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Sep 21, 2015

समय के वेग को और इतिहास को झुठलाने की नाकाम कोशिस

समय के वेग को और इतिहास को झुठलाने की नाकाम कोशिस


समय सभी सभयताओ मे निर्णायक होता है यह इसी युक्ति से सिद्ध हो जाता है :::मानुषी बली नहीं होत है ,,समय होत बलवान ,,भीललन मारी गोपिका वही अर्जुन वही बान "”” कहने का आशय यह है की समय या काल ब्र्म्हांड का सशस्क़्त पहरेदार है | जो था भी और है भी एवं रहेगा भी |
बहुत से महान लोगो या शासको ने समय को अनुकूल करने के लिए कितने ही यत्न किए परंतु वश मे नहीं कर पाया | परंतु राजनीतिक लालसा इस सत्य को झुठलाने की कोशिस जारी है | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मे एक"” वचन"” दिया की वे वह सब कुछ पचास महीनों मे वाराणसी के लिए करेंगे जो पिछले पचास सालो मे नहीं हो पाया है | अब इस बयान को क्या समझा जाये ? हालांकि उत्तर प्रदेश मे अभी चुनावो की धमक नहीं सुनाई पड रही है | परंतु मोदी जी को चुनावी माहौल बनाने की कला आती है | क्योंकि वे शांति के नहीं युद्ध के ही नेता है | जो अपने समर्थको को जोशीले '''नारो और बयानो "”' से परिपूर्ण करते रहते है | अब उन नारो और बयानो की सत्यता को अगर तथ्य और तर्क की कसौटी पर परखा जाए तो लोगो को निराशा हो सकती है |



क्योंकि उनका कहना "”'एक वार क्राइ "” होता है | जैसे की फौज की सभी पलटनों का एक वार क्राइ होता है और एक "””इष्ट "होता है वैसे ही मोदी जी के भाषण होते है | परंतु इस बार मोदी जी ने तो समय के परिमाण को ही बदलने की कोशिस की है | क्या कोई भी सोच सकता है की की एक साल मे होना वाला काम क्या एक महीने मे हो सकता है ?? वास्तविकता मे उनके कथन को क्या फिर "”जुमला "”” नहीं माना जाना चाहिए ? क्या आज़ादी के बाद पिछले साठ साल मे हुए विकास को कोई भी देशवासी नकार नहीं सकता | परंतु अगर कोई ऐसा करता है तो दो ही बाते हो सकती है है की "””या तो उन्हे देश मे हुए परिवर्तनों की जानकारी नहीं है "””” अथवा जानबूझ कर तथ्यो की स्वार्थवस नकार रहे है |

जवाहर लाल नेहरू द्वरा देश को दिये गए तीन लौह कारखाने "”भिलाई --बोकारो और दुर्गापुर "”” ने देश की लोहे की ज़रूरत को पूरा किया | उसके बाद सिंचाई के लिए भाखरा नांगल - हीराकुड - दामोदर घाटी जैसे विशाल बांध और पनबिजली परियोजनाए दी | ट्रांबे मे डॉ होमी जेंहगीर भाभा के नेत्रत्व मे आणविक केंद्र स्थापित किया | नरौरा मे आणविक बिजली घर की स्थापना हुई | इसी दरम्यान भारत मे चार पहिया वाहनो का उत्पादन शुरू हुआ || इन्दिरा गांधी जी के जमाने मे उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी की उन्होने देश की खाद्य समस्या को हल करने के लिए डॉ नार्मन बोरलाग को बुला कर गेंहू के उत्पादन मे क्रांति कर दी थी | उधर गुजरात मे डॉ वर्गीस आमूल मे रहकर श्वेत क्रांति कर रहे थे | फिर प्रथम आणविक विस्फोट पोखरण मे हुआ | बंगला देश युद्ध की विजय और एक लाख सैनिको का आत्म समर्पण तो विश्व के इतिहास मे लिखा जाता है |
अब विगत सालो मे मिली इन उपलब्धियों को "”देश को बर्बाद करने वाला "”” निरूपित करने की कोशिस हो तो उसे "”द्वेष और कमजोर नज़र "”” ही मानाना पड़ेगा | जैसा की मैंने प्रारम्भ मे कहा था की समय सबका निर्णायक है ---वही इतिहास लिखता है ,,लोग लाख कोशिस कर ले इतिहास को ना तो झूठलाया जा सकता नहीं अपने अनुकूल लिखा जा सकता है | जिसकी कोशिस कुछ लोगो द्वारा की जा रही है | यह राजनीतिक कोशिस देश और समाज के लिए अहितकारी होगी



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