दिल्ली बिहार के चुनावो को बंगाल में दुहराते गृह मंत्री अमित शाह !!!!!
बंगाल में विधान सभा के चुनावो में बीजेपी ही नहीं वरन केंद्र सरकार भी ममता बनर्जी की त्रणमूल सरकार के खिलाफ चुनाव अभियान चला रही हैं ! जिस प्रकार बीजेपी अध्यक्ष की बुलेट प्रूफ कार पर एक पत्थर के लाग्ने से केंद्र और राज्यपाल ने सम्पूर्ण बंगाल की शांति व्यसथा पर सवालिया निशान लगते हुए बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को वापस बुला लिया हैः , उससे लगता हैं की मोदी और शाह को बंगाल के चुनावो को लेकर बड़ी चिंता हैं है ! क्योंकि साल की शुरुआत में दिल्ली क विधान सभा के चुनावो में जिस प्रकार केंद्रीय गृह मंत्री लाजपत नगर की सड्को में घर -घर समर्थन मांगने निकले थे , कुछ वैसी ही हताशा मिदनापुर और वीरभूमि के दौरो में दिखाई पड रही हैं | हालांकि चुनाव राजनीतिक दल लड़ते हैं ---- पर नरेंद्र मोदी के राज में केंद्रीय अमला और सरकार के साथ बीजेपी भी चुनाव मैदान में है ! इस अनीति का फल क्या होगा यह तो बंगाल के मतदाता ही बताएँगे | वैसे दिल्ली के चुनावो में भी सरकार और सत्ता धारी पार्टी चुनाव लड़ रही थी , तथा केंद्रीय चुनाव आयोग निर्वाचन नियमो की धज्जिया उड़ाए जाने पर मौन बैठा था ! दिल्ली के चुनावो में भी धरम को लेकर शाहीन बाग के धरणे को मुद्दा बना कर मुसलमानो के खिलाफ केंद्रीय मंत्री के नारे को भी अनदेखा कर दिया था | लेफ्टिनेंट गवर्नर को भी दिल्ली की केजरीवाल की सरकार को परेशान करने की सारी कोशीशे की गयी थी -----परंतु परिणाम सत्ता धारी पार्टी और केंद्रीय सरकार को निराश करने वाले ही रहे ! इसी प्रकार बिहार में भी अपने सहयोगी दल नितीश कुमार के जेडीयू को खतम करने के लिए चिराग पासवान के सहारे की जरूरत पड़ी | परंतु फिर भी तेजस्वी यादव की आर जे डी को नुकसान पाहुचने में ज्यड़ा सफल नहीं हुए | लाख कोशिसों के बावजूद भी बीजेपी को मिली जुली सरकार बनाने पर मजबूर होना पड़ा |
अब अमित शाह वही पुराने नारे दुहरा रहे हैं की बंगाल में विकास रुक गया हैं ---बीजेपी शासित राज्यो में विकास हुआ हैं आपने सभी को पार्टियो को सरकार बनाने का मौका दिया हैं 5 साल हमे भी दीजिये ! वैसे देश ऐसे ही वादे को भुगत रहा हैं की एक मौका हमे भी दीजिये | अब तो लगता हैं की चुनाव अगर ये पराजित हो गए तो कनही मोदी जी के दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प की भांति गद्दी छोडने से ही इंकार कर दे और भक्त जन देश में मार्शल ला लगाने की मांग करने लंगे | ,लाक डाउन के बाद बीजे शासित उत्तर परदेश और बिहार के निवासियों को जो अनुभव देश की जनता ने देखे वे अमित शाह के दावो को झूठा सिद्ध करते हैं | विरोधियो को राष्ट्र द्रोही और खुद को जनता का पालन हार मानने वाले मोदी और शाह ने :-
1- देश को नोटबंदी में बांध दिया , फल स्वरूप घरेलू बचत से चलने वाले बाजार की अर्थ व्यसथा को बर्बाद कर दिया | वादा किया था की इस कदम से काला धन बाहर आएगा ----परंतु मोदी जी सनक ने भांति - भांति के रंगो के नए नोट छ्प्वा कर ,गैर जरूरी खर्चा सरकार पर लाड़ दिया | पर न काला धन बाहर आया और नाही आतंकवादी गतिविधिया रुकी | जैसे चुनाव के पहले स्विट्जरलैंड के बैंको से काला धन लाकर सभी देश वासियो को 15 लाख देने का चुनावी वादा किया था , वैसे ही नोटबंदी झूठी साबित हुई | बाद में अमित शाह ने इसे "””जुमलेबाजी"” कहा था !
2 --जीएसटी लगा कर एक ओर राज्य सरकारो के बिक्री कर कराधान के अधिकार को अपने हाथ में ले लिया , बदले में राज्य सरकारो को मुआवजा देने वादा किया | परंतु वित्त मंत्री निर्मला सितारामन ने जीएसटी वसूली में कमी होने के कारण राज्यो को मुआवजे की राशि के बराबर रिजर्व बैंक से क़र्ज़ लेने पर मजबूर किया ! यानहा भी मोदी और शाह झुठे निकले | छोटे व्यापारियो को कागजी कारवाई में उलझा कर व्यापार को और कठिन बना दिया |
3-- प्रशासन का राजनीतिकरण ---- का आरोप लगाते हुए अमित शह के मन्त्र्लया ने बंगाल काडर के तीन अफसरो को राज्य सरकार की सहमति के बिना वापस बुला लिया | अपने राजनीतिक विरोधियो के खिलाफ इन्कम टैक्स के एंफोर्समेंट विंग द्वरा छापे मरवाना -जैसे कर्नाटक में काँग्रेस के नेय शिव कुआर के यानहा | बिहार चुनावो के पहले अभिनेता सुशांत द्वरा आतम हत्या किए जाने की घटना में सुप्रीम कोर्ट द्वरा महाराष्ट्र सरकार की असहमति के बावजुद सीबीआई और एनसीबी से जांच करवाना , जिससे की ठाकरे सरकार को बदनाम कर गिराया जा सके , जैसा मध्यप्रदेश में किया | किसान आंदोलन के चलते ईडी ने पंजाब के मुख्य मंत्री के सुपुत्र पर छापा मारा | अब किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले आदतियों को छापे की मार झेलनी पद रही हैं |
4---- अमित शाह ने ममता बनेरजी पर राजनीति का अप्राधिकारण का आरोप लगाया हैं | परंतु उन्हे उत्तर प्रदेश में बांगर मऊ के बीजेपी विधायक द्वरा अनुसूचित जाती की युवती से बलात्कार किए जाने और उसकी कार को ट्रक से दुर्घटना करवाने को भूल गए ! सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बलात्कार की गयी युवती को न्याया नहीं मिलने की संभावना पर ही इस मामले की सुनवाई दिल्ली में करने का आदेश दिया | शाहजहान्न्पुर के पूर्व बीजेपी सांसद और भूतपूव मंत्री पर भी बलात्कार का आरोप लगा ! बिहार में महिला सुरक्षा गृह में दर्जनो संवासनियों के गर्भवती होते और गायब कर दिये जाने की आरोपी महिला मंत्री को फिर नितीश मंत्रिमंडल में स्थान मिलना < क्या यह राजनीति का अपराधी कारण नहीं हैं ?
5 ----- शाह ने आरोप लगाया की ममता दीदी ने भ्रस्ताचर को संस्थागत रूप दे दिया हैं ! इस संदर्भ में मध्य परदेश में कमलनाथ की सरकार को गिराने के लिए विधायकों की जो खरीद -फरोख्त हुई "”वह उनका ह्रदय परिवर्तन था "” अथवा बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान -जिसमें उन्होने कहा था की कमलनाथ की सरकार को मोदी जी ने गिराने का आदेश दिया था ? शायद यह भ्रस्ताचर नहीं हैं ? क्योंकि देश की राजधानी में अनावश्यक रूप से भवनो के निर्माण कार्य ---- जरूरत के कारण किए जा रहे हैं ? सरकारी मुलाज़मीन की संख्या में कमी की जा रही हैं , पर कार्यालय की जगह बड्ति जा रही हैं | सेंट्रल विस्टा की क्या जरूरत हैं ? दुनिया के विकसित राष्ट्रो में सत्ता के केंद्र 400 से लेकर 800 साल पुराने भवनो में चल रहे , पर प्रधान मंत्री कहते हैं वर्तमान संसद भवन को विश्राम चाहिए ! जैसे उन्होने अपने से सीनियर बीजेपी नेताओ को विश्राम देने के लिए "”मार्गदर्शक मण्डल " बनाया हैं | हालांकि इसकी कोई बैठक आज तक नहीं हुई हैं |
अमित शाह जी बंगाल को "”सोनार बांग्ला "” बनाने के लिए कवि गुरु रवीद्र नाथ टैगोर का नाम लेते हैं , ---- उनके भासन लिखने वालो को मालूम होना चाहिए टैगोर का सपना "” बंगाल सिंध गुजरात मराठा ,द्रावीण उत्कल "” था | उनकी द्र्श्ति संकुचित नहीं थी | जिस संदर्भ में शाह "”आमर सोनार बांग्ला देश "” बांग्ला देश का राष्ट्रीय गान है --और उसके लेखक कवि नज़रुल इस्लाम हैं ! और मुसलमानो के प्रति बीजेपी और संघ का रुख जग ज़हीर हैं | वे कहते हैं की नड़ड़ा की कार पर हमला "”लोकतन्त्र पर हमला हैं ?”” उन्हे मालूम होना चाहिए की लोक तंत्र में व्भिन्न मतो का आदर होता हैं , जो बीजेपी नहीं मानती | उन्हे मालूम होना चाहिए की देश की प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी पर 9 फरवरी 1967 को भुवनेश्वर की काँग्रेस की चुनाव सभा में किसी "विरोधी " ने पत्थर मारा था जिसे उनकी नाक पर चोट लगी और खून बहने लगा | उन्होने आपा नहीं खोया और कहा था की हिशा का लोकतन्त्र में कोई स्थान नहीं | और यानहा कार में पत्थर लाग्ने से लोकतन्त्र खतरे में पड़ गया ! वाह कितना कमजोर है बीजेपी की लोकतन्त्र की परिभाषा !