भारतीयो का डीएनए एक -तब मुस्लिमो से इतनी नफरत ?
दिल्ली के पड़ोस में गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच में डॉ ख्व्ज़ा इफतिखार अहमद की किताब के विमोचन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वमसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा की भारत में रहने वाले लोगो का डीएनए एक हैं | यह देश सिर्फ हिन्दुओ या मुसलमानो का नहीं हो सकता !! आरएसएस के सर संघचालक का यह बयान ऐसे समय में आया हैं जब की बंगाल में बीजेपी की करारी पराजय के बाद सत्ताधारी खेमे में हलचल हैं | उतराखंड में नेत्रत्व परिवर्तन भी आगले वर्ष होने वाले चुनाव को ध्यान में रख कर किया गया हैं | मोदी सरकार के काल में बंगाल की हार के बाद एक बार फिर बीजेपी ने हिन्दू - मुसलमान का मुद्दा सोश्ल मीडिया पर और धरातल पर दिखाई पड़ रहा हैं | अब ऐसे में संघ प्रमुख का यह बयान कितना "”सच "” हो सकता हैं यह समय बताएगा | उन्होने कहा की देश का विकास "”राष्ट्रवाद और पूर्वजो का गौरव एकता का आधार होना चाहिए | उन्होने कहा की हम एक लोकतन्त्र राष्ट्र हैं | यानहा किसी एक का प्रभुत्व नहीं हो सकता | अपने सम्बोधन के समापन में उन्होने कहा की वे ना तो छवि बनाने के लिए और ना ही वोट बैंक की राजनीति के लिए आयोजन में शामिल हुए हैं | संघ ना तो राजनीति में है और ना ही छवि बनाने की चिंता करता हैं ! इस आयोजन का नाम था "” हिन्दुस्तानी प्रथम और हिंदुस्तान प्रथम "” !उन्होने इस आयोजन में यानहा तक कह दिया की "”जो कहता हैं की मुस्लिमो को भारत में नहीं रहना चाहिए वह "” हिन्दू "” नहीं हैं !!!
मोदी जी की केंद्र में सरकार बनने के पहले से संघ का साफ साफ जुड़ाव बीजेपी के आंदोलनो से रहा हैं | राम मंदिर के लिए रथ यात्रा रही हो अथवा बाबरी मस्जिद को ढाने की घटना रही हो संघ के नेता और कार्यकर्ता सदैव उसमें शामिल रहे हैं | भागवत जी का यह कथन ऐसे समय में आया हैं जब की उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार चुन - चुन कर दूसरी पार्टियो के मुस्लिम नेताओ को शिकंजे में ले रही हैं | अनेकों बार किसी बीजेपी "”दबंग "” की मदद के लिए योगी जी की पुलिस भी मुसलमानो को जबरन बंदी बना लेती हैं | उनकी निजी सेना "”हिन्दू वाहिनी "” ने जिस प्रकार गोरख पुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में दूसरे प्र्त्यशियों को नामजदगी का पर्चा दाखिल नहीं करने दिया , और मार पीट करके समाजवादी प्रत्याशी को खदेड़ा वह वीडियो वाइरल हुआ | दुख की बात तो यह थी की पुलिस की टुकड़ी राइफल लिए हुए मूक दर्शक बनी रही ! ऐसे माहौल में जब बीजेपी सरकारे अपने राजनीतिक विरोधियो -आलोचको को झूठे आरोप लगा कर बंद कर रही हो तब , संघ के लोगो को यह उपदेश मात्र पाखंड ही हैं | भागवत जी ने यह भी कहा की जो लोग {मुसलमानो} मोब लिंचिंग करते है "”वे हिन्दू ही नहीं ! “” इसी संदर्भ में गाजियाबाद में कुछ समय पूर्व एक व्रध मुस्लिम के साथ मारपीट और दाड़ी काटे जाने की घटना ट्विटर पर आई थी | उस वीडियो में एक युवक जबरन उस व्रध की दाड़ी काटते हुए दिखाई दे रहा था | इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर विवाद हुआ , केंद्रीय सूचना -प्रसारण मंत्री ने ट्विटर को नोटिस देते हुए उनसे "”विद्वेष "” फैलाने वालो के वीरुध कारवाई करने का निर्देश दिया ! उत्तर प्रदेश की पुलिस ने इस मामले में ट्विटर के प्रबंध निदेशक को तलब किया | परंतु कर्नाटक हाइ कोर्ट ने पुलिस की कारवाई पर "”रोक " लगा दी | पुलिस के अनुसार ताबीज़ के असर कोलेकर झगड़ा हुआ था , और यह हिन्दू मुस्लिम नहीं वरन मुसलमान लोगो के बीच का आपसी मसला था | जिसे विरोधियो ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिस की ! इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार के मंत्री और मुख्य मंत्री आदित्यनाथ पूरी तरह से ट्विटर को आड़ बना कर सोशल मीडिया पर नकेल लगाना चाहते हैं | जिससे की सरकार की आलोचना और उसकी योजनाओ की खामिया उजागर करने वाली खबरों पर नियंत्रण किया जा सके |
अब संघ प्रमुख के उद्गारों और जमीनी हक़ीक़त के अंतर को रेखांकित करना जरूरी हैं | बीजेपी और संघ के लोगो और उनके समर्थको के अलावा देश के ही नहीं वरन विदेशो का भी मीडिया भारत में धर्म के नाम पर अत्याचार की होने वाली घटनाओ को लेकर चिंता जता चुके हैं | उत्तर भारत में अक्सर ही गाय ले जा रहे मुसलमानो को कसाई मान कर भीड़ द्वरा "”जय श्री राम का नारा लगाती हुई भीड़ न केवल उनके पशुओ को खोल कर आज़ाद कर देती है वरन उन लोगो की अच्छी तरह से पिटाई भी हो जाती है | मजे की बात पुलिस भी भीड़ के सामने चुप ही रह जाती हैं | जिला प्रशासन भी गौ वंश की रक्षा की दुहाई दे कर छुट्टी पा लेता है |
संघ और भारतीय जनता पार्टी का संबंध :- मोदी सरकार के सत्ता में आने से पूर्व बीजेपी के लोग संघ को अपनी प्रशिक्षण शाला बताते थे | वे किसी प्रकार का सीधा संबंध अथवा नियंत्रण आरएसएस का नहीं हैं | परंतु मोदी सरकार के सत्तासीन होने के बाद अब बीजेपी और संघ के स्वयंसेवक खुले आम इज़हार करते हैं की "”” हम एक हैं "” ! इससे राजनीतिक दल और सेवाभवी राष्ट्रीय संगठन के मध्य जो झीना पर्दा था वह भी उठ गया हैं | अब ऐसे में अगर डॉ मोहन भागवत जी यह कहते है की संघ का राजनीति से कोई लेना देना नहीं हैं --------तब उस पर विसवास करना संभव ही नहीं हैं | अखबारो में छपी खबरों में आए दिन संघ के सरकारो पर नियंत्रण के लिए सर कार्यवाह और अन्य पदाधिकारियों को जिस प्रकार बीजेपी के भीतर होने वाली आवाजों को नियंत्रित किया जाता हैं वह सार्वजनिक हैं |
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