नवरात्रि
पर्व पर सोलह घंटे देवी की आराधना का माहौल
क्या
आप विश्वास करेंगे की नवरात्रि
को बंगाल के दुर्गा पूजा उत्सव
की भांति मनाने की --होड
मे प्रदेश मे भी मूर्ति बिठाने
की संख्या मे बहुत इजाफा हुआ
है | परंतु
असल की नक़ल मे अक्सर गलतिया
होती ही है | वैसी
ही दिखाई पद रही है |
बंगाल
मे यह समय महालय से प्रारम्भ
होता है | और
वनहा प्रातः देवी को पुस्पांजली
अर्पण के उपरांत प्रसाद वितरित
होता है | रात
मे आरती के साथ देवी का शयन
कराया जाता है |
यह
परंपरा सदियो से चली आई है |
बंगाल
मे जिस भव्यता से यह आयोजन
किया जाता है ,,
उससे
प्रभावित होकर उत्तर भारत मे
इस का आयोजन होने लगा है |
पिछली
सदी के अंत तक और 21वी
सदी के प्रारम्भ तक दुर्गापूजा
शहरो मे "””कालीबाड़ी
"” यानि
की बांग्लाभाषी लोगो का उत्सव
होता था | जिसमे
स्थानीय लोग भाग लेते थे |
उत्तर
भारत के शक्ति उपासको मे
नवरात्रि को देवी का आवाहन
घट स्थापना से होता है उपरांत
चंडी पाठ किया जाता है |
घट के
समक्ष अखंड दीप जलाया जाता
है जो हवन के बाद ही समापन किया
जाता है | रात्रि
को भक्त परिवार के साथ आरती
करके विदा लेते है |
परंतु
अगर आप दुर्गा पंडाल मे काली
की मूर्ति देखे तो अचरज मत
करिएगा ---क्योंकि
आयोजको को पर्व की मूल और
मुख्य बात का ज्ञान नहीं होता
वे तो भक्ति का गीत बाजा कर
और ''जय
माता दी '' का
जयकारा लगा कर वैष्णव देवी
और शक्ति स्वरूपा चंडी का मेल
कराते है | यद्यपि
यह परंपरा के विप्रोत है
---परंतु
आजकल किसे परवाह है परंपरा
या करमकांड की |
आयोजन
स्थलो पर राम और कृष्ण की
लीलाओ का चरित्र वर्णन होता
है |
वस्तुतः
मूर्ति के विधान और पूजा अर्चना
को झांकी बिठाने वाले लोग
'''भूल
ही '''' गए
उन्हे पंडाल से बाहर लगे खाने
- पीने
के स्टाल और गाना बजने मे
ज्यादा रुचि हो गयी है |
वे
नवरात्रि को भी ''पर्व
''' नहीं
'''उत्सव''
के रूप
मे मनाने लगे है |
हमारे
एक मित्र जो शासन मे सचिव स्टार
के अधिकारी है और संवेदनशील
भी है | उन्होने
गणेश चतुर्थी के अवसर पर
दक्षिण भारतीय मंदिर और
स्थानीय मंदिर के माहौल का
वर्णन करते हुए लिखा था की
दक्षिण भारतीय मंदिर मे वेद
मंत्रोच्चार के साथ पूजा हो
रही थी अत्यंत शांत वातावरण
था दर्शनार्थी भी प्रभावित
होते थे |इसके
विपरीत शहर के बड़े मंदिर मे
लगे लाउड स्पीकर पर बज रहे
अनाम लोगो के गीत आने -जाने
वालों को तनाव ज्यादा दे रहे
थे – बनिस्बत शांति |
उपासना
-आराधना
भी अब एक व्यापारिक इवैंट बन
गयी है | जिस
से इस पर्व की गुरु -गंभीरता
लाउड स्पीकर के शोर मे खो गयी
|
Good post you shared. Navratri Ke Chamatkari Totke in Hindi
ReplyDeleteI agree with you sir and Happy Navratri Pooja 2017
ReplyDeleteNavratri 2018 Special Ringtones : http://tuneguru.in/navratri-2018-special-ringtones/
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