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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 14, 2013

सामाजिक सरोकारों को पूरा करने का परिणाम हैं शिवराज की तीसरी ताजपोशी


सामाजिक सरोकारों को पूरा करने का परिणाम हैं शिवराज की तीसरी ताजपोशी

वैसे तो चुनाव राजनैतिक मुद्दो और कार्यक्रम पर लड़े जाते हैं, परंतु प्रदेश मे मुख्य मंत्री शिवराज सिंह की तीसरी पारी का राज --उनके द्वारा सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देने का परिणाम हैं | मेरी समझ से तो उनकी विजय का सबसे बड़ा श्रेय गरीब कन्याओ का विवाह और उनकी लाड़ली लक्ष्मी योजना को जाता हैं , जिसके कारण ग्रामीण और शहरी मतदाताओ मे उनकी छवि एक उदार और संवेदन शील शासक की उभरी | अभी तक राजनीतिक छेत्रों मे यह धारणा थी की ""विकास"" ही चुनाव मे मुद्दा होता हैं | परंतु सड़क - बिजली -पानी से भी बड़ा मुद्दा होता हैं की "'पंक्ति का अंतिम व्यक्ति की प्रथमिकताए क्या हैं , वह सामाजिक और आर्थिक रूप से किन अभावो से पीड़ित रहता हैं , उनको दूर करने मे शासन कितना सजग और सहायक हैं | कन्याओ के हितो के लिए चलायी गयी योजनाओ की सफलता से ही उन्हे ""मामा"" कहा जाने लगा हैं | वैसे भी वेदिक संसक्राति मे मामा की विशेस महता हैं , माता के बाद पिता के बाद मामा ही सहायक - रक्षक माना गया हैं | कन्या के जनम पर उसके विवाह के लिए एक लाख रुपये की फ़िक्स्ड डिपॉज़िट जो उसे वयस्क होने पर मिलेगा तथा स्कूल के लिए ड्रेस और आने -जाने के लिए साइकल ने वास्तव मे ग्रामीण छेत्र मे एक नव जागरण किया हैं |
ग्राम मे सड़क हैं या नहीं बिजली आती हैं अथवा गायब रहती हैं इसका बहुत ज्यादा अथवा निर्णायक महत्व नहीं हैं |परंतु व्यक्ति और परिवार के अभाव से झुझते रहने के बाद भी उससे यह अपेक्षा रहती हैं की वह सामाजिक दायित्वों को ज़रूर पूरा करे | इसमे सबसे पहला होता हैं लड़की की शादी | लड़के की शादी बड़ी बात नहीं हैं जिन छेत्रों या जातियो मे लड़के कुँवारे रह जाते हैं वनहा भी कारण लड़की को जन्म के समय मार देने की परंपरा का ही हैं |फलस्वरूप लिंग अनुपात बहुत विषम हो जाता हैं |
2003 मे भारतीय जनता पार्टी के चुनाव मे विजयी होने पर लाल कृष्ण आडवाणी ने टिप्पणी की थी की " लोगो से जब मैंने पूछा की भाई काँग्रेस की हार क्यो हुई और हम कैसे जीते ? तब लोगो ने कहा था बी एस पी , मेरी समझ मे नहीं आया की कैसे बहुजन समाज पार्टी हमारी विजय का कारण बन सकती हैं ? तब मुझे बताया गया की बी - का मतलब हैं बिजली और एस -का मतलब हैं सड़क और पी का अर्थ हैं पानी , अर्थात इन तीनों ही फ्रंट पर दिग्विजय सिंह सरकार बुरी तरह से असफल रही हैं इसी लिए भ जा प की जीत हुई हैं | तब की गयी यह टिप्पणी इस बार भी मौंजू हैं , विगत दस सालो मे प्रदेश मे विद्युत की आपूर्ति काफी संतोसजनक रही हैं , सिये कुछ ट्रान्स्फ़ोर्मर और लाइन की गड़बड़ी के | चाहे गाँव हो या शहर विद्युत की आपूर्ति से लोगो को शिकायत नहीं हैं ,यूं तो वोल्टेज अथवा बिजली ठप होने की छिटपुट शिकायते रही हैं | जंहा तक सड़क का मामला हैं तो बड़े - बड़े शहरो को जोड़ने वाली सभी सड़के बी ओ टी द्वारा चलायी जाने के कारण काफी ठीक हालत मे हैं जिस से आवागमन बड़ा हैं अब सड़क पर ट्रैक्टर की संख्या संख्या मे बदोतरी हुई हैं , जिनहे किसान फसल के अलावा माल धो कर अपनी किश्त निकाल रहे हैं | पानी की समस्या का समाधान भी बारगी बांध का पानी इस बार से किसानो को सिंचाई के लिए सुलभ हो गया क्योंकि नहरों का निर्माण हो गया | कैसी विडम्बना हैं की बीस वर्ष से बने हुए इस बांध की नहरों का निर्माण काँग्रेस सरकारो द्वारा नहीं कराया गया |
वैसे मध्य प्रदेश मे यह पहला मौका हैं की जब एक व्यक्ति ने तीसरी बार मुख्य मंत्री का पद सम्हाला हैं | यह चमत्कार ''व्यक्ति और संगठन की शक्ति के साथ ही किए गए ""जन कलयाणकारी "" कार्यो के फलस्वरूप ही मिली हैं | यह सफलता न तो चुनावी ELECTION MANAGEMENT" की हैं ना ही जोड़ - तोड़ कर वोट घेरने की | इस सफलता से बहुत से खुर्राट नेताओ के दिमाग के जाले साफ हो जाएँगे | क्योंकि दो बार मुख्य मंत्री बनने के बाद ''राजनीति के पंडित'' बने इन स्वमभू महानुभावों को आज प्रदेश की जनता फूटी आंखो भी नहीं देखना चाहती हैं | शिवराज की तीसरी ताजपोशी ने शासन की प्राथमिकताओ --राजनीतिक छवि --और चुनाव लड़ने के तरीके के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं |