हर बार गुनहगारों
को आकाश -पाताल
से पकड़ने की हुंकार – पर टांय
टांय फिस्स !
माब
लिंचिंग हो या जे एन यू हो और
अब दिल्ली के दंगे -अमित
शाह जी !!
दिल्ली
दंगो पर संसद में हुई बहस का
उत्तर देते हुए गृह मंत्री
अमित शाह ने एक बार फिर पुरानी
टेक दुहराई की दोषियो को पाताल
से भी पकड़ लाएँगे !
वैसे
उनकी यह हुंकार अब बासी हो गयी
हैं |
क्योंकि
कनहिया कुमार के राजद्रोह
मम्म्ले में चार साल बाद मुकदमा
शुरू हुआ |
जिस
टुकड़े -
टुकड़े
गैंग को देश द्रोह का आरोप
बनाया गया ----उसके
अस्तित्व से प्रधान मंत्री
कार्यलय और गृह मंत्री कार्यालय
पूरी तरह से इंकार करते हैं
!
बुलंदशहर
में पुलिस इंस्पेक्टर की
बजरंग दल और संघ के संयोजक पर
हत्या के लगे आरोप -का
निपटारा आज तक नहीं हुआ |
अभी
लखनऊ में जिला प्रशासन ने जिस
तरह की तानाशाही दिखाते हुए
नागरिकता कानून के विरोध में
आंदोलन किया -धरना
दिया ---
उनको
नीचा दिखाने के लिए लखनऊ शहर
के कई चौराहो पर उनके फोटो-पते
सहित प्रदर्शित किए गए |
जब
इलाहाबाद उच्च न्यायालया के
मुख्य न्यायाधीश की खंड पीठ
ने ---सरकार
से पूच्छा की किस
कानून के अंतरगत ऐसा किया गया
है – तब सरकारी वकील राघवेंद्र
सिंह अडवोकेट जनरल अदालत से
ही सवाल कर बैठे की आप कैसे यह
मामला सुन रहे हैं ?
यह
तो लखनऊ बेंच के न्यायाधिकर
का हैं !
तब
मुख्य न्यायाधीश माथुर ने
वकील साहब को उनकी हैसियत
बताते हुए कहा की वे सम्पूर्ण
प्रदेश के मुख्य न्ययाधीश है
!
अमित
शाह जी ने सदन में दावा किया
की कैमरो की मदद से दिल्ली के
1100
दंगाइयो
को पहचान लिया गया हैं |
इनमें
336 उत्तर
प्रदेश से आए |अभी
तक 2647
लोगो
गिरफ्तार किया जा चुका हैं |
गृह
मंत्री ने जब दिल्ली पुलिस
की तारीफ करते हुए कहा की 36
घंटे
में दंगे पर काबू पा लिया गया
, इसके
लिए पुलिस बधाई की पात्र हैं
| अब
आजकल चैनलो की मददा से कोई भी
घटना या वारदात को बहुत दबाया
नहीं जा सकता |
यह
हक़ीक़त हैं की दंगे 23
फरवरी
से 26
फरवरी
तक होते रहे |
उसी
तारीख की रात को घायलों को
अस्पताल पाहुचने के लिए पुलिस
की सुरक्षा का आदेश दिल्ली
हाइ कोर्ट के न्यायमूर्ति
मुरलीधर ने दिया था |
दूसरे
दिन उन्होने सुनवाई करते हुए
सलिसीटर जनरल तुषार मेहता
को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा
- सांसद
परवेश वर्मा और केंद्रीय
राज्य वित्त मंत्री अनुराग
ठाकुर के वीडियो अदालत में
दिखते हुए इनके वीरुध पुलिस
में प्राथमिकी दर्ज करने की
बात की थी |
तब
तुषार मेहता ने कहा की ऐसा
करने से माहौल खराब होगा !!!
नफरत
भरे भाषण देने वालो को रोका
नहीं गया |
खुद
गृह मंत्री भी विधान सभा चुनाव
में शाहिन बाग़ को करेंट मारने
को कह रहे थे !
दंगो
की हक़ीक़त यह हैं की 23
तारीख
को शुरू हुए झड़प 24
और
25 तथा
26 को
जारी रहा इसी दिन जुस्टिस
मुरलीधर का निर्देश हुआ |
तब
किस तरह से अमित शाह जी कह रहे
हैं की दंगो को 36
घंटो
में काबू पा लिया गया ?
दंगो
की सुनियोजित षड्यंत्र बताने
का दावा करने वाले --अमित
शाह जी के अधीन खुफिया ब्यूएरो
हैं उसने कोई सूचना क्यो नहीं
दी ?
दिल्ली
विधान सभा चुनावो में हिंदुस्तान
-पाकिस्तान
किसने कहा {
कपिल
मिश्रा }
किसने
कहा की देश के गद्दारो को –
गोली मारो सालो को ""
आदि
|
अमित
शह जी ने दावा किया दंगाइयो
की पहचान कर ली गयी ?
भाई
कैसे ?
कैमरो
से लोगो को शक्कलों तो आ जाती
हैं |
परंतु
उनकी पहचान कैसे हो सकी ?
क्या
इसके लिए आधार कार्ड और वॉटर
कार्ड के डाटा का इस्तेमाल
किया गया ?
अमित
शह जी ने लिकसभा को बताया की
ड्राइविंग लाइसेन्स का सहारा
लिया गया था |
जिस
दिल्ली पुलिस की तारीफ कर रहे
थे --अमित
शाह जी उसके कंट्रोल रूम के
रजिस्टर में 13000
हज़ार
फोन किए गये थे --पुलिस
की मदद के लिए !!!
परंतु
पुलिस ने किसी पर भी कोई कारवाई
नहीं की !
इसका
कारण उन्होने नहीं बताया !
जबकि
रजिस्टर इसका सबूत हैं !
जिसमें
मदद के लिए आए फोन का रेकॉर्ड
हैं !
आधे
अधूरे जवाब से क्या भला होगा
|
बीजेपी
सांसदो ने नेहरू से लेकर राजीव
गांधी तक हुए दंगो का हवाला
देकर ----
अपनी
सरकार की क्लीन चिट देने की
कोशिस की |
जुस्टिस
मुरलीधर के आदेश का पालन क्यो
नहीं किया गया -इसका
भी जवाब नहीं दिया गया !
सुप्रीम
कोर्ट के तीन अवकाश प्राप्त
जजो जुस्टिस पटनायक और के
नेत्रत्व में दंगा प्रभावित
इलाको का दौरा किया और कहा
----लूट
मार और आगजनी की घटनाए एक समुदाय
विशेस को निशाना बनाया गया |
दंगो
को नियंत्रण करने के लिए
---शाबाशी
देने से पहले शह जी को पूर्व
पुलिस महा निदेशक प्रकाश सिंह
का बयान देखना चाहिए --”””
जिसमें
उन्होने कहा की लगता हैं की
पुलिस कर हाथ बंधे थे !”
यही
जुस्टिस जोसेफ की खंड पीठ ने
सुप्रेम कोर्ट में सुनवाई
करते हुए भी कहा था – मौके पर
पुलिस ने प्रभावी कारवाई करने
के लिए आदेश की प्रतिछ कर रहे
थे !
कुछ
ऐसा ही नजारा जवाहरलाल नेहरू
विश्व विद्यालय में एक संगठन
द्वरा छत्रों और अध्यापको
को मारने और संपाती नष्ट करने
की घटना भी – 60
दिन
बाद कोई चालान नहीं |
कोई
आरोपी गिरफ्तार नहीं |
जबकि
वीडियो प्रस्तुत किए गए |
अमित
शाह जी ने वीडियो की वैज्ञानिक
जांच कराये जाने का दावा किया
, परंतु
देश के चैनलो की बात छोड़े
---परंतु
विदेशी चैनलो जैसे बीबीसी
या सीएनएन के वीडियो में साफ
-साफ
दिखाई दे रहा हैं की पुलिस
पथ्थर फेकने वाले को पीछे से
मदद कर रही हैं !
आखिर
इन सवालो का जवाब क्या हैं
?क्या
कभी मिलेंगे भी ?
शायद
नहीं |
क्योंकि
केंद्र इन दंगो की अदालती जांच
कभी नहीं कराएगा ,
अन्यथा
इन सवालो के जवाब जिम्मेदार
लोगो को देने पड़ेंगे |
वैसे
भी अयोध्या में बाबरी मस्जिद
को भग्न करने वाली अदालती जांच
आज भी पूरी नहीं हुई !
जबकि
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर बनाने
को हरी झंडी दे दी |
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