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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 25, 2025

 

कुम्भ के साधुओ ने भी धर्म पर की मन की बात बनाम साधु कहे मन की बात !का आयोजन हुआ

 

अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प को एक महिला धरम प्रचारक मारियाँ बुड़े चेतावनी देती हैं की वे "ऐसा कुछ ना बोले ,जिसके लिए उन्हे बाद में पछताना पड़े ! उनका इशारा अवैध आप्रवासियों को अमेरिका से खदेड़ने की धमकी से था वरन वे आग्रह करती है की वे सभी असहाय और निर्बल लोगों के प्रति करुणा और दया का भाव रखे || जबकि भारत में महा कुम्भ में नरेंद्र मोदी जी की मन की बात के तर्ज पर पाँच दशनाम अखाड़े के स्वामी प्रकाशनन्द ने 25 जनवरी को दो बजे दिन में "”” साधु कहे मन की बात "” |का आयोजन किया |जिसमे सभी अखाड़ों और संप्रदायों तथा परंपरा के साधु भाग लेंगे | वैसे परंपरा रही है की आश्रमों या मठों से सत्ता शिक्षा या सीख लेते रहे हैं , परंतु यह इक्कीसवी सदी मे होगा की उलटी गंगा बहेगी | भगवा द्वरा सत्ता का अनुगमन किए जाने का पहला ही अवसर होगा | ईसाई धरम के प्रति भगवा का विष वमन तो होता ही रहता हैं -- परंतु शायद किसी भी मंडलेसवार या महंत अथवा सन्यासी मे यह साहस नहीं है की वो वर्तमान सत्ता को "” दया और करुणा "” का पाठ पड़ाये | हालांकि एक मुख्य मंत्री जो खुद भी एक मठ के मुखिया है और भगवा धारी है ----- वे तो सदैव प्राचीन गौरव के नाम पर मुसलमानों को पर निशाना ताने रहते है , उनका बुलडोजर भी सिर्फ मुसलमानी के ही अतिक्रमण को गिराता हैं | यह अंतर हैं दोनों धरमों के प्रचारकों में |

यूं तो ईसाई धर्म में भी प्रचारकों द्वरा अनीतिक कर्म किए गए हैं --परंतु उन पर चर्च द्वरा कारवाई की गई उनको "”धार्मिक लबादा "” जैसे हमारे यंहा :””:भगवा "” होता है ---उसे उतरवा दिया जाता हैं | जैन धर्म में यदि कोई मुनि पंथ के नियमों की अवहेलना करता है --तो उसे चीवर उतार कर ग्रहस्थों के कपड़े पहनने को कहा जाता हैं | परंतु भगवा धारियों पर आपराधिक मुकदमे भी चले और सिद्ध भी हो जाए तो वे मठ के मुखिया तब तक बने रहते है "”” जब तक की अदालत उन्हे जेल नया भेज दे "” ! उदाहरण के लिए "”संत आशा राम "” तथा "”बाबा राम रहीम "” वीज़े अनेकों और उदाहरण है परंतु --नया तो वे अपना "”वेश"” बदलते है और ना ही उन्हे पद से हटाया जाता हैं | वरन कभी -कभी तो इन लोगों के प्रभाव का इस्तेमाल चुनाव मे भी होता हैं -----उसके लिए राज्य सरकार उन्हे "”पैरोल "” देती रहती है --जैसा बाबा राम रहीम के मामले मे हुआ |

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