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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Sep 13, 2023

 

सनातन में समानता का अभाव – दलितो पर पेशाब की वारदात !!!

         सीधी जिले में बीजेपी विधायक  के परिचित द्वरा दलित युवक पर  मुंह में पेशाब की घटना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को जानहा द्रवित कर दिया था और उन्होने  , पीड़ित को भोपाल बुलाकर उसके चरण पखारे थे , प्रायश्चित स्वरूप --- परन्तु उनके ही दल के नेताओ  द्वरा  बार – बार ऐसी नफरती सोच का सार्वजनिक  प्रदर्शन  अत्यंत  दुख की बात हैं |   इस घटना के बाद  औद्योगिक नगरी ____ में एक थानेदार द्वरा  पत्रकारो  पर पुलिस स्टेशन  में ऐसा ही दुर्व्यहर किया गया –पर कोई कारवाई नहीं हुई !  अब राजधानी भोपाल  में  के चौपादकलान  के कोटवार [ चौकीदार ]  रामस्वरूप  पर स्थानीय बीजेपी विधायक  के समर्थक  शेरु मीना द्वरा   मारपीट करने और  उसके ऊपर पेशाब करने  की घटना समाचार पतरो  में  सुरखिया बनी  , परंतु  पुलिस की कारवाई का पता नहीं चला !   जिन  शेरु मीना  को जिस बीजेपी विधायक  का समर्थक बताया जा रहा हैं ----- उन्होने बयान दिया है की – पीड़ित और आरोपी दोनों ही उनके समर्थक है ! उन्होने दावा किया  दोनों अच्छे दोस्त है |  परंतु खबर लिखे जाने तक  आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई |

                              इन घटनाओ को  सनातन धरम  के अलंबरदारों  के लिए बड़ा सवाल हैं | क्यूंकी  बीजेपी के मंत्री और बड़े बड़े नेता  डीएमके  नेताओ द्वरा  सनातन धरम  के बारे में की जा रही विवादित टिप्पणियो के लिए  काँग्रेस से  जवाब मांग रहे है ,, तब इन घटनाओ के बारे में उनका मौन   क्या कह रहा हैं ?    साफ हैं की  बीजेपी  चुनवी गठबंधन  इंडिया को लेकर  काफी चिंतित है , उसे लग रहा है की – इस “” नाम “” से  विरोधी दल ने  उनके प्रचार अभियान  की हवा निकाल दी है |  इसलिए  वे सनातन धरम  के बारे में डीएमके की विवादित टिप्पणी  को गठबंधन  के माथे लगा रहे हैं  |  इसलिए  ज़ोर ज़ोर से  अनेकों  नेता  जगह जगह से  बयान देकर  कांग्रेस से जवाब तलबी  कर रहे हैं |

               पर इन बीजेपी नेताओ  द्वरा  “” खुदरा फजीहत   -दिगरा नसीहत “”  करते हुए  बड़े धरम रक्षक  बन रहे है ----जबकि  उनही के नेता -- विधायक  आदि दलितो और  किसानो पर   ज्यादतिया कर रहे है |  इन घटनाओ  से यह साफ हो रहा है  की  इनका  उद्देश्य  धरम का नाम  ले कर चुनाव की वैतरणी पार करना ही है | इनके इस चुनावी अभियान  में   भगवा धारी  साधु – सन्यासी जो स्वयंभू  संत  बने हुए है ----- वे भी धरम के नाम  पर राजनीतिक  उद्देश्य  का औज़ार  बन रहे है |  जिन सनातन धरम के ठेकेदार  आज

“” हिन्दू धर्म की रक्षा “”” के नाम  पर झण्डा उठा  रहे हैं ,वे   सिर्फ ‘’’बयान वीर ही है ‘’’’  जैसे की प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी  के बयान  होते हैं,  जो सिर्फ ढपोर शंख के वादे होते है |

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बॉक्स

       बीजेपी और आरएसएस तथा  वीएचपी  की  मिली जुली  शक्ति  का उदेश्य  एकमात्र चुनाव  ही है |  वीएचपी और संघ  ने अयोध्या  में राम मंदिर  को लेकर  जिस मुहिम के सहारे  देश की सत्ता को प्रपट किया , है अब नरेंद्र मोदी के 9 नौ साल के शासन  काल में  देश की अबोध  जनता ने खूब महसूस किया हैं | शुरू से लेकर 15 लाख रुपए  देने के वादे को जिस सहज ढंग से  अमित शाह ने चुनावी  जुमला बता दिया  उससे  प्रधान मंत्री  के सार्वजनिक   घोसना  से जनता  का विश्वास उठ गया है |   वैसे  बीजेपी नेताओ द्वरा सार्वजनिक रूप से  असत्य बोलने या अदालत में झूठा हलफनामा  देने का इतिहास रहा है |   सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद की सुरक्षा का हलफनामा  ड्ने के बाद  -- कार सेवको को बाबरी मस्जिद का धावांस  करने से  नहीं रोकने के जुर्म में  --- सुप्रीम कोर्ट ने  उन्हे एक दिन की सज़ा  भी सुनाई थी | यूं तो यह प्रतिकात्मक  थी ---- की किस प्रकार संविधान की कसम  लेने के बाद भी कोई  मुख्य मंत्री  मस्जिद को तोड़ने के षड्यंत्र में शामिल हो सकता है --- उसका उदाहरण है कल्याण सिंह का “”” झूठा हलफनामा ‘’ !!!

 

                      आइये अब बात करते है 2 नवम्बर  1990 की जब मुख्य मंत्री मुलायम सिंह ने कार सेवको को अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ने  की कोशिस ना करने की  चेतावनी  दी थी |   परंतु   वीएचपी और आरएसएस  की मिली जुली  षड्यंत्रकारी  चाल से  सैकड़ो  कार सेवक घटनास्थल पर पहुँच गए ------ मस्जिद की सुरक्षा के लिए तैनात  पुलिस ने उन्हे रोकने के लिए गोल चलायी | इस घटना में  अनुमान है की 30 से 40 लोग मारे गए और करीब 60 लोग हताहत हुए | 

   आइए अब बात करते है  संघ और वीएचपी  के पाखंड  की , की किस प्रकार वे धार्मिक आस्था  का दोहन करते है |  गोली कांड के बाद  उत्तर प्रदेश के पूर्व  पुलिस महानिदेशक [ अभिसूचना ] रहे पंडित श्रीश दीक्षित  का भोपाल आगमन हुआ | वे अपने साथ   कोई 40 या 50  मिट्टी की छोटी –छोटी  मटकिया थी | उन्होने एक प्रैस कोन्फ्रेंस  कर के तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार को हिन्दू विरोधी बताते हुए कहा की वे उन “”” शहीदो की राख़  का तर्पण करने के लिए सागर तट  जा रहे है “” |  गमगीन सूरत बनाकर  उन्होने मानव संवेदना  का दोहन करने का भरपूर प्रयास किया |

  तब इस लेखक ने उनसे प्रश्न किया की वेदिक  परंपरा के अनुसार    तर्पण के लिए  “जातक का नाम –जाती और गोत्र  का उच्चारण  आवश्यक है “” क्या वे इन मटकियो के जातको का नाम बटने की कृपा करेंगे ! यह सवाल  किए जाने की कल्पना भी  नहीं की थी , इसलिए उन्होने हड़बड़ी में  किसी प्रकार  प्रैस कोन्फ्रेंस  खतम किया | उसके बाद मेरी खोज की जाने लगी | मै उनसे मिला और सवाल दोहराया , तब उन्होने  स्वीकार किया की उन्हे नहीं मालूम  की किन – किन  शहीदो  की राख़ है | उन्होने एक सूची दिखाई जिसमे  नाम लिखे हुए थे | ना उनमे जाती लिखी थी और नाही गोत्र  आदि | जब मैंने उनसे कहा पंडित जी आप खुद कन्याकुब्ज ब्रामहन है  आप को तो श्राद्ध और तर्पण के कर्मकांड का ज्ञान होगा ! तब वे अनुतरित हो गए | परिणाम स्वरूप  उनका उद्देश्य  अभीष्ट फल प्रपात नहीं कर सका |

     अब 33 तैंतीस सालो बाद  एक बार फिर भगवा धारी  लोगो को  राम मंदिर के नाम से बीजेपी के लिए हवा  बनाने का काम  शुरू करने का ऐलान किया है |  राम मंदिर  के लोकरपन  के लिए  अखिल भारतीय  संत समिति और  अखिल भारतीय अखड़ा परिषद  ने सम्मिलित रूप से  अभियान चलाने की घोसना की हैं | देश के 127 विभिन्न सम्प्रदायो के धार्मिक गुरु  “”” हर मंदिर राम मंदिर और  संत चले गवन की ओर “”” अभियान का नाम दिया गया हैं |  इसमे दावा किया गया है की देश के 400 ज़िलो के  495 महा मंडलेश्वर  और 1000 “” स्वयंभू संत “”    5 लाख गावों में जा कर  प्रचार करेंगे ---- स्वाभाविक है  बीजेपी का |  2 नवम्बर को काशी  मे शुरू होने वाले भगवादधारियों के सम्मेलन  में काफी भीड़ आने की उम्मीद है |

   अब इस प्रयास को सनातन धर्म   की रक्षा  का प्रयास माना जाये अथवा बीजेपी आरएसएस बचाओ  मुहिम समझा जाए ! आप ही बताए | वैसे   |