धर्म की आड़ मे दुर्गा नागपाल के निलंबन की राजनीति मे सूराख
देश की राजधानी से सटे छेत्र नोएडा की आई ए एस अफसर दुर्गा नागपाल के निलंबन के लिए उत्तर प्रदेश शासन कह रहा हैं की रमजान के माह मे मस्जिद की चहारदीवारी को गिरने से सांप्रदायिक तनाव हो जाता | अधिकारी की जरा सी चूक प्रदेश मे शांति -व्यसथा को चुनौती देने वाली घटना बन जाती | सरकार के इस ''झूठ '' को सबसे पहले टीवी चैनल द्वारा दिखया गया , जिसमे साफ पता चल रहा था की दीवाल को धक्का मार कर गिराया गया हैं | क्योंकि नीव खुदी दिखाई ही नहीं दे रही थी |एवं दीवाल जैसे एलईटी गयी हो ऐसा प्रतीत हो रहा था |
निलंबन पर सभी समाजवादी नेताओ के बयान आए इन बयानो से दो बाते साफ थी एक तो ''फैसला सही है '' क्योंकि यह नेता जी या अखिलेश ने लिया हैं , दूसरा यह की रमज़ान के माह मे मस्जिद की दीवाल को गिरवा देना मतलब अल्पसंख्यको के हितो पर चोट करना | समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान जो की मंत्री भी हैं और ''' पार्टी के मुस्लिम समर्थन के ठेकेदार भी हैं {{ ऐसा उनके पीछे चलने वाले कहते हैं }}} उन्होने ने भी सांप्रदायिक तनाव हो जाने की आशंका व्यक्त की | इतना ही नहीं उन्होने कहा अभी '''इंसाफ कान्हा हुआ डीएम को तो सस्पैंड नहीं किया '''' | मतलब अखिलेश जी आपने तो हुकूमत का जलवा ही नहीं दिखाया \
परंतु उनके बयान की प्रतिकृया मे '' इतेहदुल - मुस्ल्मिन ''' ने कहा की कदलीपुर गाँव मे मस्जिद को बनवाने वाले भाति ही , जिनके कहने पर ग्रामीण जानो ने निर्माण कार्य किया था | जब नागपाल मौके पर गयी और उन्होने उन लोगो को समझाया की यह गैर कानूनी है , यानहा की गयी इबादत और नमाज़ मंजूर नहीं होगी | तब ग्रामीणो ने खुद ही आगे हो कर दीवाल को दाहा दिया | उन्होने कहा की अपनी हरकतों के लिए मजहब का सहारा लेना गैर मुनासिब हैं |
इस बयान के बाद इस रामपुरिया नेता की ज़ुबान नहीं खुली हैं | इंतज़ार हैं उनके बयान का .........................क्योंकि इस संगठन के बयान ने इनकी हस्ती मे ही सूराख कर दिया हैं |
देश की राजधानी से सटे छेत्र नोएडा की आई ए एस अफसर दुर्गा नागपाल के निलंबन के लिए उत्तर प्रदेश शासन कह रहा हैं की रमजान के माह मे मस्जिद की चहारदीवारी को गिरने से सांप्रदायिक तनाव हो जाता | अधिकारी की जरा सी चूक प्रदेश मे शांति -व्यसथा को चुनौती देने वाली घटना बन जाती | सरकार के इस ''झूठ '' को सबसे पहले टीवी चैनल द्वारा दिखया गया , जिसमे साफ पता चल रहा था की दीवाल को धक्का मार कर गिराया गया हैं | क्योंकि नीव खुदी दिखाई ही नहीं दे रही थी |एवं दीवाल जैसे एलईटी गयी हो ऐसा प्रतीत हो रहा था |
निलंबन पर सभी समाजवादी नेताओ के बयान आए इन बयानो से दो बाते साफ थी एक तो ''फैसला सही है '' क्योंकि यह नेता जी या अखिलेश ने लिया हैं , दूसरा यह की रमज़ान के माह मे मस्जिद की दीवाल को गिरवा देना मतलब अल्पसंख्यको के हितो पर चोट करना | समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान जो की मंत्री भी हैं और ''' पार्टी के मुस्लिम समर्थन के ठेकेदार भी हैं {{ ऐसा उनके पीछे चलने वाले कहते हैं }}} उन्होने ने भी सांप्रदायिक तनाव हो जाने की आशंका व्यक्त की | इतना ही नहीं उन्होने कहा अभी '''इंसाफ कान्हा हुआ डीएम को तो सस्पैंड नहीं किया '''' | मतलब अखिलेश जी आपने तो हुकूमत का जलवा ही नहीं दिखाया \
परंतु उनके बयान की प्रतिकृया मे '' इतेहदुल - मुस्ल्मिन ''' ने कहा की कदलीपुर गाँव मे मस्जिद को बनवाने वाले भाति ही , जिनके कहने पर ग्रामीण जानो ने निर्माण कार्य किया था | जब नागपाल मौके पर गयी और उन्होने उन लोगो को समझाया की यह गैर कानूनी है , यानहा की गयी इबादत और नमाज़ मंजूर नहीं होगी | तब ग्रामीणो ने खुद ही आगे हो कर दीवाल को दाहा दिया | उन्होने कहा की अपनी हरकतों के लिए मजहब का सहारा लेना गैर मुनासिब हैं |
इस बयान के बाद इस रामपुरिया नेता की ज़ुबान नहीं खुली हैं | इंतज़ार हैं उनके बयान का .........................क्योंकि इस संगठन के बयान ने इनकी हस्ती मे ही सूराख कर दिया हैं |
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