Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Apr 4, 2019


मिशन शक्ति और सेना

चुनाव आयोग नोटिस और क्लीन चिट के लिए अथवा अनुचित पर कारवाई भी ??
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
राकेट प्रछेपण की "”सफलता "” पर राष्ट्र के नाम संबोधन , लोकसभा चुनाव के दरम्यान को चुनाव आयोग ने "” अनुचित नहीं माना "”!! जबकि प्रचार के संबंध मैं आयोग की ज़िम्मेदारी सभी राजनीतिक दलो को समान अवसर मिलने के सिधान्त की खुली अवहेलना हुई | परंतु आयोग ने इस मामले मैं बीजेपी को क्लीन चिट दे दी | भारतीय सेना को प्रधान मंत्री मोदी की सेना समझने का काम उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी द्वरा चुनाव सभा मैं किया ही गया हैं | रक्षा मंत्री निर्मला सीता रमन को सेना के सम्मान और सुरक्षा की बहुत चिंता हैं | पर क्या यह सब चुनाव आयोग की अकर्मण्यता नहीं हैं ? यदि समान अवसर चुनावी प्रतियोगिता मैं नहीं होगा ---तो क्या यह चुनाव वेनेजुयाला या तुर्की -मिश्र -थाइलैंड की भाति शासक पार्टी द्वरा नियोजित ही बना रहेगा ?? चुनाव आयोग के पर्यवेछक शासक दल की इन अनियमितताओ को नहीं देखते ?? अथवा उन्हे भी सीबीआई अफसरो की भांति सुरक्षा सलहकर अजित डोवाल ने भयभीत कर रखा हैं ?
bbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbb

टेलीविज़न और रेडियो ब्रोडकास्ट के नियमो के अधीन अभी तक यही माना और समझा जाता था की ---चैनल चलाने या रेडियो स्टेशन हेतु अनेक शासकीय मंजूरी और अनुज्ञा लेना होता हैं | अन्यथा ज़िला प्रशासन या पुलिस कारवाई कर सकती हैं | केबल नेटवर्क एक्ट के तहत अगर डीटीएच ऑपरेटर अपना लोकल चैनल चलाना चाहता है तब उसे संबन्धित ज़िला प्रशासन से मंजूरी लेनी होती हैं | हाल ही मैं डीटीएच आपरेटर द्वरा अपने चैनल पर समाचार चलाने के लिए नियम बने हैं | जिनके अनुसार "” संबन्धित थाने का पुलिस का इंस्पेक्टर किसी भी समय कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर सकता हैं | और समाचार बुलेटिन की एक सीडी देनी होती हैं |
परंतु चुनाव के दरम्यान "” आत्ममुग्धता की सनक से ग्रश्त प्रधान मंत्री मोदी नरेंद्र दामोदर दास मोदी को पालतू खबरिया चैनल के प्रचाए मैं "”मिलने वाले समय "” {{यह मिनट मैं बताया जाता हैं }} से संतुष्ट नहीं थे | यद्यपि 150 - 200 चैनलो मैं उनका चेहरा ही सर्वाधिक समय दिखाया जाता हैं ! परंतु उन्हे इतने पर भी संतुष्टि नहीं हैं | वे परमात्मा की भांति "”” सदैव और सगोचर " मैं प्रकट रहना चाहते हैं !!!! इसीलिए कानून और नियमो की गली से एक पगडंडी चुन कर अपने नाम का "””नमो चैनल "” भक्तो से शुरू कार्वा दिया ! हाँ चलाने वाला भक्त गुजरात के पराग शाह हैं !! चुनाव आयोग से इस मामले मैं शिकायत किए जाने पर उन्होने सरकार से जवाब तलब किया | जैसा अपेक्षित था सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने "” नमो चैनल के बिना अनुमति चलने को "”गैर कानूनी नहीं माना !!! वाह क्या बात हैं | हर जगह अजित डोवाल नामक चरित्र व्यापत हैं ! जिसका भय अफसरो को वही करने पर बाध्य करता हैं जो "”ऊपर से हुकुम आए "” भले ही वह नियम वीरुध हो अथवा कानून का उल्लंघन हो | और ऐसे समय मैं चुनाव आयोग निश्चित कोई भी कारवाई नहीं करेगा ------वरन वह इस शिकायत का कानूनी परीक्षण करने की बात कहेगा !!

दूसरी शिकायत राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ---जो की बाबरी मस्जिद के ध्वंश के समय मुखी मंत्री थे | उन्होने तत्कालीन प्रधान मंत्री नरसिमहा राव को झूठा आसवासन दिया और सुप्रीम कोर्ट मैं कसम खा कर कहा था की मस्जिद बिलकुल सुरक्शित रहेगी | इनहि महान आत्मा ने अलीगढ़ मैं पुत्र का प्रचार करते हुए कहा "” हम भारतीय जनता पार्टी के आदमी हैं , हम छटे हैं की मोदी जी दुबारा प्रधान मंत्री बने "”” | मुख्य मंत्री थे तब झूठ बोला और अबकी बार जो नहीं बोल्ना था '’वही बोले "”! इन्हे भी नोटिस भेजा गया है | राष्ट्रपति को भी चुनाव आयोग ने शिकायत की हैं ? पर होगा क्या ? अजित डोवाल कुछ भी नहीं होने देंगे | सीबीआई मामले की तरह इसे भी कालीन के नीचे छुपा देंगे | राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी के सामने नतमस्तक रहते हैं वे बेचारे क्या करेंगे _____वही करेंगे जो कहा जाएगा !

तीसरा प्रकरण है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ! का नोएडा मैं चुनाव सबहा मैं बोलते हुए कहा की काँग्रेस के समय मैं पाकिस्तान हमला करता था , और सरकार सेना के हाथ बांधकर रखती थी | अब मोदी जी की सेना पाकिस्तान के घर मैं घुस कर मार रही है --ज़मीन तो ज़मीन हवाई जहाज से भी घुसकर बम बरसा रही हैं ! योगी जी ने जीवन मैं कोई भी तार्किक ढंग से काम नहीं किया हैं | अब सोचे त्याग का प्रवचन देने वाले भगवा वस्त्र धारी --दीक्षित सन्यासी का राजनीति से क्या काम ? वे समाज सुधार --- सार्वजनिक भलाई के करी करते ---परंतु नहीं पद और प्र्शंशा की लिप्सा आज राजगद्दी पर हैं !!! जो सन्यास की ली गयी प्रातिज्ञा का उल्लंघन हैं | खैर चुनाव आयोग ने उनसे भी जवाब मांगा हैं |


रक्षा मंत्री सीता रमन ने काँग्रेस के चुनाव घोसना पत्र मैं अफस्पा कानून को हटाये जाने पर काफी एतराज़ जताया हैं | उनका और वित्त मंत्री अरुण जेटली जी का कहना हैं की यह मांग देश्द्रोह की भांति हैं | हमारे जवान जो शांति स्थापाना मैं लगे रहते हैं उनका मनोबल कम करेगा | क्योंकि उनके ऊपर अगर नागरिकों की शिकायत पर मुकदमा चलाये गए तो वे हतोत्साहित होंगे | माननीया भूल रही है अभी दो दिन पूर्व इसी कालम मैं काश्मीर मई राष्ट्रीय राइफल के मेजर लितुल गोगोई को एक काश्मीरी लड़की को जबरन होटल मैं ले जाने के आरोप मैं --पदावनती अथवा फौज से निकले जाने की सज़ा सुनाये जाने की खबर हैं | अब इस बाबत रक्षा मंत्री क्या कहेंगी ??
उन्हे मालूम होना चाहिए की सेना नागरिकों की सुरक्षा के लिए हैं --उन पर अत्याचार के लिए नहीं | त्रिपुरा और मणिपुर राज्यो मैं सेना के दुर्व्यहार और अपराध करने के अनेक मामलो मैं सर्वोच्च न्यायालय ने सनिक अधिकारियों को दंडित भी किया हैं | आज भी सेना के "”कोर्ट मार्शल "” की अपील उच्च अथवा सर्वोच्च न्यायालय मैं होती हैं | अशांत इलाको मैं भी नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना जाती हैं , सेना वनहा ना तो प्रशासन करने जाती है नाही न्याया करने अथवा दंड देने |


अब बात करे मिशन शक्ति की जिस राकेट के प्रक्षेपण के लिए प्रधान मंत्री को राष्ट्र को संबोधित करना अपरिहार्य समझा था --और जिसे चुनाव आयोग ने क्लीन चिट भी दी थी -----उस मामले मैं अमेरिकी संस्था नासा के निदेशक ने कड़ी आलोचना की हैं | उन्होने कहा की अन्तरिक्ष मैं यूरोपीय संगठनो का अन्तरिक्ष स्टेशन है साथ ही हमारे 64 अन्तरिक्ष यात्री वनहा हैं है | इस प्रकार बिना आगाह किए अन्तरिक्ष मैं भटके टुकड़ो को विस्फोट द्वरा तोड़ा जाना हमारे प्रोग्राम के लिए खतरा हैं |
नासा की आलोचना का जवाब इसरो के भूतपूर्व निदेशक सारस्वत द्वरा यह कह कर दिया गया की ---अमेरिका हमारी तरक़्क़ी से जलता है !!! अब क्या कहा जाए --- हाँ कहो तो देश प्रेमी और कारण पूछो तो देशद्रोही !!
इस पूरी दास्तान लिखने का अर्थ यह हैं की चुनाव आयोग -जिस पर सभी दलो से समान रूप से व्यवहार करने का दायित्व हैं ----तथा जिसका कर्तव्य हैं की कोई भी दल या उसका प्रत्याशी चुनाव की आचार संहिता का उल्ल्ङ्घन नहीं करे | और अगर कोई उल्ल्ङ्घन करे तो उसको तत्काल दंडित किया जाये | नाकी नोटिस भेज कर अथवा शिकायत पहुंचा कर समझ ले की काम हो गया | यह सरकार मैं बैठी पार्टी को गैर कानूनी तरीके से फाइदा पाहुचने का दोष होगा | जिसका दोष निर्वाचन आयोग पर होगा |