निर्वाचन
आयोग के फैसले पर सरकार और
मंत्री द्वारा सवालिया
निशान लगाए जाने के बाद अब
राष्ट्रपति चुनावो के मतदान
मे जारी प्राधिकार पत्र के
बाद भी पत्रकारो पर प्रतिबंध
लगे ?
भारत
के राष्ट्रपति के चुनाव मे
संसद और देश की विधान मंडलो
मे वोट डाले जाते है |
जिस
प्रक्रिया को "”कवर
"”
करने
के लिए पत्रकारो को "”प्राधिकार
पत्र या पहचान पत्र "”
इन
चुनावो के लिए दिये जाते है
|
जिसका
उद्देस्य वैसा ही होता है जैसा
विधान सभा या लोक सभा चुनावो
मे जारी "”पास
"” का
होता है
अर्थात मतदान के समय की हलचल
और घटनाओ को जानकारी को जनता
तक पहुचाना |
परंतु
गणतन्त्र के 67
वे
वर्ष मे देश की सत्ता के शीर्ष
के चुनावो मे पहली बार हुआ है
की पत्रकारो को विधायकों की
वोट डालने वाली पंक्ति तक जाने
से रोका गया !!
जबकि
राष्ट्रपति चुनाव के "”
राज्य
स्तरीय नोडल अधिकारी संजय
सिंह बघेल "”
द्वारा
जारी पास हम लोगो को मुंह चिढा
रहा था !
क्योंकि
वह पास उसको जारी करने वाले
की हैसियत को रेखान्कित कर
रहा था !!!
लगभग
सौ से अधिक पत्रकारो को अपने
फोटो सहित जानकारी प्रदेश
जनसम्पर्क विभाग द्वरा मांगी
गयी थी |
जिसका
अनुमोदन "”निर्वाचन
आयोग "”
द्वरा
कराया गया था |
उनकी
सहमति के उपरांत ही संजय सिंह
बघेल को निर्देशित किया गया
था पास जारी करने को "|
,
अब
यह तो भारत का दुर्दैव और
गणतन्त्र का दुर्भाग्य है की
– चुनाव
आयोग भी सरकारो की मर्ज़ी पर
चल रहा है --क्योंकि
उसके पास अपना कोई अमला नहीं
है जो यह सब इंटेजम कर सके |
जैसा
की "”राज्य
निर्वाचन आयोग "”
के
पास है जिनका दायित्व ग्राम
सभाओ से लेकर नगर निगमो के
चुनाव कराना है !!
शायद
यह पहली बार हुआ या हो रहा है
की कोई मंत्री चुनाव आयोग के
निर्णय को दो -
दो
बार चुनौती दे रहे है |
इतना
ही नहीं विधान सभा भी आयोग
के निर्देशों को "”
आलात
– पलट रही है |
और
तो और अध्यक्ष भी आयोग के
फैसले पर व्धि वेत्ताओ की
सलाह ले रहे ----
की
इस फैसले का क्या अर्थ है ?
अथवा
इसका फ़लीतार्थ क्या होगा ?
आश्चर्य
की बात यह है की ना तो आयोग और
नाही दिल्ली हाइ कोर्ट ने
मंत्री नरोत्तम मिश्रा का
क्या भविष्य होगा इस बारे मे
कोई साफ
- साफ
निर्देश नहीं दिये
जिस कारण वे विधान सभा मे बैठ
नहीं पा रहे है राष्ट्रपति
चुनाव मे मतदान से वंचित कर
दिये गए ---परंतु
विधान सभा मे अभी भी उनके नाम
की पट्टी उनके आवंटित कमरे
के बाहर लगी है ??
इसका
क्या अर्थ लगाया जाये की वे
सरकार मे मंत्री बने है --परंतु
सदन के सदस्य नहीं है !!
सबसे
महत्वपूर्ण बात यह है की अब
इन सब विधनिक और कानूनी गुथियों
का अंतिम निपटारा भारतीय जनता
पार्टी का संसदीय मण्डल करेगा
---- जनहा
मुख्य मंत्री शिवराज सिंह आज
शाम को मामले पर अंतिम निर्देश
लेंगे !!!
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