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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 10, 2016

दाग अच्छे है के बाद अब तोड़ फोड़ भी ठीक है ख़रीदारी का मौका है

      तोड़ फोड़ को भी बिक्री बड़ाने का विज्ञापन बनाया
मौजूदा बाजरवाद की बयार मे उपभोग को ही विकास और उन्नति का बैरोमीटर मान लिया गया है | दिन -प्रतिदिन काम मे आने वाली वस्तुओ के विज्ञापन तो आम बात है | पाँच रुपये का बर्तन साफ करने वाला झझवा हो या कपड़ा धोने का दस रुपये का साबुन हो सबके विज्ञापन चैनलो पर समाचारो के दौरान भी गोलाबारी करते रहते है | अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करने वाले भी यही विज्ञापन दाता होते है | दर्शक को भले ही उलझन हो परंतु विज्ञापन है तो आवश्यक मजबूरी |क्योंकि चैनल हो या अखबार पैसा तो इनहि से आता है | चार दशक पहले भी हालत कमोबेश ऐसे ही थे --पर इनके नियंताओ मे धन से ज्यादा -सम्मान की पहचान की हसरत होती थी | आज बात उलट गयी अब पहचान पैसे से होती है ,,इसीलिए उन्होने इज्ज़त और संयम की रोक को खतम कर दिया |

इस आलेख को लिखने का विचार ई कामर्स की कंपनियो के व्यापार से आया | घर बैठे मनचाहा पाओ -दाम भले ही कर्जे से चुकाओ या नकद ,,पर ख़रीदारी जरूर करो | दुनिया की मशहूर कंपनी अमेज़न का विज्ञापन टीवी मे बहुत आ रहा है | इन कंपनियो की रणनीति रहती है की धार्मिक --सामाजिक अथवा राष्ट्रीय अवसर हो इनका बिक्री का विज्ञापन तैयार |परंतु इस कंपनी के विज्ञापन ने दो बातो की याद दिलाई ---एक तो काँच या शीशा का आविष्कार होने पर जर्मनी मे घर = घर इंका उपयोफ खिड़की दरवाजो मे किया गया था | मै नाम भूल रहा एक युवक जो शीशे के कारखाने मे काम करता था --उसके कारखाने की बिक्री घटने लगी तो उत्पादन भी कम होने लगा | इस नौजवान ने सोचा की क्यो नहीं शीशो को तोड़ दिया जाए तब लोग नया शीशा खरीदेंगे | शायद हैम्बर्ग मे पत्थर मार कर खिदकियों और दरवाजो के शीशा तोड़ने की काफी घटनाए हुई |आखिर मे उस बालक को पकड़ कर अदालत मे पेश किया गया --उस से पूछा गया की वह ऐसा क्यो कर रहा है तो उसने कहा की जब मौजूदा शीशे टूटेंगे तभी तो लोग नए खरीदेंगे | ---शायद अमेज़न के विज्ञापन का प्रेरणा श्रोत्र यही रहा होगा | की घर मे जो है उसको तोड़ो फिर नया खरीदने का मौका मिलेगा

इस सब से कोई एतराज़ नहीं जिसको जब जो चाहिए इनकी मदद लो और मनपसंद चीज़ पाओ | पर आजकल दिखाये जा रहे विज्ञापन मे तो यह दिखाया जा रहा है की घर मे तोड़ फोड़ करके अथवा दुर्घटनावश वस्तुओ की टूट - फूट हो जाये तो ---घर वाले दांते - फटकारते नहीं – नाचते है की --- अमेज़न से खरीद का मौका मिला |लगता है उपभोग की छीजो की इतनी बिक्री हो चुकी है की अब लोगो ने ख़रीदारी बंद कर दी है | इस लिए बिजनेस प्रमोसान के लिए तोड़ फोड़ करना जरूरी है | उनकी उत्पादो की बिक्री मे कमी का कारण बाज़ार की मंदी है --नक़द की कमी है |जो विज्ञापन पर खर्च किए धन की वसूली करने मे असमर्थ है |


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