मुट्ठी
भर छात्रो के अहिंसक आंदोलन
ने ---
-झुकाया
विश्व के सबसे "”ताकतवर"”
राष्ट्रपति
को -
मजबूर
किया शस्त्र के मूलाधिकार को
नियंत्रित करने को ---
लोकतान्त्रिक
-अहिंसक
मार्ग से बड़े -
बड़े
लोगो को "””न्याय"”
देखने
को मजबूर किया ---सोलह
- सत्रह
वर्ष के छात्रों ने सिनेटर्स
और काँग्रेस सदस्यो को तुरंत
कारवाई करने को –
ना
की बड़ी -
बड़ी
बाते और आश्वाशन देने को !!!
साम्यवादी
देशो को छोडकर लोकतान्त्रिक
व्यवस्था वाले देशो मे अमेरिका
को शक्तिशाली और सम्पन्न
राष्ट्र माना जाता है |
परंतु
लोकतन्त्र की परिपाटी के
अनुसार अक्सर अपने वादो को
भूल जाने की बीमारी होती है
--वनहा
भी ऐसा ही था ---परंतु
15
फरवरी
को फ्लॉरिडा प्रांत के पार्कलैंड
नगर के मार्जारी स्टोनमैन
डगलस हाई स्कूल मे क्रूज नामक
युवक ने स्वचालित राइफल से
गोली बरसा कर 17
लोगो
को मौत की नीद सुला दिया |
मीडिया
मे बहुत चर्चा हुई -
लोगो
ने स्वचालित हथियारो पर
''प्रतिबंध
''
लगाने
की मांग की |
इस
घटना से हजारो "”किशोर
छात्रो ने चार दिन बाद ही
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
से मूलाकात कर उनसे 'हथियारो
पर नियंत्रण लगाने की मांग
की |
राष्ट्रपति
ने उनलोगों से वादा किया हथियारो
पर नियंत्रण के लिए उनका प्रशासन
कदम उठाएगा |
21 फरवरी
को छात्रो का आक्रोश देश भर
मे फैल गया |
फ्लॉरिडा
प्रांत की राजधानी तनाहासी
मे हजारो छात्र और उनके अभिभावकों
ने टाउन हाल मीटिंग की |
जिसमे
अपनी के समर्थन के लिए फेडरल
सीनेटर रूबियों और स्टेनन
सहित शेरिफ़ और नेशनल राइफल
असोशिएशन के प्रतिनिधि को
बातचीत के लिए बुलाया |जनहा
छात्रो ने उनसे काफी ''मुश्किल
सवालो पर जवाब मांगे "”
|
इस
आंदोलन का परिणाम हुआ की संघीय
सरकार ने हथियार खरीदने की
आयु को 18
वर्ष
के स्थान पर 21
वर्ष
करने का वादा किया |
फ्लॉरिडा
की सरकार ने भी खरीदार की
प्रष्ठभूमि जांच का आश्वासन
दिया |
जिसका
अर्थ हुआ की अब कोई भी 21
वर्षीय
युवक सीधे कोई हथियार नहीं
खरीद सकेगा |
इस
घटना मे महत्वपूर्ण तथ्य यह
है की किशोर वय के छात्रों ने
प्रांतीय और संघीय सरकारो को
अपनी मांगो पर काम करने के लिए
मजबूर किया |
मार्जारी
स्टोनमैंन डगलस हाइघ स्कूल
के छात्रो ने और उनके अभिभावकों
ने एक ऐसे संवैधानिक व्यवस्था
को चुनौती दी है ---जो
प्रत्येक अमेरीकन को हथियार
खरीदने और -रखने
का मूल अधिकार प्रदान करता
है |
इस
अधिकार की रक्षा करने वाला
संगठन नेशनल राइफल एसोसिएसन
--जो
की नेताओ के चुनावो मे भरी -
भरकम
चंदा देता है |
उसके
प्रभाव मे रिपब्लिकन और
डेमोक्रेट दोनों ही दलो के
नेता है |
इस
स्थिति को अगर हम "”विश्व
गुरु ''की
घोसना करने वाले संगठनो से
करे तो लगता है की ----वे
सभी मात्र "”घोषणा
वीर ही साबित है "”
|| छात्रो
की परीक्षाये वक़्त पर नहीं
हो रही है |
परीक्षा
हाल मे बच्चो से अशोभित व्यवहार
किया जाता है |
उत्तर
प्रदेश मे बोर्ड की परीक्षाओ
मे दरोगा और अध्यापक पैसा लेकर
नकल कराते है |
और
मुख्य मंत्री आदित्यनाथ योगी
कहते है की सब कुछ ठीक है
मध्य
प्रदेश मे मेडिकल की भर्ती
परिछा मे तो जो कुछ हुआ उसे
हम ''''
व्यापाम
घोटाले के रूप मे जाना जाता
है |
जिसमे
आज भी अभिभावक 'अभियुक्त
बने अदालत मे खड़े रहते है "”
नौकरी
के लिए होने वाली प्रतियोगी
परीक्षाओ के विज्ञापन निकलने
और परीक्षा होने के मध्य माह
और कभी कभी साल भर लग जाता हा
------फिर
उसका परिणाम तो साल भर से कम
समय मे नहीं आता |इतना
ही नहीं ऐसे टेस्ट को बिना
कोई कारण बताए रद्द भी कर दिया
जाता है |
इसके
बाद अगर परिणाम आ भी गया तब
परिणाम की सूचना मिलने और
ज्वाइंग मिलने का कोई आता पता
नहीं होता |
देश
की प्रतियोगी परीछा मे फोरम
भरने की फीस मनमानी रूप से
वसूली जाती है |
अखिल
भारतीय सेवाओ की परीछा की फीस
मात्र 100\-
है
पर रेलवे की चतुर्थ श्रेणी
के फोरम का मूल्य 500/-
है
|बैंक
और अन्य सेवाओ मे तो यह राशि
1000/-
से
1500/-
तक
भी है !!!
भारत
को विश्व गुरु बनाने की घोषणा
करने वाली संस्थाए इस घटना
से सबक ले सकती है |
की
देश के युवा के साथ किस तरह का
अत्याचार हो रहा है ----और
वह मौन है ??
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