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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 19, 2022

 

  स्मार्ट सिटी के  सैकड़ो  आवास  महीनो से खाली – सरकार मौन !

                              

                            प्रदेश की राजधानी भोपाल  के मुख्य बाज़ार न्यू मार्केट  में स्मार्ट सिटी द्वरा बनाई गयी आठ बिल्डिंगों के सैकड़ो  फ्लैट   दस माह से खाली पड़े हुए , उन सरकारी सेवाको को मुंह चिड़ा रहे हैं | जबकि  सरकार ने यह भूमि स्मार्ट सिटी को  शासकीय आवास बनाने  के लिए ही दिये थे |  सरकार के साथ हुए अनुबंध के अनुसार  इन आकाश  चुम्बी 16 मंजिलों  की इमारतों  को देख कर  किराए के मकानो में रह रहे सैकड़ो  सरकारी  कर्मचारी  ,अपनी किस्मत को कोशते हैं , की  कब इन भवनो में लोगो को रहने का मौका मिलेगा !   वैसे अब स्मार्ट सिटी  का अमला  आज कल सड़क  निर्माण पर ज्यादा ज़ोर दे रहा हैं | इसलिए उसका ध्यान इस बनी हुई इमारत  में  लिफ्ट – पेय जल और सीवर  की सुविधा  सुलभ कराने  में दिलचस्पी कम हो गयाई हैं | क्यूंकी  इन सुविधाओ को सुलभ कराने के लिए नगर निगम  से तालमेल बिठाना होगा |

                                               मुख्य मंत्री शिवराज सिंह  जी प्रदेश में  उन अधिकारियों को  मंच से ही दंडित कर रहे हैं | परंतु  राजधानी के दिल -न्यू मार्केट  से सटे हुए इलाके में  सोलह मंज़िला ये आठ इमारते  महीनो से खाली पड़ी हैं | इस “”बे चिरागी “ इलाके में  जल्द ही अगर सरकार ने कोई कोई कदम नहीं उठाया ,तो इनकी भी हालत  शहर  की सदको की तरह हो जाएगी | जिनकी साल में दो से तीन बार विभाग निर्माण तो करता हैं , पर  ठेकेदार की कृपा के कारण  वे कुछ ही डीनो में मुंह खोल देती हैं |  फिर  दरार  और उसके बाद गढ़धे  दिखाई पड़ने लगते हैं |  जैसा की न्यू मार्केट और रंग महल के चौराहो पर देखा जा सकता हैं | अनेक बार  नगर निगम और पीडबल्यूडी  इनको सुधरवाने  का काम करती हैं | परंतु  निर्माण  भी सरकार के समान  ही अस्थायी ही होता हैं | 

                                    ताज्जुब  की बात यह हैं की  इस रास्ते से  सरकार के आला अफसरो  और मंत्रियो  की गाड़िया हुटर बजाती हुई  दिन में कई बार निकलती हैं , पर उन्हे सड़क  के गड्ढे  और इन बे  फुल्ल पेज  विज्ञापन देकर  दावा किया हैं की  23 हज़ार  एकड़ भूमि को माफिया से मुक्त कराया हैं ! अच्छा हैं , परंतु जो भूमि  सरकार या उसके विभागो के पास आधिपत्य में हैं  उसका तो घोषित उपयोग  हो |  सरकारी विज्ञापन के अनुसार   यह जमीन  भोपाल शहर  के बाहर जुडीसियल अकेदेमी  और लॉं    के बाद हैं |   सरकार में एक आदात   सी हो गयी हैं की --- रोज रोज  नयी  नयी घोसनाए करना  ,जिससे की  जनता को लगे की उदघाटन  हो गया तो , लोगो को आस बांध जाती हैं , की चलो कुछ तो अच्छा  होगा | परंतु  उनकी आशाओ पर तब पाला म्मार जाता हैं , जब महीनो और सालो गुजर जाने के बाद  भी सिर्फ शिलान्यास का पत्थर  मुंह चिड़ाता  हैं |

                              अब  मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी को  स्मार्ट सिटी के इस प्रोजेक्ट   को शिघ्र्स -शीघ्र   पूर्ण  कराकर   लोगो को यानहा रहने  की चाभी  प्रदान करे | वरना  न्यू मार्केट से लगे इलाके में ही  गैमन इंडिया की आकाश छूती  बिल्डिंग भी एक ओर बनती जा रही हैं , दूसरी ओर  सालो पहले बने  फ्लैट  का प्लास्टर  अब गिर रहा हैं  | सेनेटरी  फिटटिंग्स  और दरवाजे भी बरसात में टेड़े  हो चुके हैं | परंतु भूतल पर बड़ी – बड़ी  कंपनियो  के शो रूम और दुकाने की रात में   दिवाली  सी मनती हैं | वनही यह भी  सत्या हैं की  बिल्डिंग के पहले किरायेदारों  में से शायद ही कोई बचा हो | हर महीने  या दो महीने में कोई   दुकानवनही दार  अपना बोरिया बिस्तर बांध कर  चल देता है | वनही  हफ्ते  या दो सप्ताह बाद  फिर एक नया बोर्ड  लग जाता है |