राष्ट्रियता
-नागरिकता
-
जाति
{Race
} – धर्म
अलग अलग है गिरिराज सिंह
जी -क़ौमियत
राष्ट्रियता नहीं है और ना
ही वंशानुकरण
राष्ट्रवाद
के संकल्प की गोष्ठी को संभोधित
करते हुए केन्द्रीय "”सूक्ष्म
---लघु
--उद्यम
"”
राज्यमंत्री
जिनहोने ''मुसलमानो
को और उनकी विचारधारा
के आलोचको को पाकिस्तान चले
जाने ''
के
बयान से ख्याति पायी थी |
वे
एक बार फिर ''वेदिक
[हिन्दू]
और
इस्लाम के संदर्भ मे ''
कहा
की इस्लाम मे राष्ट्रवाद होता
ही नहीं है |
उनके
अनुसार अङ्ग्रेज़ी मे नेशनलइज़्म
और उर्दू मे क़ौमियत कहा जाता
है |
उनके
अनुसार क़ौमियत का मतलब वंशानुकरण
होता है |
उन्होने
कहा की साफ है इस्लाम मे
राष्ट्रवाद की कल्पना की ही
नहीं जा सकती !!
राजनीति
शास्त्र के अनुसार नेशन या
राष्ट्र ''
सान्स्क्रतिक
और समान आस्था {धर्म
नहीं }''
के
लोगो को क़ौम या राष्ट्रियता
माना जाता है |
अब
इसे परंपरा की त्रुटि माने
या अथवा कुछ और – की "जाति"
से
साधारण अर्थ लिया जाता वह सही
नहीं है |
जिस
प्रकार ''
वेदिक
धर्म की सनातन परंपरा ''को
विदेशियों द्वरा दिये गए
सम्बोधन "”हिन्दू
"”
से
जाना जाता है |
जो
सही नहीं वरन गलत है |
क्योंकि
हिन्दू धर्म के पैरोकार आजतक
एक भी ''ऐसा
प्रमाणिक ग्रंथ नहीं बता पाये
है -जो
वेदिक धर्म का नहीं हो |
शायद
उच्चारण की कठिनाई से उन्होने
हिन्दू शब्द को सहज अपना लिया
!!
उदाहरण
के लिए अरब एक रेस या जाति है
----जिसमे
अनेक देश है |और
इन देशो मे भी भिन्न भिन्न
आस्थाओ वाले धर्म के लोग भी
रहते है |
जैसे
मिश्र और सीरिया मे ईसाई [क्रोट]
भी
बसे है |
सऊदी
अरब -जोरडन-
यमन
सीरिया -
मिश्र
भी अरब राष्ट्रियता के है
----परंतु
अलग -
अलग
है |
इसी
संदर्भ मे एक उदाहरण ''कुर्दो
"
का
है |
जो
ईरान -इराक
और लेबनान तथा तुर्की मे बसे
हुए है |
यह
सभी "”एक
ही क़ौम के है जो व्भिन्न राष्ट्रो
मे बसे है |
इसलिए
क़ौम को "”देश"”
से
जोड़ना गलत है |
परंतु
गिरिराज सिंह जी को इस अंतर
का ज्ञान नहीं होगा ,,अन्यथा
भारत सरकार के मंत्री के रूप
मे वे ऐसी भयंकर भूल नहीं करते
|
ऐसा
प्रतीत होता है की उनकी सोच
और नज़र मे धर्म --राष्ट्रियता
है |
दूसरी
गलत बयानी उन्होने की मुस्लिम
बहुल ज़िलो के बारे मे बोल कर
|
उन्होने
कहा की पापुलेशन डेमोग्राफी
का संदर्भ देते हुए कहा की
देश के विभिन्न प्रांतो के
54
ज़िले
मे मुसलमान बहुल है ?
परंतु
जब उन्होने आंकड़े दिये तब
उत्तर प्रदेश के 17
और
बंगाल के 9
तथा
असम के 11
एवं
केरल के 5
तथा
झारखंड के 4
ज़िले
गिनाए |
इन
सभी ज़िलो का योग 48
ही
होता है !
लगता
है 6
ज़िलो
के नाम वे भूल गए !!
उनका
दावा था की जब पाकिस्तान बना
तब 22
प्रतिशत
हिन्दू भारत छोड़ कर पाकिस्तान
गए थे !!
जो
अब केवल 1
प्रतिशत
ही बचे है !
क्या
यह बात विश्वास करने योग्य
है ??
भारत
से मुसलमान गए थे |
गिरिराज
जी देश मे 640
ज़िले
है हालांकि आप के आंकड़े सत्य
नहीं है |
क्योंकि
बहुल का अर्थ आबादी मे 50
प्रतिशत
या उस से अधिक भाग होना |
जो
कनही नहीं है |
कम
से कम सरकारी दस्तावेज़ो के
अनुसार |
यह
सुझाव देना //या
मांग करना की जनसंख्या नियंत्रण
करना |
आबादी
पर नियंत्रण एक स्वागत योग्य
सुझाव है ---परंतु
केवल यह नियंत्रण मुस्लिमो
पर नहीं वर्ण आबादी के सभी
भागो पर लागू होना चाहिए |
गिरिराज
सिंह जी को शायद नहीं मालूम
की सम्राट अकबर की जनम स्थली
अमरकोट की रियासत आज भी
पाकिस्तान मे है |
वनहा
के राणा का विवाह हाल ही मे
राजस्थान के एक ठिकाने मे हुए
था |
भारत
सरकार ने सभी बरतियों को वीसा
भी दिया था |
उसमे
आधे से ज्यादा हिन्दू और शेष
मुसलमान थे !!!
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