नाबालिग जननी और जनक ?
दामिनी बलात्कार काण्ड के छठे आरोपी , जिसको एक मात्र चश्मदीद गवाह ने उसकी हत्या का मुख्य दोषी बताया हैं ।उसके अनुसार इसी ''नाबालिग '' के पाशविक कृत्य ने दामिनी को मौत के दरवाजे पहुंचा दिया ।सवाल हैं की क्या जब एक नाबालिग लड़की जननी बन सकती हैं और उसके होने वाले बच्चे का बाप भी 17 वर्ष का हो तो क्या उन्हे सिर्फ बाल सुधार गृह भेज कर कानून का कर्त्तव्य पूरा हो जाता हैं ? मेक्स्सिको की एक खबर के अनुसार 27 जनवरी को नौ साल की एक लड़की ने 5 पौंड के बच्चे को जन्म दिया । अधिकारियो के अनुसार इस बच्चे का जनक 17 वर्ष का ""बालक""हैं ।अब वंहा के शासन के समक्ष भी यही प्रश्न हैं की क्या किया जाए ? लेकिन वंहा अधिकारियो ने फैसला किया की ''बालक'' को रपे के जुर्म में चालान किया जायेगा । मैं भी इसलिए यह लिख रहा हूँ , क्योंकि दामिनी के अपराधी को अनावश्यक रूप से ''नाबालिग''' बता कर उसके दोष को हल्का करने की अनचाही कवायद की जा रही हैं ।
मेरा मत हैं की अपराध की गंभीरता को देखकर ही यह तय करना चहिये की ''कुकृत्य''' नाबालिग द्वारा किया गया हैं ,अथवा यह बालिग कुकृत्य कम उम्र के द्वारा किया गया ''बालिग ''' अपराध हैं । अब अगर नाबालिग किसी बच्चे का बाप बना हैं तो उसे यह रियायत तो कतई नहीं मिलनी चाहिए की वह तो एक ""बच्चा ""हैं । क्योंकि अगर बलात्कार वह भी पाशविकता पूर्ण ढंग से किया गया तो ऐसे को नाबालिग तो कतई नहीं मन जाना जा सकता । मेक्स्सिको के मामलेमें वंहा अधिकारियो ने अपराध की किस्म को देखते हुए उस 17 वर्षीय ''बाप'' को बलात्कार का दोषी करार दिया हैं उसी प्रकार दामिनी के मामले में भी किया जाना चाहिए ।जेंह तक यू एन ओ के चार्टर का सवाल हैं तो मेक्सिको भी उस चार्टर पर हस्ताछर करने वाला देश हैं । फिर अगर वह बालिगो द्वारा किये जाने वाले अपराध को देखते हुए दोषी को इस तथ्य फायदा उठाने की इज़ाज़त नहीं दे सकता की करने वाले की उम्र 18 साल नहीं हैं और वह ''बालिग '' नहीं हैं । इसका मतलब तो सीधा सा यह हुआ की उसने बलात्कार नहीं किया वरन हलकी - फुलकी मारपीट की हैं ,जिसकी सजा तीन साल हैं ।
दामिनी बलात्कार काण्ड के छठे आरोपी , जिसको एक मात्र चश्मदीद गवाह ने उसकी हत्या का मुख्य दोषी बताया हैं ।उसके अनुसार इसी ''नाबालिग '' के पाशविक कृत्य ने दामिनी को मौत के दरवाजे पहुंचा दिया ।सवाल हैं की क्या जब एक नाबालिग लड़की जननी बन सकती हैं और उसके होने वाले बच्चे का बाप भी 17 वर्ष का हो तो क्या उन्हे सिर्फ बाल सुधार गृह भेज कर कानून का कर्त्तव्य पूरा हो जाता हैं ? मेक्स्सिको की एक खबर के अनुसार 27 जनवरी को नौ साल की एक लड़की ने 5 पौंड के बच्चे को जन्म दिया । अधिकारियो के अनुसार इस बच्चे का जनक 17 वर्ष का ""बालक""हैं ।अब वंहा के शासन के समक्ष भी यही प्रश्न हैं की क्या किया जाए ? लेकिन वंहा अधिकारियो ने फैसला किया की ''बालक'' को रपे के जुर्म में चालान किया जायेगा । मैं भी इसलिए यह लिख रहा हूँ , क्योंकि दामिनी के अपराधी को अनावश्यक रूप से ''नाबालिग''' बता कर उसके दोष को हल्का करने की अनचाही कवायद की जा रही हैं ।
मेरा मत हैं की अपराध की गंभीरता को देखकर ही यह तय करना चहिये की ''कुकृत्य''' नाबालिग द्वारा किया गया हैं ,अथवा यह बालिग कुकृत्य कम उम्र के द्वारा किया गया ''बालिग ''' अपराध हैं । अब अगर नाबालिग किसी बच्चे का बाप बना हैं तो उसे यह रियायत तो कतई नहीं मिलनी चाहिए की वह तो एक ""बच्चा ""हैं । क्योंकि अगर बलात्कार वह भी पाशविकता पूर्ण ढंग से किया गया तो ऐसे को नाबालिग तो कतई नहीं मन जाना जा सकता । मेक्स्सिको के मामलेमें वंहा अधिकारियो ने अपराध की किस्म को देखते हुए उस 17 वर्षीय ''बाप'' को बलात्कार का दोषी करार दिया हैं उसी प्रकार दामिनी के मामले में भी किया जाना चाहिए ।जेंह तक यू एन ओ के चार्टर का सवाल हैं तो मेक्सिको भी उस चार्टर पर हस्ताछर करने वाला देश हैं । फिर अगर वह बालिगो द्वारा किये जाने वाले अपराध को देखते हुए दोषी को इस तथ्य फायदा उठाने की इज़ाज़त नहीं दे सकता की करने वाले की उम्र 18 साल नहीं हैं और वह ''बालिग '' नहीं हैं । इसका मतलब तो सीधा सा यह हुआ की उसने बलात्कार नहीं किया वरन हलकी - फुलकी मारपीट की हैं ,जिसकी सजा तीन साल हैं ।
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