Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 6, 2013

धर्म की आड़ मे दुर्गा नागपाल के निलंबन की राजनीति मे सूराख

 धर्म की आड़ मे  दुर्गा नागपाल के निलंबन की राजनीति मे सूराख 
                                                                देश की राजधानी से सटे छेत्र नोएडा  की आई ए एस  अफसर  दुर्गा नागपाल के निलंबन के लिए उत्तर प्रदेश शासन कह रहा हैं की रमजान के माह मे मस्जिद की चहारदीवारी  को गिरने से सांप्रदायिक तनाव हो जाता | अधिकारी की जरा सी चूक  प्रदेश मे शांति -व्यसथा को चुनौती देने वाली  घटना बन जाती | सरकार  के इस ''झूठ '' को सबसे पहले  टीवी चैनल  द्वारा  दिखया गया , जिसमे साफ पता चल रहा था की  दीवाल  को धक्का मार कर गिराया गया हैं | क्योंकि नीव खुदी दिखाई ही नहीं दे रही थी |एवं दीवाल जैसे एलईटी गयी हो ऐसा प्रतीत हो रहा था |

                                             निलंबन पर सभी समाजवादी नेताओ  के बयान आए  इन बयानो से दो बाते साफ थी एक तो ''फैसला सही है '' क्योंकि यह नेता जी या अखिलेश ने लिया हैं , दूसरा यह की रमज़ान के माह मे मस्जिद की दीवाल को गिरवा देना  मतलब अल्पसंख्यको  के हितो पर चोट करना | समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान जो की मंत्री भी हैं और ''' पार्टी के मुस्लिम  समर्थन के ठेकेदार भी हैं {{ ऐसा उनके पीछे चलने वाले कहते हैं }}} उन्होने ने भी सांप्रदायिक तनाव हो जाने की आशंका व्यक्त की | इतना ही नहीं उन्होने कहा अभी '''इंसाफ कान्हा हुआ डीएम को तो सस्पैंड नहीं किया '''' | मतलब अखिलेश जी आपने तो हुकूमत का जलवा ही नहीं दिखाया \ 

                                       परंतु उनके बयान की प्रतिकृया मे '' इतेहदुल - मुस्ल्मिन ''' ने कहा की कदलीपुर  गाँव मे मस्जिद को बनवाने वाले  भाति ही , जिनके कहने पर  ग्रामीण  जानो ने निर्माण कार्य किया था | जब नागपाल मौके पर गयी और उन्होने उन लोगो को समझाया की यह गैर कानूनी है , यानहा की गयी इबादत और नमाज़ मंजूर नहीं होगी | तब ग्रामीणो ने खुद ही आगे हो कर दीवाल को  दाहा दिया | उन्होने कहा की अपनी हरकतों के लिए मजहब का  सहारा लेना गैर मुनासिब हैं |
                       इस बयान के बाद इस रामपुरिया  नेता की ज़ुबान नहीं खुली हैं | इंतज़ार हैं उनके बयान का .........................क्योंकि  इस संगठन के बयान ने इनकी हस्ती मे ही सूराख कर दिया हैं |

No comments:

Post a Comment