शिवराज
शिविर -विधायकों
से अपेक्षा कैसे करे यह ज़रूरी
पंचमदी
मे भारतीय जनता पार्टी के
विधायकों का "”प्रशिक्षण
शिविर "”
वास्तव
मे मुख्य मंत्री शिवराज सिंह
का चिंतन बैठक थी |
जिसमे
जनता के मध्य छवि को बरकरार
रखने के उपाय समझाये गए थे |
हालांकि
सत्तारूद दल के सभी विधायक
इस शिविर मे नहीं गए थे |
जिन
विधायकों को व्यक्तिगत रूप
से कहा गया था ,
उनके
अलावा सरकार से अशंतुष्ट
बीजेपी विधायक भी गए थे |
समाज
मे जन प्रतिनिधि कैसा दिखयी
पड़े और क्या करे इस बारे मे
मुख्यमंत्री के "”विचार
बहुत स्पष्ट थे "”
“” आप
जनता मे अपनी उपस्थित के प्रति
सचेत रहे ,लोगो
को लगे की आप आस -पास
है |
काम
भले करे या ना करे "”
दूसरा
कथन ---
“चिड़चिचिड़ाने
से क्या होगा -
मुझे
देखो सबसे मुस्कुरा कर मिलता
हूँ "”
“”अपने
विधायक अच्छी बाते करे शासन
की आलोचना करके विपक्ष नहीं
बने "”
उन्होने
विधायकों को अपने स्वस्थ्य
के प्रति और चित्त के प्रति
सचेत रहने के लिए उन्हे योग
करने और पाँच मिनट का ध्यान
योग करने की सलाह भी दी |
उन्होने
राजधानी के दो विधायकों को
प्रताड़ित भी किया – राज्य
मंत्री विश्वास सारंग द्वारा
बड़ी -बड़ी
होर्डिंग लगा कर कान फोडु
संगीत और डीजे से निजी प्रचार
करने की भर्त्सना भी की दूसरे
विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा
आए दिन धार्मिक आयोजनो के नाम
पर चंदा उगाहने को भी बरजा |
उनके
अनुसार ऐसा कुछ मत करो जिस से
जनता को कष्ट हो और उन्हे बुरा
लगे |
आखिर
मे उन्होने अपने विधायकों से
अपना प्रसिद्ध वाक्य दुहराया
--- मै
हु ना |
उनका
आशय यह था की की जन सेवा हो न
हो पर दिखे की तुम बहुत प्रयास
कर रहे हो |
अमीर
बनो पर अमीरी दिखाई नहीं पड़े
--की
लोगो का ध्यान उस ओर जाये |
शिविर
का सार यह था की शिकायत मत
करो स्तुति करो खिजने से कुछ
नहीं होता मन शांत रखो --इस
फार्मूले से मुख्यमंत्री को
लगता है की किसानो द्वारा की
जा रही आतंहत्याए और उनकी
बर्बाद हुई फसले एवं क्रशि
बीमा के मुआवजे के नाम पर 11/-
के
भुगतान ने घाव पर नमक ही छिड़का
है |
जिन
किसानो ने सब्जी लगाई आलू -
टमाटर
के भाव दलालो के कारण इतने कम
मिल रहे है की किसान आलू -
टमाटर
सड़क पर फेंक रहा है |
राजधानी
का वेतन भोगी तबका तो बहुत खुश
है की सब कुछ दस बीस रुपये किलो
मे मिल रह है |
पर
भोपाल के दो लाख लोगो के इस
सुख के पीछे लाखो किसानो का
खून है |
जिसे
सरकार नहीं देख रही है |
लोगो
को मजदूरी नहीं मिल रही है
क्योंकि बड़े -
बड़े
काम थप पड़े है |
पर
प्रदेश का नेता सिर्फ दिखावे
के प्रयास मे भरोसा कर रहा है
|
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