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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 3, 2015

आखिर क्यो नहीं जसोदा बेन को उनकी ''स्थिति''' को स्पष्ट किया जाता है ??

           
आखिर  क्यो नहीं जसोदा बेन  को उनकी ''स्थिति''' को स्पष्ट  किया जाता है ??
                         वे अपीलीय अधिकारी के पास अपील करे -----पर क्या वे ऐसा करेंगी ???? यह करोड़ रुपये का सवाल है |  ???

                             देश के विशिस्ट जानो की सुरक्षा के लिए ''' स्पेशल   प्रोटेक्सन  ग्रूप """" अधिनियम      बनाया गया ,, इस के अंतर्गत  प्रधान मंत्री और उनके परिवार  जनो के लिए   सुरक्षा  कवच  प्रदान करना ही
 इस विशेस  बल का उद्देस्य रखा गया है | इस अधिनियम मे एक संशोधन पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के
  परिवार के सदस्यो के लिए किया गया | अधिनियम के अनुसार ''यह  सुरक्षा  कवच ''' प्रधान मंत्री  पद पर  आसीन व्यक्ति  और उसके परिवार को ही मिलती है | पद से मुक्त होने के बाद भी उन्हे सुरक्षा    दी तो जाती है ,,,परंतु उसकी  श्रेणी  घटा दी जाती है ,, एवं परिवार  जानो की सुरकशा वापस ले ली जाती है | परंतु राजीव गांधी के परिवार का  सुरक्षा कवच  यथावत है | जो संसोधन के कारण संभव हुआ | क्योंकि उनके '''जीवन  को देश और   विदेश के आतंकियो से खतरा हो """"|

                                                                 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की धर्म पत्नी  जसोदा बेन  को भी  '''सुरक्षा
  कवर इसी अधिनियम के तहत प्रदान की जा रही है | उन्हे 24 घंटे  सुरक्षा कर्मियों की निगाह मे रहना होता है
 वे काही भी आए -जाये तो उनके पीछे  साये की तरह लगे रहते है | प्राथमिक स्कूल की अवकाश प्राप्त  शिक्षक
  जसोदा बेन  को यह '''' कवर '''' कुछ झंझट  लगा |  उन्होने पहले तो इससे मुक्ति पाने की ''''सहज'''' कोशिस
  की परंतु वे नाकामयाब  रही |  सुरक्षा को नकारने  के लिए  उन्होने  कहा की ''''इंदिरा गांधी  को भी इतनी
  सुरक्षा  मिली थी फिर उनही के सुरक्षा कर्मियों  ने उनकी हत्या कर दी || इसलिए  इन अंगरक्षकों  की जरूरत नहीं है || परंतु  प्रशासन  ने उनके ''आग्रह '''को अमान्य कर दिया || तब उन्होने  एक प्रार्थना पत्र देकर  प्रधान
  मंत्री की  पत्नी की '''कानूनी स्थिति जाननी ''''' चाही थी || परंतु इस पत्र के जवाब मे  '''गोपनियता''' का कारण
  बता कर जवाब नहीं दिया गया || तब उन्होने अंतिम उपाय के रूप मे एक भारतीय नागरिक के अधिकारो का उपयोग करते  हुए   ''''सूचना के अधिकार  ''' का उपयोग किया |  संबन्धित अधिकारी  ने उन्हे यह बताने की कोशिस  नहीं की '''''प्रधान मंत्री  की धर्म पत्नी''' की क्या स्थिति है ????? अब एक ही चारा उनके पास बचा है की  वे अपीलीय अधिकारी के पास अपील करे -----पर क्या वे ऐसा करेंगी ???? यह करोड़ रुपये का सवाल है |