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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 16, 2015

स्थानीय चुनाव -नेतागायब उम्मीदवार चित

स्थानीय चुनाव -नेतागायब उम्मीदवार चित

      प्रसिद्ध  उद्योगपति   राहुल बज़ाज़  ने हाल मे दिये एक बयान मे कहा था की  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  अब अपनी ""चमक"" खो रहे है | उनके कथन का आधार था की दिल्ली विधान सभा चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी  की करारी पराजय  के उपरांत बंगाल मे हुए स्थानीय निकाय के चुनावो मे ममता बनर्जी  की पार्टी त्रणमूल ने सभी संस्थाओ  पर कब्जा कर लिया है | उनके बयान मे स्थानीय निकायो की अहमियत  स्पष्ट थी | इस आधार पर हम मध्य प्रदेश मे हुए स्थानीय चुनावो के परिणामो ने  बज़ाज़ के कथन से यह साफ हो गया की काँग्रेस पार्टी अपनी चमक खो रही है |
          इन परिणामो और उम्मीदवारों की चयन  की प्रक्रिया की जानकारी होने के कारण काँग्रेस के बारे मे सिर्फ यही कहा जा सकता है की  प्रदेश के ""त्रिगुट """ ने अपने  इलाको मे उम्मीदवार तो हाई कमान  से मंजूर करा कर ले आए और चुनाव के अखाड़े  मे उतार दिया | परंतु खुद  खलीफा  दंगल से गायब हो गए |बिना गुरु के इन ''बेचारे को तो  चित होना ही था ||बारह  निकायो मे दो नगर निगम --उज्जैन और मुरैना मे बीजेपी के उम्मीदवार  अपने काँग्रेस प्रतिद्वंदी से काफी आगे है|  तीन नगर पालिका विदिशा -हरदा  और सारंगपुर  तथा   बेतुल -सतना- मंदसौर -रीवा की नगर पंचायतों  मे सत्तारूड दल की पकड़ मजबूत है | छतरपुर की धुआरा नगर पंचायत  मे  निर्दलीय ने दोनों डालो के समीकरण बिगाड़ दिये है |

       

स्थानीय चुनाव -नेतागायब उम्मीदवार चित

स्थानीय चुनाव -नेतागायब उम्मीदवार चित

      प्रसिद्ध  उद्योगपति   राहुल बज़ाज़  ने हाल मे दिये एक बयान मे कहा था की  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  अब अपनी ""चमक"" खो रहे है | उनके कथन का आधार था की दिल्ली विधान सभा चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी  की करारी पराजय  के उपरांत बंगाल मे हुए स्थानीय निकाय के चुनावो मे ममता बनर्जी  की पार्टी त्रणमूल ने सभी संस्थाओ  पर कब्जा कर लिया है | उनके बयान मे स्थानीय निकायो की अहमियत  स्पष्ट थी | इस आधार पर हम मध्य प्रदेश मे हुए स्थानीय चुनावो के परिणामो ने  बज़ाज़ के कथन से यह साफ हो गया की काँग्रेस पार्टी अपनी चमक खो रही है |
          इन परिणामो और उम्मीदवारों की चयन  की प्रक्रिया की जानकारी होने के कारण काँग्रेस के बारे मे सिर्फ यही कहा जा सकता है की  प्रदेश के ""त्रिगुट """ ने अपने  इलाको मे उम्मीदवार तो हाई कमान  से मंजूर करा कर ले आए और चुनाव के अखाड़े  मे उतार दिया | परंतु खुद  खलीफा  दंगल से गायब हो गए |बिना गुरु के इन ''बेचारे को तो  चित होना ही था ||बारह  निकायो मे दो नगर निगम --उज्जैन और मुरैना मे बीजेपी के उम्मीदवार  अपने काँग्रेस प्रतिद्वंदी से काफी आगे है|  तीन नगर पालिका विदिशा -हरदा  और सारंगपुर  तथा   बेतुल -सतना- मंदसौर -रीवा की नगर पंचायतों  मे सत्तारूड दल की पकड़ मजबूत है | छतरपुर की धुआरा नगर पंचायत  मे  निर्दलीय ने दोनों डालो के समीकरण बिगाड़ दिये है |