Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Apr 22, 2022

 

हुज़ूर -बस उजाड्ने की नोटिस तो देते -आखिर जीने का हक़ तो है



सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार जहांगीरीपुरी में उन अधिकारियों को अपने रेडार पर ले लिया है , जिनहोने तोड़ फोड़ पर अदालत के स्थगन के आदेश के बाद भी -मकान और दुकान को तोड़ना जारी रखा था , यह कहते हुए की हमे तो आदेश नहीं मिला ? मतलब अदालत ने उन्हे नहीं बताया है ! जब वृन्दा कारत ने रेजिस्ट्रार का हुकुमनामा दिखाया तब तक फैसला हुए दो घंटे हो चुके थे और ईस समय के दौरान मस्जिद को चोट पहुंचाई जा चुकी थी |

निगम और पुलिस अधिकारियों की इस कोताही पर सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते बाद कारवाई का मन बनाया हैं |अदालत ने कहा जी वे सारे देश में अतिक्रमण कारवाई को रोक नहीं सकता , और अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर की जरूरत होती हैं |

यानहा दो सवाल अहम हैं - अतिक्रमण या अवैध कब्जा या निर्माण की रोकथाम स्थानीय निकाय की ज़िम्मेदारी नहीं ? आखिर सुप्रीम कोर्ट ने ही तो 1700 करोड़ कीमत वाली नोएडा स्थित "”ट्विन टावर "” को बारूद से उड़ाने का फैसला किया हैं | बस बात इतनी हैं की गुरुग्राम और नोएडा में बहुमंजली इमारतों के तामीर {बनते } समय स्थानीय निकायो के जिम्मेदार लोग क्या कर रहे थे ? परंतु अवैध निर्माण या क़ब्ज़े के खिलाफ कारवाई के जिम्मेदारो के खिलाफ कोई कारवाई -कभी नहीं हुई ! अब ट्विन टावर में जिन लोगो ने फ्लॅट खरीदे थे वे भी उसी तरह ठगे हुए हैं --जैसे जहाँगीर पुरी के बाशिंदे | बस दो ही अंतर है फ्लॅट के दावेदारों में हिन्दू हैं तो जनहगीर पुरी में उजड़ने वाले मुस्लिम हैं , और वे गरीब भी हैं ,रोज कमाओ तब खाना_---- पाओ की हालत हैं | यह बुलडोजर संसक्राति हिंसक घटनाओ या धार्मिक दंगो ---- में एक वर्ग विशेस को निशाना बनाया जा रहा है | उनकी संपत्ति लूटी जाती है घर तोड़े जाते हैं और फिर वे ही अभियुक्त बनाए जाते हैं |

खरगोन हो या खंडवा दिल्ली हो कोई और जगह , जनहा इन दो धर्मो वालो के बीच विवाद होता तो झगड़ा सांप्रदायिक दंगा बन जाता है | सलिसीटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की वनहा हिन्दुओ की 88 संपत्ति टोडी गयी { गौर करे अतिक्रमण हटाया नहीं गया }जबकि मुस्लिमो की कुल 22 संपति ! पर उन्होने यह नहीं बताया की 148 गिरफ्तार लोगो में मात्र 6 हिन्दू है शेष मुस्लिम हैं | उन्होने कहा की अतिक्रमण हटाने के नोटिस 2021 में दिये जा चुके थे | शायद इसी लिए प्रदेश सरकार दंगे में टूटे घरो का पुनर्निर्माण कराएगी | सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया की नगर निगम सैनिक फार्म और गोल्फ लिंक्स में हो रहे अवैध निर्माणों पर नज़र नहीं डालती , क्यूंकी वो लोग रसूख और धनवान हैं | कारवाई सिर्फ इन जैसे गरीबो पर ही होती है | क्यूंकी सैनिक फार्म के रहवासी निगम और उसके अफसरो पर भारी हैं |

दुष्यंत दवे ने कहा की अतिक्रमण हटाने के लिए 5 से 15 दिन का नोटिस देना कानूनी जरूरत है जबकि दिल्ली में 1731 अवैध कालोनिया है ,जिनमें 50 लाख लोग रहते हैं | अधिकतर रोज कमाने और रोज खाने वाले लोग हैं |

अनेक केंद्रीय और प्रदेश कानूनों में स्पश्स्त किया गया हैं की खराब मौसम और रात में तोड़ फोड़ और हटाने की कारवाई नहीं की जाएगी | इन हालातो और कानूनों की मौजूदगी में इन भुक्तभोगियों की इतनी सी ही मांग हैं की "” उजाड़ तो दोगे पर कान्हा बसाओगे और कितने दिन में ,बस इतना ही मागना है "” देश की सर्वोच्च अदालत से देश में धार्मिक नफरत के चलते सरकार और प्रशासान एयक तरफा कारवाई ना करे , मनोज तिवारी का दावा की बुलडोजर फिर चलेगा अभी तो अदालत के आदेश से हाल्ट हो गया हैं |