Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 26, 2016

क्या अब दिल्ली राज्य को नगर निगम बनाने की कोशिश जारी

क्या अब दिल्ली राज्य को नगर निगम बनाने की कोशिस जारी

राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के अखंड भारत का सपना भले ही पूरी न हो --क्योंकि इसमे अंतर्राष्ट्रीय कठिनाई है |परंतु दिल्ली राज्य को नगर निगम बनाने की कोशिस शुरू हो गयी है | स्मरण रहे की केजरीवाल द्वारा शांति व्यावस्था के लिए पुलिस का नियंत्रण की मांग की थी | तब अनेक केन्द्रीय मंत्रियो ने केजरीवाल को जताया था की उनकी सरकार एक नगर निगम ही है | जिसे पुलिस का नियंत्रण नहीं दिया जा सकता | यहा सफाई कर्मी की ज़िम्मेदारी पूर्वी और उत्तर तथा दक्षिण दिल्ली नगर निगमो की है परंतु वित्तीय साधनो की कमी के कारण पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के सफाई कर्मी ,,समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण हर माह हड्ताल करते है | लेकिन लोग महानगर की गंदगी के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार बताते है |इस बार तीनों निगमो यानि की म्यूनिसपाल काउंसिल ऑफ दिल्ली के 1 लाख करामचरियों ने नियमित रूप से वेतन वितरण की मांग को लेकर हड़ताल कर दी है |

इन तीनों नगर निगमो के लिए हालांकि दिल्ली सरकार जिम्मेदार नहीं है ,,परंतु लोगो का नजला तो सरकार पर ही उतरना ही है | जबकि हक़ीक़त मे यह दायित्व केंद्र सरकार का है | केंद्र के सत्ताधारी दल को दिल्ली की "”करारी"” पराजय अभी तक हजम नहीं हुई है | इसीलिए एक न एक कारण से केंद्र और केजरीवाल मे टकराव होते ही रहता है | उच्च न्यायालय मे दिल्ली सरकार ने अपने जवाब मे अधिकारियों के हरताल पर जाने के लिए "”दंडित " करने की मांग की है | सरकार का कहना है की लगभग 200 अधिकारियों द्वारा केजरीवाल को अस्थिर करने के लिए ही "”उकसाने"”'पर यह हरकत की गयी थी ,ऐसा कहा गया है |
इसके अलावा हर माह सफाई कर्मियों की हड़ताल भी कोड मे खाज के समान है |

इस बार गणतन्त्र दिवस पर भी देश की राजधानी सफाई से महरूम रही है | इस बार नगर निगमो के सफाई कर्मियों के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के छेत्र के कर्मचरी भी वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर गए है | इस से न केवला सफाई वरन स्कूल और अस्पताल भी बंद हो गए है | इन कर्मचारियो की मांग है की पिछले चार -पाँच माह से वेतन नियमित रूप से नहीं मिल रही है | इन लोगो की मांग है की "” दिल्ली की तिनों नगर निगमो को मिला कर एक कर दिया जाये "”” || हड़ताली कर्मी अपनी मांग के लिए तो संघर्ष कर रहे है --वरन वे इस समस्या का समाधान भी बता रहे है |


अब यह मांग और समाधान ही इस बात को बल देता है की क्या केंद्र फिर एक बार दिल्ली की नगर निगमो को मिला कर एक इकाई बनाने की कोशिस कर रहा है ?? इस प्रयास से वित्तीय स्थिति को क़ाबू मे किया जा सकता है,, परंतु इस कोशिस का दूसरा पहलू यह भी है इस तरह दिल्ली मे प्रशासनिक स्तर एक नया राजनीतिक ध्रुव उदित होगा | शायद यही राजनीतिक आक़ाओ की मर्ज़ी है | क्योंकि महाबली को दिल्ली मे मात्र "”तीन स्थानो ''' पर समेत दिये जाने पर वे तिलमिलाए हुए है | अब राजनीतिक उद्देसी के लिए प्रशासनिक तरीको का इस्तेमाल कोई नयी बात तो है नहीं <<,हालांकि इस तरह खुलमखुल्ला तो नहीं

No comments:

Post a Comment