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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 18, 2017

अदालत ने मोदी सरकार से पूछा की जवानो को कैसा खाना दिया जाता है – आखिर यज्ञ प्रताप सिंह की आह लगी
सोशल मीडिया पर सीमा सुरक्षा दल के लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह का वीडियो जिसमे उन्होने पनीली दाल और जली हुई रोटी को दिखा कर 14 घंटे की सीमा की ड्यूटि के हालातो को उजागर किया था | पब्लिक मे इस विडियो ने बहुत हलचल मचा दी | इस विडीओ आने के बाद फौजी इंतिज़ाम के बारे मे सवाल किए जाने लगे | तब वर्दिधारी संगठनो के अफसरो ने "”इसे छोटी -मोटी" घटना बता कर रफ़फा - दफ़फा करने की कोशिस की | केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय भी "”मौन सिंह "”बन गया |

पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश रोहिणी एवं जुस्टिस संगीता ने इस शिकायत पर गौर करते हुए देश के सभी केन्द्रीय सुरक्षा बलो और सरकार को नोटिस देकर पूछा है की उन्हे बताया जाये की सीमा पर जवानो को कैसा खाना दिया जाता है | इसी बीच अनदेखे सरकारी प्रयासो से समाचार पतरो मे अवकाश प्रापत अफसरो के बयान और लेख छापने लगे | जिससे इस सवाल को टरकाया जा सके | इसी कड़ी मे जनरल कादियांन का लेख छ्पा - जिसमे उन्होने खाने की इन शिकायतों को छोटी - मोटी घटना बताया !! उनके अनुसार जब कोई आदमी सैन्य संगठन मे भर्ती होता है तो उसे ''वनहा का अनुशसन मालूम होता है "” उसे अगरइससे कोई शिकायत है तो वह छोड़ सकता है | जनरल साहब ने जवानो को बहुत ही तुच्छ मानते हुए --जाली हुई रोटी और पनीली दाल की शिकायत को खारिज कर दिया | यही घटना अगर आफिसेर्स मैस मे होती तब जनरल साहब बावर्ची समेत रसोई के सूबेदार मेजर को भी तुरंत सज़ा सुना देते | परंतु यानहा बात सिपाहियो की थी इसलिए यह छोटी -मोटी बात थी | सेना और केन्द्रीय सुरक्षा बलो मे अफसर और जवानो के खाने की ज़िम्मेदारी सरकार की है | अफसर और जवान के मेनू भिन्न हो सकते है ---परंतु भोजन ऐसा हो जो उन्हे पौष्टिकता दे और स्वादिस्ट हो |

अब जो दायित्व सीमा सुरक्षा बल - केन्द्रीय सुरक्षाबल – भारतीय -तिब्बत सीमा पुलिस - असम राइफल तथा केन्द्रीय औद्यगिक बल तथा एस एस बी आदि के अफसरो को दिल्ली हाइ कोर्ट को जवाब देना होगा | कम से कम जवानो से आदमी की भांति व्यवहार करना होगा |

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