झूठे
का बोलबाला -सच्चे
का धक्का मारा --जेटली
राज्य
सभा मे काँग्रेस सदस्य आनद
शर्मा द्वारा प्रधान मंत्री
नरेंद्र मोदी के खिलाफ पार्टी
आद्यकश सोनिया गांधी के विरुद्ध
गलत बयानी के लिए लाये गए
विशेसाधिकार के प्रस्ताव को
अमान्य किए जाने का आग्रह करते
हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली
ने कहा की सदन के बाहर दिये
गए बयान को विशेषाधिकार का
उल्लंघन नहीं माना जा सकता |
उनके
अनुसार राजनेता द्वारा चुनाव
मे दिये गए बयान तो दिये जाते
ही है |
यह मामला
अगस्टा हेलिकॉप्टर की खरीद
के मामले मे -मोदी
जी द्वारा यह कहे जाने से की
जिन लोगो का इटली से नाता है
उन्हे देश जनता है |
जिस
पर आनंद शर्मा ने कहा था की
नरेंद्र मोदी सदन मे और सदन
के बाहर भी प्रधान मंत्री है
| उनके
द्वारा कहा गया बयान आधिकारिक
ही होता है वे यह कह कर छुटकारा
नहीं प सकते की यह एक राजनीतिक
बयान है | परंतु
जेटली जी की बयान से यह ध्वनित
होता था की सदन के बाहर कोई
कुछ भी बोल सकता है ,,भले
ही वह तथ्य परक हो अथवा नहीं
हो |सदन
मे तथ्य फरक नहीं होने पर उस
"”बयान
"”' को
झूठ नहीं कहा जाता वरन उसे
"'असत्य"”
कहा
जाता है | क्योंकि
सदन मे झूठ शब्द असंसदीय है
सवाल
यह है की अगर प्रधान मंत्री
के पद पर बैठा हुआ व्यक्ति
अनाप -शनाप
आरोप लगाए तो वह जायज है |
लगता
है की लोकसभा चुनाव का बुखार
भारतीय जनता पार्टी पर अभी
भी बरकरार है |
यानि
जुमलो का राज़ जारी रहना चाहिए
| जेटली
के बयान से यह साफ है की "”नेताओ
को "”” सार्वजनिक
रूप से झूठ बोलने की आज़ादी है
---बस
सदन मे ही "”सत्य"”
बोल्न
उनकी मजबूरी है |
इसे
ही कहते है की झूठे का बोलबाला
--जैसा
की लोकसभा चुनावो मे मोदी जी
ने किया था | बाद
मे अपने किए वादो को "””जुमला"””
बता
दिया |
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