आंध्र
प्रदेश के साथ अन्याय की तेलगु
देशम की लड़ाई --क्या
राजनीतिक पाखंड
नहीं ?
आखिर
संसद मे उनके सांसदो का विरोध
नूरा कुश्ती जैसा नहीं
एनटी
रामाराव द्वरा तेलगु बिडडा
का नारा दिये जाने के बाद
स्थापित हुई तेलगु देशम पार्टी
ने राज्य मे कई दशको तक राज
किया है |
भारतीय
जनता पार्टी के नेत्रत्व मे
बने राष्ट्रिय मोर्चे मे
वर्तमान मुख्य मंत्री अपनी
पार्टी समेत सदस्य बने |
उन्हे
मंत्रिमंडल मे जगह तो नहीं
मिली -फिर
भी वे साझीदार की भूमिका वफादारी
से निभाते रहे |
परंतु
हाल ही मे वित्त मंत्री अरुण
जेटली द्वरा प्रस्तुत बजट मे
आंध्र प्रदेश को "”विशेष
दर्जा की मांग की अनदेखी ''''
किया
जाने से नाराज़ उनके समर्थक
मोदी सरकार और बीजेपी से संबंध
तोड़ देने की मांग करने लगे थे
|
हैदराबाद
मे पार्टी की संसदीय बैठक मे
जब बहुमत बीजेपी सरकार के
खिलाफ था -
और
लग रहा था की अब एनडीए के बिखरने
की शुरुआत होने वाली है |
तभी
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष
अमित शाह की ''प्रार्थना
पहुंची '''
की
जल्दबाज़ी मे कोई फैसला नहीं
ले |
मिल
बैठकर समस्या का हल खोज लेंगे
|
तब
मुख्य मंत्री एन चन्द्र बाबू
नायडू ने अपने सांसदो और
विधायकों सामने अमित शाह की
बात रखी|
परंतु
जनता को किए गए चुनावी वादो
को ध्यान मे रख कर जन प्रतिनिधियों
ने सवाल किया की हम कैसे लोगो
को बताए की हम उनकी मांगो के
लिए "”केंद्र
सरकार "”
से
लड़ रहे है |
क्योंकि
तीन सालो मे जनता धैर्य खो
चुकी है |
अगर
कुछ नहीं करेंगे तो हम अपने
कार्यकर्ताओ और समर्थको को
खो देंगे |
इस
समस्या के निदान के लिए चन्द्र
बाबू नायडू ने सांसदो को तरकीब
सुझाई की वे संसद के दोनों
सदनो मे सरकार द्वरा आंध्र
के साथ की जरही नाइंसाफी के
बारे मे आवाज़ उठाए |
उसी
का परिणाम है की टीडीपी के
सांसद प्रतिदिन संसद परिसर
मे विभिन्न प्रकार से विरोध
प्रदर्शन कर रहे है |
परंतु
सदन मे वे सरकार से अपनी मांगो
को पूरा किए जाने की मांग को
प्रस्ताव अथवा आँय प्रकार
से नहीं उठा रहे है |
इसका
मक़सद केवल इतना है की ----
जनता
को यह लगे की उनके प्रतिनिधि
उनके हक़ की लड़ाई जोरों से लड़
रहे है "|
जबकि
हक़ीक़त इसके उलट है ,
नायडू
मोर्चे भी रहना चाहते है परंतु
जन साधारण की आकांछाओ की पुरतू
भी छटे है |
आंध्र
के लोग हैदराबाद को तेलंगाना
को दिये जाने से नाखुश है "|
क्योंकि
नयी अथवा प्रस्तावित राजधानी
अमरावती के निर्माण मे अभी
सालों लाग्ने है
इसीलिए
चन्द्र बाबू नायडू ने यह पाखंड
रचा है की ---जनता
को लगे की ज़ंग जारी है परंतु
जिनके खिलाफ ज़ंग है उनसे मैत्री
भाव भी बना रहे |
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