सहिष्णुता एक भावना है जो हमे सहनशील बनाता है ---जो अप्रिय स्थितियो अथवा वचन का तर्जपूर्ण और तथ्य पूर्ण विवेचना का विवेक प्रदान करता है | जिस से की हम किसी भी बहस या स्थान पर अपनी रॉय रह पाते है | शास्त्रार्थ इसी की परनीति है | जब हम सभी पहलुओ को जाने - पारखे बिना अपनी प्रतिकृया देते है तब हम -कनही ना कनही अधूरे होते है | आमिर खान के मामले मे भी कुछ भक्त गण केवल उनके मुसलमान होने और देश मे सहिष्णु वतरवारण के अभाव की बात काही थी | उन्होने जो कहा वह अनेक लोगो द्वारा भी व्यक्त किया जा रहा है | मिसाल के तौर पर लिखा गया की उन्होने 3000 करोड़ रुपये फिल्मों से कमाए है ---देवी देवताओ का मज़ाक पीके फिल्म मे उड़ाया है | अब दो तथ्य है की उन्होने पैसा कमाया सच क्या है वह तो इंकम तक्ष वाले जाने ---परंतु पीके फिल्म अकेले इतना बुईस्नेस्स नहीं कर सकी थी | दूसरा की उन्होने देवी -देवताओ का मज़ाक उड़ाया -----तब स्वाभाविक रूप से पीके से बेहतर पिक्चर थी ओएमजी अर्थात ओह माइ गाड़ जिसके मुख्य कलाकार थे परेश रावल जी | वे एक बेहतरीन कलाकार है | अब अगर देवी - देवताओ का मज़ाक उड़ाने पर """ आमिर देशद्रोही """' है तब परेश रावल क्यो नहीं ??/ क्या इसलिए की वे भारतीय जनता पार्टी के सांसद है इसलिए अथवा इसलिए की वे हिन्दू है ??? अर्थात भक्त हिन्दू द्वारा देवताओ का मज़ाक उड़ाने के अभिनय का बुरा नहीं मानते ----लेकिन अगर यही काम किसी आँय धर्म अर्थात मुसलमान द्वरा जैसे आमिर खान द्वारा किया गाय -----तब वह """पातक"""" हो गया || अब किस तर्क से यह संभव है वह जानने का अभिलाषी हूँ ?
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