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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 11, 2016

प्रदेश की पुलिस मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान नहीं कर पायी ?

कुछ समय पूर्व ही जिस भोपाल पुलिस की बहादुरी की प्रशस्ति सार्वजनिक रूपसे मुख्य मंत्री शिव राज सिंह ने जेल से फरार सिमी के आठ लोगो को गोलियो से भून दिया था | वही पुलिस एक मुख्य मंत्री को सुरक्षा देने मे नाकाम रही | इस घटना ने ना केवल राज्य सरकार और प्रदेश पुलिस के भद्दे रुख को उजागर किया वरन प्रशासनिक शिस्टाचार की भी धजज़िया उड़ा दी |

घटना यू है की राजधानी के मलयाली समाज ने केरल के मुख्य मंत्री पिनराई विजयन को शनिवार को बीएसएसएस कॉलेज मे आयोजित एक समारोह मे आमंत्रित किया था परंतु भारतीय जनता पार्टी के पित्रसंगठन राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ और उनके चुथ्भिए संगठन बजरंग दल तथा विश्व हिन्दू परिषद द्वारा केरल मे स्वयं सेवको की हत्या के कारण केरल की सरकार से रुष्ट है | उन्होने विजयन के आगमन पर उन्हे समारोह मे नहीं पहुचनेदेने की घोसना की थी | मात्र सौ – पचास प्रदर्शन करियों की धम्की से पुलिस ने सुरक्षा की औपचारिकता देने को तो माना परंतु विजयन को कहा की वे समारोह मे अपनी रिस्क पर ही जाये | यानि कुछ भी घटित होने पर जिला और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा !! कहा जाता है की भोपाल महानिरीक्षक योगेश चौधरी ने महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ल ने पुलिस की "”असमर्थता "” की बात स्वयं केरल के मुखी मंत्री से काही थी | जिसके उपरांत समारोह के आयोजक श्री जॉय को विजयन ने फोन पर बताया की भोपाल की पुलिस ने उनसे कहा की वे अपनी रिस्क पर जाये ---जो एक मुख्य मंत्री का अपमान है | अतः मै नहीं आ सकूँगा |

इस प्रकरण से प्रदेश के शिष्टाचार विभाग की पूरी नाकामी उजागर हो गयी | नीली किताब के अनुसार सभी प्रदेश के मुख्य मंत्रियो को एक समान सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है ----अर्थात ज़ेड लेवल की | परंतु इस मामले मे राज्य सरकार द्वरा सर्वोच्च स्तर पर की गयी अनदेखी भविष्य मे समस्या उत्पन्न कर सकती है |

यदि इस घटना के उत्तर मे मध्य प्रदेश का कोई मंत्री या मुख्य मंत्री केरल जाता है --- तब वनह पर अगर यही सुरक्षा और सम्मान मिला तब क्या होगा ? घटना छोटी नहीं है और इसका प्रभाव भी हल्का नहीं होगा |

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