चीन
के बने सामानो के बहिष्कार
की संघ समर्थित संगठनो की पोल
खुली
मोदी सरकार ने संसद मे किया
खुलासा
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ से जुड़े 56
संगठनो
की मुहिम की जनता चीन मे बने
सामानो की खरीद नहीं करे के
आंदोलन को सरकार के लोकसभा
मे भाजपा के सदस्य उदितराज
द्वरा पूछे गए प्रश्न के उत्तर
मे मंत्री निर्मला सीतारामन
ने बताया की सरकार चीन से आयात
होने वाले सामानो पर प्रतिबंध
नहीं लगाया है और ना ही ऐसा
कोई इरादा है |
गौर
तलब है की विगत कुछ समय से संघ
के पूर्व स्वयंसेवक रहे
गोविंदाचार्य जी के नेत्रत्व
मे संघ के 56
संगठनो
ने अगस्त माह से चीन के बने
सामानो के बहिष्कार की मांग
को लेकर देशव्यापी आंदोलन
करने की मुहिम छेड़ने की घोषणा
की थी |
परंतु
मुहिम प्रारम्भ होने के पूर्व
ही सरकार के निर्णय ने उनकी
आशाओ पर तुषारपात कर दिया |
संघ
का स्वदेशी का मिथ्या प्रचार
!
विश्व
व्यापार संगठन के सदस्य होने
के नाते भारत किसी अन्य देश
जो संगठन का सदस्य है उसके
यानहा निर्मित सामानो पर
प्रतिबंध लगाने मे समर्थ नहीं
है |
इस
हक़ीक़त को जानने के बाद भी आरएसएस
संगठनो का चीन मे बनी राखी -
मूर्तिया
-
बिजली
सजावटी झालरे के बहिष्कार
का आवाहन करते हुए "”छुटपुट
नारे बाज़ी और भाषण बाज़ी "”
करके
जबरिया देशप्रेम और देशभक्त
होने का रूपक रच रहे थे ,
उसका
सच अब सामने आ गया है |
क्योंकि
अब संघ समर्थित सरकार ने ही
उनकी मांग के समर्थन से पल्ला
झाड लिया है |
- गुड खाये और गुलगुले से परहेज बताए _--- इन देशप्रेमी संगठनो द्वारा अनावश्यक रूप से देशभक्त होने का दंभ भरने का ढोंग रचने का यह प्रयास पहले दिन से संभव नहीं था | परंतु जनता मे झूठा प्रचार कर के "” भारतीय बने और भरतूय वस्तुये ही खरीदे '' का नारा देकर जबरन उत्तेजना फैलाने का प्रयास कर रहे थे | राष्ट्रवाद के ठेकेदार बनने के लिए नए - नए तरीको से "”उग्रता "”भरे नारे बाजी और जीप मे भरकर बाज़ारो मे दूकान्दारों को भयभीत कर भयदोहन का प्रयास कर रहे | नगरो के छोटे -छोटे व्यापारियो को डराया जा रहा था की सरकार चीन से बने सामानो की बिक्री पर रोक लगाएगी | इस मिथ्या प्रचार से व्यापारियो मे माल के "”फंस '' जाने का भय होगया | इस स्थिति मे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के "”साप्ताहिक कार्यक्रम "” मन की बात ने राष्ट्रवाद मे उग्रता भर दी – उन्होने देशवासियों से अपील की थी वे चीन मे बनी मूर्तिया मत ले --उनका इशारा चीन से आने वाली चीनी मिट्टी की बनी देवी – देवताओ की मूर्तियो की ओर था | वास्तविकता यह है की चीन की बनी मूर्तिया ना केवल सस्ती होती है वरन देश मे बनी मिट्टी की मूर्तियो से अधिक सुंदर और भी होती है | यही हाल आँय सजावटी सामानो का भी है |
- उग्र राष्ट्रवाद की आड़ मे हिंदुत्व की हुंकार – ऐसा माना जा रहा की चीन द्वारा डोकलहम सीमा विवाद से उपजे गुस्से को भुनाने के लिए अनावश्यक रूप से स्वदेशी की आड़ मे देशभक्ति के "”प्रदर्शन '' से संघ से जुड़े 56 संगठनो के युवक जीप मे लाउड स्पीकर लगा करके बाज़ारो मे घूम = घूम कर नारा लगा कर यह जताने का सफल प्रयास कर रहे है की वे ना केवल राष्ट्र की सेवा कर रहे है वरन देश की संसक्राति और उद्योग और व्यापार का संरक्षण भी कर रहे है ||एवं इस प्रयास मे सत्ताधारी पार्टी और सरकार का "”समर्थन "” भी है | ऐसे देशभक्त छोटे -छोटे व्यापारियो से ''झूमा - झटकी '' भी करने से बाज़ नहीं आते | और पुलिस भी इन उग्र राष्टभक्तो को छूने से बचती है क्योंकि उन्हे सत्ता का संरक्षण प्राप्त है |
- अब सरकार के फैसले के बाद भी इन बावनवीरों का अभियान बंद होगा अथवा नहीं यह यक्ष प्रश्न अभी भी बना हुआ है --क्योंकि इस मुहिम से जुड़े लोगो को अपनी नेतागिरी चमकाने का अवसर खतम हो गया है | परंतु जबरन समाज मे "”माहौल को गरमाने '' की मुहिम पर रोक लगेगी -यह भी देखने का विषय है |
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