नीट
पर सर्वदलीय बैठक ---
मेडिकल
सीट मे उगाही की कोशिश
सुप्रीम
कोर्ट के फैसले से की सारे देश
मे मेडिकल मे दाखिले के लिए
"”एक
परीक्षा"” के
फैसले से जनहा छात्र और अभिभावक
खुश है वही ---
प्राइवेट
मेडिकल कालेजो के "”मालिक
"का
धंधा बंद हो जाने से इन धन्नासेठों
मे आखिरी कोशिस चली है |
उनकी
कोशिस मे केंद्र सरकार के लोग
भी शामिल लग रहे है |
इसका
संकेत केंद्र द्वारा द्वारा
इस एकल परीक्षा को विभिन्न
प्रांतीय भाषाओ मे कराये जाने
का सुझाव दिया है |
वास्तव
मे यह सुझाव कर्नाटक -
तमिलनाडु
और आंध्रा तथा महाराष्ट्र के
निजी मेडिकल कालेजो और प्राइवेट
यूनिवरसिटि की ओर से दिया गया
है | जिस
से उनकी घ्राणित मंशा झलकती
है |
सवाल
यह है की अभी तक इन प्रदेशों
मे अभी तक कमोबेश अङ्ग्रेज़ी
मे ही परीक्षा होती थी |
क्योंकि
मेडिकल की पढाई की किताबे
अङ्ग्रेज़ी मे ही है |
दूसरा
यह की इस सीट बेचने के धंधे मे
कितने राजनेता लिप्त है ---यह
इस तथ्य से उजागर होता है की
इस मामले मे केंद्र मे सत्तासीन
पार्टी की ओर से "”सर्वदलीय"”
बैठक
बुलाने की पहल का प्रयास किया
जा रहा है |
वास्तव
मे निजी मेडिकल कालेजो वालो
पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच का
"”फंडा"”
डालकर
कर ,उनके
गोरख धंधे को सार्वजनिक रूप
से उजागर करके शिक्षा को
व्यापार और एमबीबीएस और पीजी
की सीटो की नीलामी पर नकेल
लगा दी है | जिस
से यह सभी "”मालिक
"” फड़फड़ा
रहे है | क्योंकि
सुप्रीम कोर्ट की पहल से एक
साल मे एमबीबीएस की सीट को 40
से 50
लाख
रुपये मे बेचने का कुचक्र खतम
हो जाएगा | फलस्वरूप
विजय माल्या की ही भांति इन
लोगो की शान - ओ
-शौकत
भी खतम हो जाएगी |
एक
अपुष्ट सूत्र के अनुसार इन
निजी मेडिकला कालेजो ने इस
अदालती आदेश को रोकने के लिए
1000 करोड़
रुपये एकत्र किए है |
जिसे
बीड़ा उठाने वाले को दिया जाएगा
| हालांकि
प्रधान मंत्री मोदी ने ऐसी
एक पहल को ठुकरा दिया है |
लेकिन
अब देखते है की आगे क्या होता
है |
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