चार्लसविले-वर्जीनिया
और गोरखपुर--
क्यो
उंगलिया उठ रही है ??
अगस्त
माह के दूसरे सप्ताह मे इन दो
घटनाओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रम्प और प्रधान मंत्री
नरेंद्र मोदी पर न्याय ना करने
के लिए देशी और विदेशी मीडिया
मे भरपूर भर्त्सना की गयी
परंतु दोनों ही नेताओ ने कोई
प्रतिकृया नहीं दी |
चार्लसविले
मे एक महिला की मौत हुई थी -तब
वनहा के गवर्नर ने राज्य मे
आपात स्थिति घोषित कर दी |
परंतु
गोरखपुर मे एक सप्ताह मे 50
से
अधिक बच्चो की मेडिकल कालेज
मे ऑक्सीज़न के अभाव मे मौत
हुई | परंतु
भगवा धारी मुख्या मंत्री
आदित्यनाथ ने भी कुछ नहीं किया
केवल यह बताते रहे की वनहा
गंदगी के कारण मौते होती रहती
है | मेडिकल
कालेग के प्रिन्सिपल ने इस्तीफा
दे दिया था ,,पर
सरकार का दावा है की उन्हे
निलंबित किया गया है |
हा बाल
रोग विभाग के डॉ क़तिल को भी
निलंबित कर दिया गया |
जबकि
मारे हुए बच्चो के परिजन इस
डॉ की सहायता की तारीफ कर रहे
है |
उधर
नस्लभेद और रंगभेद के साथ नव
नाजीवाद समर्थक संगठनो ने
चार्लसविले मे अपने विरोधियो
पर बलपूर्वक हमला किया |जिसमे
एक व्यक्ति की मौत हो गयी |
परंतु
डोनाल्ड ट्रम्प ने हिंसा और
नफरत की भरपूर आलोचना की |
परंतु
मुठभेड़ के लिए प्रशासन ने
दोनों पक्षो को दोषी बतया !
चैनलो
ने बार -बार
पूछा की की नफरत और रंगभेद का
विरोध करने वाले कैसे दोषी
है ?? तब
अधिकारियों ने कहा की कानून
अपना काम करेगा !!
जैसे
गोरखपुर मे हुआ +|
तरल
ऑक्सीज़न के सप्लाइ करने वाली
कंपनी के 67
लाख
रुपये छह माह से भुगतान नहीं
किया जा रहा था |अंत
मे उसने सूचना के साथ सप्लाइ
बंद कर दी | अब
योगी सरकार ''''यह
तो मानने को ही तैयार नहीं की
बच्चो की मौत ऑक्सीज़न के अभाव
से हुई !!
गौर
करने बात है योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर से संसद के लिए विगत
चार से चुने जाते रहे है |
तब
उन्होने शहर मे गंदगी और उस
से होने वाली बीमारियो का
मुद्दा कभी नहीं उठाया !!
ऐसी
घटना जिसकी गूंज दुनिया के
सभी बड़े चैनलो की खबरों मे
सुनाई पड़ी ---वह
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
तक नहीं पहुंची !
उन्होने
इस प्रकरण पर एक भी ट्वीट नहीं
किया --जबकि
हिमाचल मे वर्षा और भू स्खलन
से मारे गए 46
लोगो
के प्रति संवेदना का ट्वीट
किया था |
इसी
तारतमय मे डोनाल्ड ट्रम्प को
तो दुनिया के नेताओ मे ट्वीट
मास्टर कहा जाता है --क्योंकि
वे अपने सांसदो को सीनेट मे
बहुमत दल के नेता को अपने
महान्यायवादी को भी सार्वजनिक
रूप से उल्टा सीधा लिखते है
--कभी
कभी तो अमर्यादित भी हो जाते
है | पर
उन्होने ने भी साफ तौर पर
नस्लभेद और नाजीवाद की आलोचना
नहीं की |वनहा
भी इन कट्टर पंथी संगठनो के
प्रति कोई फेडरल अधिकारियों
द्वरा कारवाई नहीं की गयी !!
इन
दो घटनाओ मे एक तथ्य दोनों ही
घटनाओ मे समान है ---वह
है कट्टर वादी तत्वो को परोक्ष
रूप से '''अभयदान'''
ही
मिला है |
हालांकि
योगी जी गरजते है की '''दोषी
को दंड मिलेगा '''
!! क्योंकि
भाजपा शशित राज्यो मे यह
"””जुमला
'''आम
है नेताओ के मुंह से |
ट्रम्प
ना तो नाजीवाद की घोर आलोचना
करेंगे -क्योंकि
काले और एसियन लोगो के प्रति
नफरत से भरे लोग ही उनकी ताक़त
है --जैसे
देश मे नफरत के बल पर धर्म विशेस
को निशाना बनाया जा रहा है |
उसी
प्रकार योगी इस कांड मे मारे
गए बच्चो के कारणो की तह मे
नहीं जाएँगे |
और
अब तो केंद्रीय मंत्री गडकरी
के इस बयान के बाद की "”
देश
मे इलाज़ की बहुत कमी है |
सरकारो
की अपनी मर्यादा है --इसलिए
धर्मार्थ संगठनो को आगे आना
चाहिए !! योगी
जी को तो बहाना ही मिल गया !
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