ट्रम्प
और मोदी कितने समान और कितने
भिन्न
माहौल
चुनाव का हो या ना हो ट्रम्प
और मोदी में एयक समानता तो हैं
– की दोनों ही अपने समर्थको
के लिए आग उगलने वाले भाषणो
से खबरों की सुर्ख़ियो में बने
रहते हैं |
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1-- दोनों
ही नेताओ में एक बड़ी समानता
यह है की वे देश को अपनी जायदाद
मानते हैं |
दोनों
ही आत्म केन्द्रित हैं |
अपने
सिवाय किसी अन्य को सलाह लायक
नहीं समझते हैं |
2---दोनों
ही इस्लाम के प्रति नफरत का
भाव रखते हैं ---और
यहूदियो के प्रति प्रेम !!
ट्रम्प
का तो दामाद ही यहूदी है ,
जो
अनाधिकरत रूप से अमेरिका के
प्रतिनिधित्व किया ,
इनहि
जेरेट कुशनर का ही कारनामा
था की – तीनों धर्मो का तीर्थ
"”जेरूशलम
"”
को
उन्होने इज़राइल की राष्ट्रिय
राजधानी बनाने के लिए अमेरिकी
दूतावास वनहा खोल दिया !!!
जबकि
दूसरे महायुद्ध कए बाद हुई
संधि जिसमें चारो महा शक्तियों
--रूस
-ब्रिटेन
-फ्रांस
और अमेरिका खुद शामिल था ,
यह
तय हुआ था की -----यह
स्थान -यहूदियो
-
ईसाइयो
और इस्लाम तीनों धर्मो के लिए
पवित्र है ,
इसलिए
यह तीनों धर्मो के मानने वालो
के लिए साझा अधिकार का स्थान
होगा |
ज्ञात
हो की इज़राइल का जनम वालफोर
संधि के बाद हुआ |
रूस
-
ब्रिटेन
और फ्रांस के विरोध के बाद भी
मिस्टर ट्रम्प अपने रुख पर
अड़े रहे |
मोदी
जी को यहूदियो का राष्ट्र
प्रेम --जो
की वास्तव में एक क़ौम या धर्म
की कट्टरता ही है -----बहुत
भाती हैं |
राष्ट्रिय
स्वयं सेवक संघ का हिन्दुत्व
अथवा हिटलर का शुद्ध आर्य का
सिद्धांत भी ऐसे ही हैं |
ट्रम्प
और मोदी अपनी नीतियो में जिद्दी
है ,
दोनों
ही नियम -कायदे
अथवा पद की मर्यादा के अनुसार
आचरण करने के ----हामी
अथवा यूं कहे की बिलकुल राज़ी
नहीं |
इसका
उदाहरण 2018
की
26
जनवरी
की परेड मे दिखाई पड़ा |
अभी
तक मर्यादा थी की -
भारत
के राष्ट्रपति इस अवसर पर
किसी के साथ '’’डायस
"”
साझा
नहीं करते ,अर्थात
उनकी कुर्सी अतिथि राष्ट्र
के राष्ट्रपति अथवा प्रधान
मंत्री के आसान से '’ऊंची
होती रही हैं '’’’’
परंतु
नरेंद्र मोदी जी ने सार्क देशो
के प्रतिनिधियों और स्वयं भी
राष्ट्रपति कोविद की बराबरी
मे बैठे !!
यही
बात है की राष्ट्रपति कोविद
को सरकारी मीडिया और आयोजनो
में मोदी जी के बाद स्थान मिलता
है |
3--
ट्रम्प
और मोदी का एक स्वभाव है या
आदत है अथवा जानी बूझी रणनीति
है की अपने सिवाया किसी अन्य
राजनेता ,को
भले ही वह "”अपनी
ही पार्टी का ही क्यो ना हों
आगे नहीं दिखने देना चाहते
है ---भले
इसके लिए सार्वजनिक रूप से
"”भद्र
"”
आचरण
या शिष्टाचार का त्याग करना
पड़े |
4--
दोनों
ही हमेशा सार्वजनिक //राजनीतिक
जीवन में सत्य की तिलांजलि
देते रहते हैं |
मसलन
धरती के तापमान में पर्यावरण
के प्रदूषण से बदते तापमान
को डोनाल्ड ट्रम्प --
वैज्ञानिको
की मसखरा सोच बताते हैं |वनही
मोदी जी पर्यावरण के लिए जंगलो
के संरक्षण से ज्यादा अपने
उद्योगपति मित्रो के कारखानो
को अहमियत देते है |इसलिए
जंगलो का रकबा जमीन पर तो कम
होता जा रहा हैं ,
परंतु
सरकारी "”दावो
"”
में
बदता जा रहा हैं |
दोनों
ही उद्यगो को "”नौकरी
देने का "”साधन
:””
बताते
हैं |
परंतु
कितनी नौकरिया हक़ीक़त में मिली
,
इसका
विवरण देने वाली ---एजेंसी
को ही बंद कर दिया !!!!
5
--- दोनों
नेता बड़े विवादो के मूल हैं
<
ट्रम्प
अगर रूस से अपने चुनावो में
गैर कानूनी रूप से मदद लेने
के आरोपी है |
उनके
आचरण की जांच के लिए प्रतिनिधि
सभा और सीनेट ने समितिया बना
रखी हैं |
उन
पर भी संघीय जांचकर्ता के काम
-काज
में "”बाधा
"”
प्न्हुचाने
के अपराध के भी आरोप हैं |
जो
की सिद्ध होने पर "””
महाभियोग
"”
का
आधार बन जाएगा |
परंतु
मोदी जी के राज में जांच मे
दखल देने का आरोप देश के "”
सुरक्षा
सलाहकार "”
अजित
डोवाल के दायरे में हैं |
सीबीआई
मे निदेशक और अतिरिक्त निदेशक
में एक -दूसरे
के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई |
फिर
आरोप लगाया की दोनों अफसर
रिश्वत ली हैं |
खबरों
में यानहा तक आया की डोवाल
साहब के कहने पर एक जांच को
बंद किया गया |
हालांकि
डोवाल साहब की ओर से कोई सफाई
नहीं दी गयी !!
उधर
ट्रम्प ने अपने अट्टार्नी
जनरल को इसलिए बेइज़्ज़त {सार्वजनिक
रूप से }
करते
रहे की ,उन्होने
ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने
जाने की जांच की स्वीकरती दी
---और
अपने को इस जांच से अलग कर लिया
!
आखिर
में अटार्नी जनरल जेफ शेसन
ने ट्रम्प मंत्रिमंडल से
इस्तीफा दे दिया |
6
- मोदी
जी पर विरोधी दल फ्रांस से
लड़ाकू विमान राफेल की ख़रीदारी
में देश के '’धनपतियों
'’
के
अंबानी परिवार के छोटे भाई
अनिल अंबानी की डूबती नैया
को पार लगाने के लिए फेंच
निर्माता '’डासल'’
से
अनुबंध कराने की कोशिस की |
फिर
जिस प्रकार ट्रम्प अपने
विरोधियो को कोसते है ---वैसे
ही नरेंद्र मोदी जी ने इस '’डील
'’
पर
प्रश्न चिन्ह लगाने वालो को
राष्ट्र विरोधी -
देश
विरोधी की उपमा दे दी ||
ट्रम्प
भी अपने चुनाव में रूस की मदद
लेने की चल रही जांच के जवाब
में -अपनी
प्रतिद्वंदी रही डेमोक्रेट
पार्टी की हिलेरी क्लिंटन की
जांच करने का सुझाव दिया |
उन्होने
तो अपने अधिनास्थ एजेंसी फेडरल
ब्यूरो ऑफ इनवेसटी गेशन को
कहा |
परंतु
नियमतः उस मामले की जांच हो
चुकी थी अतः रूस मामले की जांच
कर रहे विशेस अभियोजक रोबर्ट
मुल्लर ने ऐसा नहीं किया |
हालांकि
भारत में तो मोदी जी के अध्ययन
की दिल्ली विश्व विद्यालय की
डिग्री के बारे में भी सवाल
नहीं पूछ सके !!
7---
जिस
प्रकार चार्ल्स विले में
'’रंगभेद
'’
के
खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगो को
कु क्लेक्स क्लाइन की विचारधारा
वाले --यानि
अमेरिका सिर्फ गोरे लोगो का
"””
के
संगठन को ट्रम्प ने '’’आशीर्वाद
दिया '’
?? जब
रिपुब्लिकन पार्टी ने ही उनके
रुख का विरोध किया तब उन्होने
कुछ नरमी दिखाई |
परंतु
फिर भी उन्होने "””
मानव
दासता '’’
का
अंत करने वाले युद्ध ---जिसका
नेत्रत्व अब्राहम लिंकन ने
किया था उसके औचित्य पर प्रश्न
चिन्ह लगा दिया !!!
जिस
प्रकार मोदी जी के समर्थक
काश्मीर समस्या के लिए '’’काँग्रेस
और प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल
नेहरू को '’’’को
दोषी ठहराते हैं !!
वे
पाकिस्तान के निर्माण के लिए
भी काँग्रेस को जिम्मेदार
मानते है |
जबकि
दस्तावेजी सबूतो के अनुसार
आखिरी वॉइस रॉय लॉर्ड मौऊंटबाइटन
ने ब्रिटिश संसद द्वारा पारित
कानून में ही -----पाकिस्तान
और भारत उपनिवेशों के निर्माण
की बात थी |
देसी
राजे -
रजवाड़ो
को किसी एक संघ मे विलय का
अधिकार दिया गया था |
अगर
जूनागढ़ भारत हैं तो आमेर के
राजपूत शासको की रियासत ने
पाकिस्तान में विलय किया !!!
मोदी
जी अपनी '’’सुविधानुसार
-
सच
को गढते है |
“” भले
ही उनके पास इस संबंध में कोई
तथ्य ना हो |
8---
दोनों
ही नेता '’मीडिया
"”
की
आज़ादी से बहुत खफा रहते हैं
|
डोनाल्ड
ट्रम्प तो अपने धन पति दोस्त
रुपेर्ट मुरडॉक के फॉक्स चैनल
के अलावा सभी चैनलो को '’’
देश
का दुश्मन ---
झूठा
प्रचार साधन और सवाल पूछने
वाले पत्रकारो को भांति -
भांति
के नामो से संम्बोधित करते
हैं ||
उनके
निशाने पर बीबीसी और सीएनएन
जैसे विश्व स्तरीय चैनल के
पत्रकार रहते हैं |
क्योंकि
वे खोजबीन कर उनके दावो और
वादो की असलियत दुनिया के
सामने ले आते हैं |
वॉशिंग्टन
पोस्ट –न्यूयार्क टाइम्स भी
उनके हमलो के शिकार होते हैं
|
इस
मामले में नरेंद्र मोदी जी
ने भी वही तरकीब इस्तेमाल की
है जो ट्रम्प ने करना चाहा था
,
पर
कर नहीं पाये !
ट्रम्प
ने मीडिया मालिको को दबाना
चाहा था |
पर
वे झुके नहीं |
परंतु
भारत में इसका बिलकुल उल्टा
हो रहा हैं |
यानहा
80%
चैनल
रिलायंस समूह की कंपनियो के
अधीन हैं |
मात्र
एक चैनल एनडीटीवी ही अपवाद
हैं |
इसलिए
मोदी जी की छोटी से छोटी बात
या उनके कहे गए शब्द --किए
गए कार्य '’’’’
दैवी
मानकर प्रस्तुत किए जाते हैं
"”
|
9---
एक
समानता यह भी हैं की दोनों ही
– यह दावा करते हैं की उनके
पूर्व के राष्ट्रपति एवं
प्रधान मंत्री बिलकुल गलत
थे !
उनके
फैसले और नीतीया देश के वर्तमान
दुर्दशा की वजह हैं |
अगर
ट्रम्प मेक्सिको सीमा पर
सैकड़ो मील लंबी दीवार बनवा
कर ---इतिहास
में '’
स्थान
'’’
पाना
चाहते हैं तो मोदी जी तो सरदार
बाल्ल्भ भाई पटेल और शिवाजी
की गगनचुंबी मूर्तिया बनवाकर
इतिहास के पत्थर में नाम खुदवा
रहे हैं !!!
ट्रम्प
अगर महाशक्ति के नायक है तो
मोदी जी भी दुनिया के सर्वाधिक
जनसंख्या में दूसरे स्थान पर
हैं |
ट्रम्प
के नाम जनहा पॉर्न अभिनेत्रियों
के साथ जोड़ा जाता हैं |
वनही
नरेंद्र मोदी जी ऐसी बाटो से
दूर हैं |
अब
यह संघ की शिक्षा का परिणाम
है ---
कहा
नहीं जा सकता |
परंतु
दोनों ही विवादो में जीवित
रहते है यह बात दोनों में कामन
हैं
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