर्ष पूर्व का था , आज के प्रजातन्त्र मे किसी की भी नीलामी -उसके मर्ज़ी के बिना अनहि हो सकती | इस विवाद की तुलना मे उन्होने ने कोला कांड का ज़िक्र भी किया हैं , परंतु भूल गए की भा ज पा के तीन नेता अरुण जेटली - अनुराग ठाकुर और पार्टी के नए चेहरे ""नरेंद्र मोदी "" भी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के गुजरात इकाई के अधृयक्ष भी हैं ! अब इस बारे मे वे टिप्पणी करना भूल गए |
दरअसल अपने अलावा सबको गलत और भ्रष्ट समझने वाले ""लोगो """ को सिर्फ उनही घटनाओ और बाटो को याद रखने की बीमारी होती हैं जो उनके तर्क को बल देती हो | साथ ही उन घटनाओ और तर्को को ""भूल जाने की बीमारी "" होती हैं | आई पी एल विवाद के बारे मे उनके लिखना ऐसा ही तथ्य और तर्क हैं | इस विवाद के लिए केंद्र सरकार को दोष देना ऐसी ही एक चाल हैं | जिसे कोई भी समझ नहीं पाएगा , सिर्फ उन लोगो के ""जो "" काँग्रेस मुक्त भारत की कल्पना कर रहे हैं |
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