कैशलेस
बाज़ार की शुरुआत अभी नहीं
है संभव
देश
के रक्षा मंत्री मनोहर परिकर
का यह बयान की गोवा मे बाज़ार
को कैशलेस नहीं किया जा सकता
सरकार और उनकी पार्टी के संगठन
के नेताओ के कान खड़े कर देने
वाला हो सकता है |
परंतु
स्थानीय व्यापारियो के दबाव
और विधान सभा के आगामी चुनावो
को देखते हुए उन्होने यह पैतरा
खेला है |
गौर
तलब है की प्रदेश सरकार द्वारा
सभी व्यापारियो को इस योजना
के तहत पंजीकरण करने के आदेश
के बाद व्यापारी समुदाय उग्र
हो गया था |
उन्होने
रैली निकाल कर सरकार के मुख्यालय
पर प्रदर्शन किया था |
उन्होने
गोवा बंद की धम्की दी थी |
पर्यटन
का सीजन होने के कारण विदेशी
सैलानियों पर कैशलेस होने के
कुप्रभाव को देखते हुए बाज़ार
पर विपरीत प्रभाव की आशंका
थी |
व्यापारियो
के लिए डालर और पाउंड कमाने
वाले कैसीनो और बड़े होटलो ने
सरकार की नीति का विरोध किया
|
प्रदेश
सरकार ने इस अवसर पर परिकर को
गुहार लगाई और उन्होने कहा
की गोवा पचास फीसदी से अधिक
कैशलेस नहीं हो सकता है और इस
से ज्यादा होने की भी कोई ज़रूरत
भी नहीं है |
अब
यश बयान केन्द्रीय वित्त
मंत्री अरुण जेटली के लिए और
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
के लिए झटका पहुचने वाला हो
सकता है |
परंतु
मनोहर परिकर के लिए अपना होम
ग्राउंड बचाना जरूरी है |
क्योंकि
उन्हे तो गोवा से ही चुन के
जाना है |
इसलिए
उन्होने मोदी की नीति मे संशोधन
कर दिया |
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