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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 8, 2017

चुनाव के स्वांग से मिले बहुमत से संवोधानिक व्यवस्था और
मर्यादा को कुचले जाने से निकलती कराह

वेनज़ुएला मे नया संविधान लिखने के लिए हुए तथाकथित चुनाव मे निर्वाचित सदस्यो ने पहला आदेश देश की महाधिवक्ता को बरख़ाष्त करने का फैसला किया !! अब यह अपने आप मे उन सदस्यो की राष्ट्रपति मदुरों के प्रति स्वामिभक्ति को ही दर्शाती है | यद्यपि वंहा की जनता ने नए चुनाव का विरोध किया था | क्योंकि पुराने संविधान मे नयायपालिका और विधायिका तथा राष्ट्रपति के अधिकारो मे "”संतुलन "” था | नए संविधान मे सारी शक्तिया राष्ट्रपति के हाथो मे केन्द्रित है | संसद को भी भंग करने का अधिकार भी राष्ट्रपति के हाथो मे है | क्या यह तानशाह बनने की ओर एक कदम नहीं है ?
कुछ इसी प्रकार तुर्की मे आर्डूयान ने भी तथाकथित रूप से जनमत संग्रह कराकर संविधान मे परिवर्तन कर के सारी शक्तिया स्वयं मे निहित कर ली | नागरिक अधिकारो की अवहेलना के लिए योरोपियन यूनियन ने उन्हे चेतावनी दी है -की यदि उनकी सरकार ने सुधार नहीं किया तो उनको वोट देने का अधिकार नहीं होगा | क्या सारी ताकते एक स्थान पर केन्द्रित होना प्रजातन्त्र के लिए खतरनाक है की नहीं ??
पोलैंड मे भी इसी प्रकार की कोशिस जस्टिश पार्टी ने बहुमत के सहारे सुप्रीम कोर्ट के जजो को नियुक्ति और पदावनती के अधिकार संसद के हाथो मे लेने का बिल पास कर दिया | पार्टी के नेताओ को भरोसा था की उनकी ही पार्टी के राष्ट्रपति इस बिल को कानून बनाने की मंजूरी दे देंगे | परंतु राष्ट्र व्यापी विरोध और जन आंदोलन को देखते हुए राष्ट्रपति ने बिल पर "”वीटो"” का प्रयोग करने की सार्वजनिक रूप से घोषणा की |
कुछ ऐसा ही घटनाक्रम अमेरिका मे भी हुआ | परंतु राष्ट्रपति ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का संसद के दोनों सदनो मे बहुमत होने के पश्चात भी सांसदो ने उनके हेल्थ केयर बिल और रूस से ट्रम्प के संबंधो की जांच कर रहे "विशेष अभियोजक मुल्लर "” को सुरक्षा देने के लिए सीनेट के सदस्यो ने विशेस प्रविधान करने का बिल लायेंगे | ट्रम्प ने अपने पार्टी के सदस्यो की इस कोशिश की निंदा करते हुए -उन्हे भले बुरे ट्वीट भी किए |
अब सवाल है की जिन देशो मे लोकतान्त्रिक संविधान थे वंहा के शासको ने उसे तोड़ मरोड़ कर तानाशाही हुकूमत बनाने की कोशिस की | वंही अमेरिका ऐसे देश मे पार्टी के सदस्यो ने अपने राष्ट्रपति की "”बेज़ा इरादो ''को कानून बनने से रोक दिया | क्या ऐसी कोशिस अन्य प्रजातांत्रिक देशो मे संभव है ?? संविधान को बहुमत से कुचलने की कोशिस हमेशा से सत्ता पिपासु नेता करते है | अब सवाल है की क्या इन देशो मे नागरिक अपने अधिकारो के लिए कितनी कीमत देने को तैयार है ??