राहुल गांधी और मणिपुर; सत्ता दल का नासूर
अदालत में रुसवाई का
बदला बीजेपी ने लोकसभा मे निकाला !
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के बाद लोकसभा में उनकी मौजूदगी
का जश्न सत्तारुड दल के सांसदो ने
शोरगुल मचाकर और नारे लगा कर किया !!
वैसे सत्ताधिशो के लिए सावन का यह सोमवार बहुत अशुभ साबित हुआ , क्यूंकी एक ओर मणिपुर नर
संहार के मामले में वनहा के पुलिस महानिदेशक की सुप्रीम कोर्ट में
पेशी हुई | जिसमें उनसे 90 दिनो से
अधिक तक चले जातीय स्ंघ्श्रश के दौरान
पुलिस की भूमिका के बारे में सवाल पूच्छे गए थे | बहरहाल
बीजेपी सांसदो ने एक बार फिर काँग्रेस पर फिर उस गिरोह का होने का आरोप
लगाया ----जिसके अस्तित्व को उनके बड़े
नेता ,जी हाँ गृह मंत्री
अमित शाह इसी सदन में नकार चुके है
! हैं ना अचरज ! किस्सा –कोताह यह की राहुल और काँग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया की
वे पंडित जवाहर ल नेहरू की नीति पर चल कर
देश को हिन्दू राष्ट्र बनने के बाधक है
! खैर सभापति को इस हो हल्ले के बीच सदन
को दो बजे तक स्थगित कर दिया |
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ज्यादा “”भक्त गण “” मणिपुर और नूह में
जातीय और सांप्रदायिक दंगो पर सर्वोच्च न्यायालय द्वरा “”स्वयं सज्ञान”” लिए जाने से पगलाए हुए थे ! क्यूंकी उनका भी वही तर्क था जो
स्म्रती ईरानी और लेखी उठा चुकी थी ----यानि दो महिलाओ की नगन परेड और बाद में बलात्कार जैसी घटनाए तो बंगाल और राजस्थान में भी हुई-
फिर उनपर क्यू नहीं स्वतः स्ंग्यान ? प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने मोदी सरकार की इन महिला मंत्रियो
के तर्क को सिरे से खारिज करते हुए कहा था
“” मणिपुर कांड की तुलना इन राज्यो में हुए अपराधो से नहीं की जा सकती “ “”
बस यही फैसला भक्तो
के सड़क छाप से लेकर बुद्धिजीवी पत्रकार
और साहित्यकार तक भड़क गये | उनका सारा गुस्सा अब काँग्रेस और राहुल तथा इंडिया गठबंधन से हट कर
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान नयायाधीश
की “””हैसियत “” और अधिकारो
को बताने में निकला !! एक फटीचर
नुमा भक्त जिनहोने यूट्यूब पर एक क्लिप
डाली है की “”जिसमें वे वे प्रधान
न्यायाधीश चंद्रचूड़ को धम्काते
हुए कह रहे हैं “” तेरी औकात क्या है , तू कुछ नहीं
कर सकता कार की टक्कर भी हो जाए तो पुलिस ही करेगी !! “ दूसरे
सीनियर सज्जन ने जो पत्रकार रह चुके है ---उन्होने भी अदालत की उस
टिप्पणी पर आपति की जिसमें मणिपुर
में संवैधानिक व्यवस्था असफल हो
जाने , और केंद्र की पहल
की गैर हाजिरी में स्वतः व्यसथा
करने की बात काही गयी थी !! सवाल पूछा गया
की अगर व्यवस्था और शांति बहाली का काम
“”अदालत “” करेगी तब राज्य सरकरे क्या
करेंगी ????
दोनों ही भक्तो ने संविधान को
नकारते हुए –सुप्रीम कोर्ट से “केवल लंबित
मुकदमो को जल्दी फैसला करना ही हैं !
मुझे याद आता है की यही भक्त गण उत्तराखंड की हरीश चंद्र रावत की सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने के आदेश को
वनहा के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जोसफ ने
जब “” असंवैधानिक “ बता कर सरकार को सदन में , न्यायालय के प्रतिनिधि की निगरानी में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था | तब भी बीजेपी के एक राष्ट्रीय महासचिव ने भी ऐसी ही टिप्पणी की थी “” अब अदालत राष्ट्रपति के आदेश को भी नहीं मानेगी ? तब न्यायमूर्ति जोसफ ने कहा था की “” वे कोई सम्राट नहीं
है “” | तब भी भक्तो ने उनके आदेश को गैर कानूनी बताते हुए कहा
था की -- वे कैसे उस संस्था के आदेश को चुनौती
दे सकते है –जिसने उन्हे नियुक्त किया है ? खैर भक्तो ने उनके
संबंधो में काँग्रेस और हिन्दू विरोधी तथ्य
खोजने शुरू किए थे |
किस्सा कोताह यह की दोनों महानुभावों
को संविधान को देखना चाहिये और
लोकतन्त्र में न्यायपालिका
की भूमिका को समझना चाहिए | अमेरिका में भी वनहा के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ,जो
की प्रधान मंत्री नरेंन्द्र मोदी के बहुत बड़े दोस्त रहे है ---- आज उनको भी अदालत में दासियो मुकदमो का सामना करना पद रहा है ---अपनी जमानत
भी करवानी पड रही है !!!
इन भक्तो को न्यायपालिका मोदी जी के
हिन्दू राष्ट्र के सपने में बाधक लग रही है | अब हिन्दू
राष्ट्र के लिए 29 करोड़ मुसलमान और करोड़ ईसाई
तथा अन्य धर्मो के लोग बाधक बनेंगे , इसलिए ---- मणिपुर में ईसाई और हरियाणा
में मुसलमान बीजेपी सरकारो के निशाने पर है
|
इन भक्तो को संविधान का धरम निरपेक्छ होना भी बाधक लगता है | इसीलिए सत्ता महात्मा गांधी और पंडित नेहरू तथा इन्दिरा जी और राजीव गांधी के बलिदान को भी “”नफरत”” की नजर से देखती है | इसी लिए जब भी इन भक्तो
के नफरत के व्यापार को राहुल गांधी की “”मोहब्बत की दुकान “” खतम करते हुए लगती है |
बॉक्स
इन मोदी
भक्तो और हिन्दू राष्ट्र के भाग्य विधाता बनने की आशा पाले लोगो को यह समझना होगा की – इस देश को आज़ादी महात्मा गांधी और काँग्रेस तथा कई अन्य लोगो के प्रयास से मिली है | उसमें ना तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और ना ही उससे पैदा हुई जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की कोई भूमिका नहीं है | आज सरकार महात्मा गांधी की स्म्रती को चोरी – चोरी
खतम करना चाहती है – इसका उदाहरण है की महात्मा—विनोबा
– जयप्रकाश और आचार्य नरेंद्र देव द्वरा स्थापित
सर्वा सेवा संघ को और उसके द्वरा गांधी दर्शन प्रकाशित करने वाली 10 पत्रिकाओ के लाइसेंसे सरकार द्वरा रद्द कर दिये गए |
इतना ही नहीं साबरमती के संत के आश्रम को गुजरात की बीजेपी सरकार
ने हस्तगत करके वनहा पर सुरम्य अट्टालिका बनाने की योजना बनाई है | स्वला हैं महात्मा गांधी सादगी की
प्रतिमूर्ति थे | वे सुबह शाम कपड़ा बदल कर प्रार्थना सभा में नहीं जाते थे -- उनका आश्रम
उनकी स्म्रती को पुनर्जीवित करे ऐसी व्ययस्था वनहा की बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार तथा आरएसएस बिलकुल
नहीं चाहते | उनकी हिटलर शाही विचार धारा और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में ---- जातीय और धार्मिक नफरत जरूरी
ईंधन है | जिसका विरोध
राहुल
की कन्या कुमारी से श्री नगर की पद यात्रा
में दिखायी दिया | इस यात्रा के परिणामो से मौजूदा सरकारी निजाम बौखला गया है | जनहा प्रधान
मंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी मणिपुर के शरणार्थी शिविरो का दौरा नहीं कर पाये , उन
शिविरो में राहुल गांधी कुकी समुदाय के लोगो
सेमिलने गए | आज यह
साफ हो गया है की मणिपुर में कानून – व्यवस्था
बिलकुल भंग हो चुकी है | सुरक्षा बालो के अस्त्रागार लूटे
जा रहे अथवा सत्ता द्वरा मीतेई समुदाय के लोगो बांटे जा रहे है
--- जैसा की आरोप लगाया जा रहा है | जब केंद्र की सरकार अपना कर्तव्य निभाने में असफल हो जाए तब --- नागरिक कान्हा जाये ???? उत्तर है देश की सर्वोच्च न्याय पालिका
के सम्मुख ,,वही सुप्रीम
कोर्ट ने किया –खुद आगे आकर घटना पर कारवाई की | अब अगर
यह कारवाई भक्तो को अखर रही है –तो यह उनकी
तकलीफ है |