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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Oct 8, 2021

 

लखीमपुर कांड

यौगी सरकार की नियत पर संदेह और पुलिस नाकारा !


संभवतः आज़ादी के बाद सर्वोच्च न्यायालय में किसी प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी और राजनैतिक नेत्रत्व पर इतने कड़े संदेह व्यक्त किए और उनकी नियत पर भी शक ज़ाहिर किया | इसके पहले भी यू पी के मुख्य मंत्री कल्याण सिंह ने अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया था -जो झूठ सिद्धह हुआ तब भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे एक दिन की क़ैद की सज़ा दी थी | जो उन्होने सुप्रीम कोर्ट में बैठ कर काटी थी !!!!

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रमन्ना ने शुक्रवार को खुली अदालत में लखीमपुर -खेरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीस मिश्रा जो चार किसान आन्दोलंकारियों को कुचल कर मार डालने के आरोपी हैं , उनकी गिरफ्तारी नहीं होने पर रोष व्यक्त किया | उन्होने यू पी सरकार के वकील हरीश सालवे से सवाल किया की "”” क्या हत्या के आरोपियों के साथ ऐसा ही व्यवहार होता हैं , की उनके घर पर जा कर सम्मन चिपका दिया जाये ? उन्हे क्यू नहीं गिरफ्तार किया जा सका | सालवे ऐसे बड़े वकील का यह तर्क की "पोस्ट मार्टम में गोली लगने का सबूत नहीं मिला हैं "” अब सवाल यह हैं की अदालत ने यह नहीं पूछा था की किसानो की मौत गोली से हुई थी अथवा कार से कुचले जाने से हुई ? जौस्टिस रमन्ना ने कहा की इस कांड की जांच स्थानीय पुलिस जन कर रहे हैं ---उनसे न्याया की उम्मीद नहीं की जा सकती हैं | अदालत ने पूछा की क्या इस घटना की जांच किसी और एजेंसी से कराई जा सकती हैं < तब सालवे जी ने कहा सीबीआई से ---इस पर जज साहब ने कहा की सीबीआई के बारे में हम बहुत कुछ जानते हैं पर कहना नहीं चाहते !

बॉक्स --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

सुप्रीम्म कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया की अगर शनिवार को अशीस मिश्रा पुलिस के सामने पेश नहीं होते है तब उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा ! वैसे यह वही पुलिस हैं जो हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी में असफल होने के बाद उनके घरो को बुल्ल्दोजर से खोद डालती हैं | योगी जी का हुकुम हैं की अगर आरोपी अगर ना मिले तो घर नेस्तनाबूद कर दो | पर योगी आदित्यनाथ की यह हुंकार लखीमपुर कांड में मिमिया रही है | छाए कानपुर के विकास मिश्रा रहे हो अथवा अंसारी के भाई का भवन हो सभी को बिना न्यायिक आदेश के मिट्टी में मिला दिया गया हैं |

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अदालत के सवालो से बौखलाए योगी जी ने हाइ कोर्ट के सेवानिव्रत जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को इस घटना की जांच के लिए नियुक्त किया हैं | परंतु जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने "”कहा की इस घटना की जांच के लिए किसी और एजेंसी हो सकती हैं ? यह एक संकेत हो सकता हैं की उत्तर प्रदेश सरकार के हाथ से जांच का अधिकार लेकर किसी अन्य निकाय से सम्पूर्ण प्रकरण की जांच कराई जाये | क्यूंकी अदालत ने अपना रुख साफ करते हुए कहा की लोगो को न्याया मिले और ऐसा लगे की न्याय हुआ हैं | यह बहुत महत्वपूर्ण संकेत हैं \ क्यूंकी योगी जी ने खुद अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमो को इलाहाबाद हाइ कोर्ट की सहमति से वापस करा लिया हैं | मुजफ्फरपुर कांड में जिसमें हिन्दू जाटो ने मुस्लिमो पर गाय काटने के आरोप में भीड़ बना कर हमला किया था | अखिलेश यादव सरकार ने 70 से अधिक लोगो के खिलाफ मुकदमा दायर किया था | परंतु योगी सरकार ने हत्या के आरोपियों के वीरुध चल रहे मामले वापस ले लिए | इसी प्रकार बुलंदशहर में मुस्लिमो के धार्मिक "””इजतिमा"” को खराब करने के लिए बजरंग दल और आरएसएस के समर्थको ने वनहा के पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी | पर महीनो तक संघ कए कार्यकर्ता और बजरंग दल के संयोजक के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई | सबसे दुखद बात यह थी की इस घटना पर ना तो वारिस्थ पुलिस अधिकारियों ने और ना ही राज्य शासन ने कोई कारवाई की |

इस संदर्भा में सुप्रीम कोर्ट का यह सोचना वाजिब ही हैं की ---योगी सरकार और उनकी पुलिस इस मामले में दोषियो को दंड नहीं दिलाएगी ,वरन उसे बचाने का काम करेगी | रविवार को हुई इस दुखद घटना के बाद अतिरिक्त महानिदेशक -शांति व्ययस्था और आयुक्त राकेश टिकैत को लेकर इस मुद्दे को शांत करने के लिए तीन म्र्तक किसानो के परिजनो को 45 -45 लाख और नौकरी देने का वाद कर आए | उनका मकसद था की किसान कनही मारे हुए किसानो की लाश को लेयकर धरणे पर बैठ गए तब राज्य में और पड़ोसी प्रदेसों में हिंसा की लहर भड़क जाएगी | मारे गए किसान सिख हैं और किसान आंदोलन में 11 माह से ज़ाट और सिख तीनों क्रशि कानूनों काहुके हैं | विरोध कर रहे हैं | इन आंदोलन करियों के 00 से अधिक साथी प्राण गंवा चुके हैं |

परंतु अब मामला मुआवजे से बहुत आगे बाद गया हैं , पंजाब और छतीसगरह सरकारो ने चार किसानो और एक मारे गए पत्रकार को 50 - 50 लाख देने की घोसना की हैं |

इन संदर्भों में सुप्रीम कोर्ट 20 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट खुलने के बाद क्या फैसला लेता हैं म यह देखने वाली बात होगी |

फिलहाल तो योगी जी और उनकी पार्टी के नेता अगले 12 दिन तक तलवार की धार पर खड़े रहेंगे जब तक सुप्रीम कोर्ट जांच और पुलिस कारवाई पर कोई कारवाई नहीं करे |