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Apr 19, 2013

विधायिका का न्याय -- विधायक निर्दोष और --पुलिस इंस्पेक्टर दोषी !

 विधायिका का न्याय -- विधायक  निर्दोष और --पुलिस इंस्पेक्टर दोषी  
                                      महारास्ट्रा विधान सभा ने ट्राफिक इंस्पेक्टर सचिन सूर्यवंसी से झूमा झटकी  करने वाले  दोनों विधायक राम कदम और  छितिज ठाकुर  को निर्दोष साबित कर दिया | साबित करना इसलिए की सरकारी  मुलाज़िम से उसके काम के दौरान बाधा पहुचाने वाले बेगुनाह  हुए और ड्यूटि निभाने वाला दोषी ! है न मज़ेदार बात , क्योंकि जब सहयोगी ही आपके न्याय करने वाले हो , और राजनीतिक हो तब तो न्याय की उम्मीद नहीं करनी होगी |क्योंकि क्या होगा यह पहले ही लोगो को पता चल गया था |अचरज तो तब होता जब दोनों विधायक  सरकारी आदमी की ड्यूटि मे बाधा पहुचाने के दोषी करार दिये जाते | पर ऐसा हो न सका और जो हुआ वह न्याय नहीं उसका नाटक भर था |मज़े की बात यह हे की अब सूर्यवंसी  इस अन्याय की अपील भी नहीं कर सकता क्योंकि विधान सभा के फैसले पर अदालत आम तौर पर चुप रहती हे | 
                                                                 ताज्जुब की बात यह हे की विधान सभा परिसर से बाहर हुई घटना के बारे मे सदन ने नोटिस लिया और उसके बारे मे फैसला भी किया , जबकि उसे इस मामले को अदालत को सौप देना था , पर ऐसा हुआ नहीं | क्योंकि  विधायक की "आन" आड़े आ गयी | अब ऐसे मे तो किसी भी  प्रकार से "अपने भाई" की शान को बरकरार  रखना था | तो वही हुआ भी , दोषी निर्दोष बन गए और कर्तव्य निभाने वाला दोषी साबित करार दिया गया |वैसे यह मामला विशेसाधिकार  का भी नहीं बनता हे क्योंकि  घटना मे सदस्यो को उनके कर्तव्य निर्वहन मे कोई बाधा नहीं पहुंचाई गयी थी |वैसे यह मामला नज़ीर न बने यही मनाना होगा अन्यथा हमारी अदालती व्यसथा चरमरा जाएगी |
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