कटनी
कांड मे आखिरकार मंत्री संजय
पाठक से 500
करोड़
के हवाला कांड मे पूछताछ ईडी
ने शुरू की पर पुलिस ने बरामद
दस्तावेजो को देने मे हिला -
हवाला
किया
साल
की शुरुआत कटनी के खनन फर्म
एस आर मिनरल्स के लिए हॅप्पी
न्यू ईयर ना होकर कुछ डरावनी
साबित हुई |
जब
7
जनवरी
को हवाला के शक मे दो व्यक्तियों
बर्मन और संजय तिवारी को बंदी
बनाया गया |
तब
यह राज़ खुला की ठेला भर कर
बरामद दस्तावेज़ वास्तव मे
एस आर मिनरलस से संबन्धित है
|
जिनमे
उनके द्वरा किए गए लेन-देन
के वाउचर है जिनसे पता चलता
है की काफी बड़ी मात्रा मे
रुपये इधर से उधर किए गए है |
ज़िला
पुलिस कप्तान गौरव तिवारी
की इस कारवाई से घबड़ा कर संजय
तिवारी ने मजिस्ट्रेट के सामने
बयान देने की मंशा ज़हीर की |
उसने
बयान मे सरावगी बंधुओ का तथा
मंत्री संजय पाठक का नाम उजागर
किया |
जब
यह खबर बाहर आई तब सरकार मे
हलचल मच गयी |
मामला
एक ऐसे मंत्री से जुड़ा था जो
सत्तारूद पार्टी के लिए बहुत
"”कीमती
"”
थे
|
आनन
-फानन
मे सरकार हरकत मे आई और पुलिस
कप्तान गौरव तिवारी को ज़िले
से चलता कर छिंदवाड़ा रवाना
कर दिया और उनके स्थान पर शासन
के प्रिय राजी पुलिस सेवा के
शशि कान्त शुक्ल को तैनात कर
दिया |
जिनहे
अपुष्ट खबरों के अनुसार की
गयी पुलिस कारवाई को ढिलका
करना था |
पुलिस
अफसर के तबादले को लेकर कटनी
मे जन आंदोलन शुरू हो गया -
जिसको
पुलिस के डंडे से काबू मे किया
गाय |
इस
संबंध मे हाइ कोर्ट मे दायर
याचिका को कार्यवाहक मुख्य
न्यायधीश राजेंद्र मेनन और
अनुराग श्रीवास्तव की पीठ ने
"”
दुर्भावना
से प्रेरित बताते हुए खारिज
कर दिया "”
यह
भी टिप्पणी की मंत्री को बदनाम
करने के लिए यह वाद प्रस्तुत
किया गया है |
परंतु
इस फैसले के दूसरे ही दिन
धनशोधन निरोधक अधिनियम के
तहत 500
करोड़
के काले धन को एक्सिस बैंक के
अधिकारियों से मिलकर ठिकाने
लगाया है |
इस
प्राथमिकी के दर्ज़ करने के
बाद मंत्री संजय पाठक से भी
पूछ -ताछ
की गयी |
अगर
उच्च न्यायालय संजय तिवारी
के कलाम बंद बयान को मँगवा कर
देख लेती तब शायद साफ हो जाता
की कैसे एक बीपीएल कार्ड धारी
संजय तिवारी एस आर मिनरल्स
का डाइरेक्टर हो गया |
परंतु
लगता है और बड़े मामलो की भांति
ही इस केस को भी पुलिस दाखिल
दफ्तर कर देगी |
एका
बार फिर नियम और कानून पराजित
होगा |
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