राजनीति
की बलि चढती –जनहित और सुप्रीम कोर्ट की
नसीहत
सुप्रीम कोर्ट के बार – बार इंगित करने पर , की धरम को राजनीति से अलग रखा जाये , तभी समुदायो
में तनाव खतम होगा | वोट की राजनीति के लिए धरम का इस्तेमाल
देश की एकता के लिए खतरनाक है |
परंतु भोपाल में आरएसएस के सरसंघचालक भागवत जी ने सिंधी समुदाय के सम्मेलन मे कहा की
“”अखंड भारत ‘’’ के लिए प्रयास समझआर लोग
करेंगे !!! वैसे संघ समर्थित अनेक संगठन
अखंड भारत की बात करते ,है पर वे यह नहीं साफ साफ बताते की ब्रिटिश शासन
का भारत अखंड था अथवा सम्राट अशोक का या चोला राजा का !!! क्यूंकी उस भारत या तो उत्तर भारत नहीं
होगा या दक्षिण भारत के भाग नहीं होंगे , शायद मांग करने
वाले जानबूझ कर इस मसले को साफ नहीं करना चाहते , क्यूंकी तब
बहस होगी ----जो ये लोग
नहीं
चाहते |
यह सर्व विदित है की संघ भारतीय जनता
पार्टी का “”” मूल या मातृ संस्था है ----याय उसके एक्छ्त्र नेता अखंड
हिन्दू राष्ट्र की बात करते हैं तब वारिस पंजाब
दे का स्वयंभू नेता अमरत पाल सिंह का यह कथन वज़न रखता हैं की वो हीनु राष्ट्र की मांग कर सकते हैं फिर सिखो के
लिए अलग राष्ट्र क्यू नहीं !!! अब इसका कोई
उत्तर तो नहीं हो सकता , क्यूंकी दोनों ही मांगे एक ही धरातल
पर हैं | पर सत्ता तो यही कहेगी की हिन्दू राष्ट्र सान्स्क्रतिक
संभावना है जबकि सीखिस्थान देशद्रोह है !!! अब कोई तार्किक और तथ्यो का सम्मान करने वाला सत्ता के इस जवाब को सिरे से खारिज कर देगा | पर संघ के संगठन तो हिन्दू राष्ट्र के नारे के बिना “”” निर्जीव”” हो जाएँगे |
यूं तो
देश में दलीय राजनीति के अनेक विवाद चल रहे है , और सभी पक्ष अपने अपने तर्क सार्वजनिक छेत्र में रख रहे है ||
परंतु सरकार या सत्ता पक्ष आज की तारीख में
तो मोदी सरकार और उसके सहयोगी संगठन आरएसएस तथा विश्व हिन्दू परिषद और सड़क पर
हिंसक विरोध के लिए बजरंग दल और कर्नाटक में राम सेना आदि जैसे मैदान में है
| हाल ही में रामनवमी
के जुलूस को लेकर बंगाल – महाराष्ट्र
–दिल्ली और कई स्थानो पर तनाव हुआ और पुलिस से झड़ाप भी हुई | जैसा की उम्मीद थी सत्ता पक्ष ने
बंगाल में जुलूस के दौरान हिंसा के
लिए झट से वनहा की त्राणमूल सरकार को “ हिन्दू विरोधी “” लेबल करने में देर नहीं किया | देश की राजधानी दिल्ली में जनहागिरपुरी में जुलूस की नेताओ की हठधर्मिता को बीजेपी और आरएसएस के प्रवक्ता टीवी
चैनलो पर आकार “”सहज राम भक्ति के प्रदर्शन को जायज बता रहे थे |
जबकि पुलिस {उनकी ही } ने जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी थी , फिर भी बालको और युवाओ की भीड़ भगवा झंडे हाथा में लिए उत्तेजक नारे लगा
रहे थे –ऐसे द्राशया टीवी चैनल में दिखाई पद रहे थे |
बंगाल के जुलूस में एक आदमी के हाथ में पिस्तौल
थी और वह जीप पर खाड़ा था | बीजेपी की महिला प्रवक्ता ने बड़ी मासूमियत के साथ कह दिया की जिसके पास हथियार थे उनके खिलाफ
पुलिस कारवाई करे !! परंतु देखा गया है की जब कारवाई होगी ,
तब भारत में हिन्दुओ या सनतानियों की श्रद्धा पर रोक के आरोप गैर बीजेपी सरकारो
पर लगा दिये जाएँगे !
बीजेपी शासित मध्यप्रदेश में रामनवमी के दिन इंदौर में एक
मंदिर में बावड़ी की छ्त धंस जाने से
31 बालक –बच्चे और युवा तथा लोग की
दुखद मौत हो गयी ! तब इन धरम भीरु नेताओ को अपने गिरेबान में झाँकने की जरूरत नहीं हुई | किस प्रकार मंदिर ऐसे सार्वजनिक स्थलो पर
“”भक्तो”” की जान की सुरक्षा का इंतेजाम
ओन चाहिए | प्रधान मंत्री मोदी और मुख्य मंत्री चौहान ने मारे गए लोगो के परिवारों को आर्थिक सह्यता
घोषित की है , अब देखना होगा की यह राशि उनको कब मिलती है |
संघ के एक प्रवक्ता टीवी की बहस
में आकार कहते है की काँग्रेस ने लोगो को
बाँट रखा था , वे हिन्दुओ के जुलूस को उन इलाको से नहीं निकलने देते थे , जनहा मस्जिद और मुसलमानो की आबादी होती थी | हम
क्यू नहीं राम भगवान के जुलूस को आज़ादी से सदको से क्यू नहीं निकाल सकते ! अब यह
बयान यह इशारा करता हैं की --- बजरंग दल
के लोगो को मस्जिद के सामने जाकर उत्तेजित नारे लगाने और उकसावे की कारवाई करने का अवसर मिले
-----क्यूंकी पुलिस तो सत्ता के अधीन हैं ही ---और विगत पाँच सालो से देखा ही जा
रहा हैं ,
मुसलमान जानवर के व्यापारियो को सामूहिक रूप से परेशान करने और उनकी हत्या किए
जाने की घटनाए रूक नहीं रही | अभी राजस्थान के दो मुस्लिम व्यापारियो को हरियाणा में गाड़ी
के अंदर ज़िंदा जला दिया | सबसे दुखद बात तो यह हैं की दोषी
लोगो के ज़ाति वालो ने गिरफ्तारी के खिलाफ
हड़ताल की और आरोपियों के समर्थन में जुलूस निकाला |
अब इसमे
दलीय और जातीय राजनीति साफ –साफ देखि जा सकती है ---- परंतु हरियाणा पुलिस
बयान बाज़ी में तो अपने को निर्दोष बता रही
है , पर दोषियो को गिरफ्तार नहीं कर पा रही |
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