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Mar 7, 2016

जो पच्चीस साल पहले राम भक्ति का प्रमाण पत्र देते है इस बार राष्ट्र भक्ति या देश भक्ति का तमगा बाँट रहे है

जो पच्चीस साल पहले राम भक्ति का प्रमाण पत्र देते है इस बार राष्ट्र भक्ति या देश भक्ति का तमगा बाँट रहे है
बीसवी सदी के नवे दशक की बात है देश मे ''कुछ खास लोगो ने ''' नारा दिया था जो '''राम के नाम का नहीं ,वह हिन्दू के काम का नहीं "”| तब वे देश मे राम भक्त होने का प्रमाण पत्र बेचते थे | इनहि राम भक्तो ने अयोध्या मे बाबरी मस्जिद को ध्वष्त कर दिया | तब देश को कहा गया था ,अयोध्या मे राम मंदिर बनाएँगे | देश भर से करोड़ो -करोड़ो ''राम शिलाओ '' [[इंटे brick}}””” के साथ रुपये भी एकत्र किए गए | यह सब विश्व हिन्दू परिषद द्वारा किया गया था | कितना धन इस तरह एकत्र हुआ --- देश को कभी नहीं बताया गया | मंदिर निर्माण के बारे मे

अब पचीस साल बाद देश मे ''देशभक्ति ''' के प्रमाण पत्र बांटे जा रहे है |तब लोगो की भावनाओ को धर्म के नाम पर '''शोषण '''किया गया था | इस बार संघ और केंद्र सरकार की साख बचाने के लिए --राष्ट्र या देश भक्ति का तमगा इस्तेमाल हो रहा है |मंदिर विवाद के समय उत्तर प्रदेश मे भाजपा की सरकार थी ,,कल्याण सिंह मुख्य मंत्री थे | जिनहोने सूप्रीम कोर्ट मे "”प्रतिज्ञा पत्र "” दिया था की मस्जिद को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी प्रदेश सरकार की है | जिसे वह सभी तरह से पूरा करेगी || सारा देश गवाह है की अयोध्या मे राम भक्त कार सेवाको ने क्या किया था ? सर्वोच्च न्यायालय ने जब अभियुक्त के रूप मे मुख्य मंत्री कल्याण सिंह से पूछा की आप ''असफल '' क्यो हुए ??तब कल्याण सिंह ने जो आजकल राजस्थान के राज्यपाल है ने स्वीकार किया था की वे ''दायित्व निर्वहन मे असफल रहे "”| अदालत मे बेचारगी का दावा करने वाले कल्याण सिंह बाद मे चुनावी सभाओ मे तो अपनी असफलता को ''तमगा'' बनाकर बताते थे |

यह संदर्भ इसलिए ज़रूरी है की जो आज राष्ट्र भक्त होने का प्रमाण पत्र दे रहे वे चिट फंड कंपनियो की तरह पहले भी भारतीयो के विश्वास को झूठा साबित कर चुके है | इस बार मंदिर वाले स्वयं सरकार मे है -----पार्टी बहुमत मे है ,, फिर भी मंदिर की बात नहीं करते | जैसे सहारा चिट फंड के सुब्रत रॉय को सूप्रीम कोर्ट ने लोगो का जमा धन वापस किए जाने तक जेल मे ही रखे जाने का फैसला किया है || वैसा मंदिर का झूठा वादा करने वालों के साथ नहीं कर सकते --क्योंकि यानहा राजनीति है |

वित्त मंत्री अरुण जेटली हो या अभिनेता अनुपम खेर हो सभी 9 फ़रवरी को जे एन यू मे राष्ट्र विरोधी या देश विरोधी नारे लगाए जाने का '''दावा'' करते है | केन्द्रीय गृह मंत्री राज नाथ सिंह ने भी दावा किया था की ''नारा '' लगाने वालों का संबंध ''लाशकरे - तोईब्बा से है | परंतु उनके दावे का "”जीवन"” सिर्फ दो दिन तक रहा | जब दिल्ली के तत्कालीन पुलिस आयुक्त बस्सी ने विश्व विद्यालय की घटनाओ के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से किसी भी प्रकार का संबंध होने का सार्वजनिक रूप से खंडन कर दिया | जब उनसे पत्रकारो ने उनके दावे के बारे मे पूछा की किस खुफिया इकाई ने उन्हे खबर दी थी ?? तो वे गोलमोल बोल कर सारा दारोमदार दिल्ली पुलिस की जांच पर दाल दिया | देश का गृह मंत्री की विसवा विद्यालय के लोगो के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से संबंध होने की बात का "”झूठा'' दावा करे तो उस सरकार की जनता मे साख का अंदाज़ा लगाया जा सकता है | मजिस्ट्रेट की जांच मे देश विरोधी नारा लगाए जाने के किसी सबूत होने का खंडन किया है | लेकिन गोयबल्ल्स की भांति एक गलत दावे को ज़ोर - ज़ोर से बार - बार दुहराये जाने से मान रहे है की लोग उसे स्वीकार कर लेंगे | परंतु आज मीडिया पल पल की खबर दुनिया की सभी ओर पाहुचा देता है |


सोश्ल मीडिया पर एक विडियो आया है जिसमे दो लदकिया देश भक्ति का प्रमाण पत्र बेचते हुई दिखाई गयी है | भले यह विद्रूप हाओ परंतु सत्य का आभाष तो देता है

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