मेडिकल
सीटो की नीलामी पर रोक ---नीट
से हुई संभव
व्यापाम
की बदनामी के बाद शायद प्रदेश
मे लिए सबसे बड़ी खुशखबरी यही
हो सकती है की इस साल मेडिकल
मे छात्र अपनी योगिता के बल
पर चयनित होंगे ना की अभिभावकों
की काली कमाई से |
इस
वर्ष एमबीबीएस सीटो के लिए
21 अगस्त
से काउन्सलिन्ग शुरू होगी |
सुप्रीम
कोर्ट ने 17अगस्त
तक नीट 1 और
नीट 2 का
परिणाम घोषित करने का निर्देश
दिया है |
प्रदेश
मे सरकारी मेडिकल कालेज भोपाल
- इंदौर
-जबलपुर
- ग्वालियर
-रीवा
और सागर मे कूल मिलकर 800
सीटे
है |जबकि
सात निजी कालेज मे 750
सीटे
है | परंतु
इस वर्ष शायद 150
सीटे
निजी कालेज के कोटे से कम हो
जाएगी | मेडिकल
काउंसिल ऑफ इंडिया की नोटिस
के अनुसार भोपाल स्थित चिरायु
मेडिकल कालेज के लिए 1916
--17 को
ज़ीरो इयर घोषित कर दिया है |
इस
सुधार से योग्य छात्र और उनके
अभिभावकों को उन दलालो से
मुक्ति मिलेगी जो पैसे के डैम
पर "”सब
कुछ "” करवाने
का दावा करते थे |
शिक्षा
के छेत्र को मुनाफे का धंधा
बनाने वालो के के हितो पर करारा
प्रहार है | इस
फैसले से सरकार ने संभावित
गंदगी के अवसर का सफाया कर
दिया है |
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