प्रधान
मंत्री की मन की बात – दस बेटो
से एक बेटी अच्छी योगी
आदित्यनाथ – लड़के और लड़कियो
मे भेदभाव नहीं हो
विद्यार्थी
परिषद – महिलाए शक्तिशाली पर
पब और डिस्को मे जाने की आज़ादी
की मांग वामपंथ की सोच है
एक
ही दिन मे इन तीन खबरों को पढने
से संघ समर्थित भारतीय जनता
पार्टी और विद्यार्थी परिषद
के सोच मे नितांत अंतर झलकता
है | एक
ओर जंहा देश और प्रदेश के नेता
समाज मे लैंगिक भेद भाव को
समाप्त कर स्त्री -
पुरुष
की बराबरी का संदेश दे रहे है
,वनही
युवक शक्ति इस बराबरी को
''वामपंथ
'' का
संदेश मान रही है |
भोपाल
मे सम्पन्न 50 वे
मध्य प्रांत के सम्मेलन मे
आए दक्षिणा गडवाल ने लड़कियो
द्वारा लड़को साथ ''पब
या डिस्को ''' मे
जाने की आज़ादी को अनुचित माना
!! उन्होने
इसे वामपंथ की देन बताया |
उनका
यह सोच नितांत ''कूप
- मंडूकता
'' का
प्रतीक ही है |
क्योंकि
पश्चिम के पूंजीवादी देशो
मे स्त्री - पुरुष
को बराबरी है -क्या
वह भी ''वामपंथ
प्रभावित है "”
?? सम्मेलन
मे निकली रैली मे सभी को ''भगवा
पगड़ी पहना कर भारतीयता का
उजगर करने की कोशिस की गयी थी
| आश्चर्य
की बात लड़कियो ने भी "”लड़को
के समान पगड़ी सर पर रखी हुई थी
" यानि
बराबरी केवल इतनी -बस
|
लड़कियो
के आने - जाने
पर पाबंदी का सुझाव अपने आप
मे "””संविधान
की आत्मा के वीरुध है "”
आज जब
सभी सरकारी नौकरियों मे कोई
लैंगिक भेदभाव नहीं किया जा
रहा है -तब
इस तरह की बात सार्वजनिक मंच
से करना --- देश
की विधि और व्यवस्था के प्रतिकूल
ही नहीं गैर कानूनी भी है |
अनेक
हिंदुवादी सेनाओ ने अनेक
परदेशो मे विगत समय लड़कियो
के ''कपड़ो
और उनके क्लब और पब आदि मे जाने
को लेकर कई बार अशोभनीय और ज़ोर
ज़बरदस्ती भी की गयी |
कोई
लड़की किसी भी लड़के साथ सार्वजनिक
स्थल पर घूमने जाना आदि भी
''' इन
सेनाओ और उन जैसे विचारो वाले
लोगो को आपतिजनक लगता है |
उत्तर
प्रदेश मे और हिमाचल मे कई
बार पुलिस ने भी पार्क मे घूमते
हुए लड़के - लड़कियो
को परेशान किया |
अकारण
ही उनको अपनी पहचान बताने को
मजबूर किया गया |
लड़कियो
को धमकाया गया और उनके अभिभावकों
को बताने की धम्की भी दी गयी
| कानून
मे वयस्क लड़के -लड्की
स्वत्रता पूर्वक विचरण का
अधिकार है | उसे
अकारण ही नहीं छेड़ा जाना चाहिए
| परंतु
बीजेपी शासित राज्यो मे ऐसी
घटनाए अक्सर देखने मे आती है
||
आज
जब विश्व मे लैंगिक भेदभाव
समाप्त हो रहा है ऐसे मे हम इन
विचारो से पिछड़ जाएँगे |
आज
सेना के तीनों अंगो मे महिलाए
काम कर रही है |
शासकीय
सेवाओ मे उनकी उपस्थिती भी
प्रभावशाली है |
व्यापार
हो या यूद्योग -
अन्तरिक्ष
विज्ञान हो सभी छेत्रों मे
उनकी उपस्थिती देखि जा रही
है | राजनीति
मे भी उनका दखल है |
प्रधान
मंत्री के रूप मे देश आज भी
इन्दिरा गांधी को स्मरण करता
है | लोकसभा
की पूर्व और वर्तमान स्पीकर
भी महिलाए रही है |
ऐसे
मे विद्यार्थी परिषद द्वरा
ऐसी मांग या सुझाव \\\पुरातन
कट्टर वाद को जन्म देगा "”
जो
अशांति ही पैदा करेगा |
अपेक्षा
है की संघ और बीजेपी के नेता
इस सोच को नियंत्रित करेंगे
|
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