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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Feb 10, 2013

जननी ही जन्म का आखिरी प्रमाण हैं ।

 जननी  ही जन्म  का आखिरी  प्रमाण हैं ।
                                                           दिल्ली  में हुए लोमहर्षक  बलात्कार के छह आरोपियों में छठे आरोपी की उम्र  को लेकर उठे विवाद ने  अनेक या बहुसंख्यक लोगो को  इस बात से निराश किया की उस हिंसक आदमजात को नाबालिग  साबित करने की  कोशिश हो रही हैं । जबकि उसके जन्म  की तिथि  को साबित करने के लिए उसके स्कूल  का प्रमाणपत्र  दाखिल किया गया हैं । जबकि स्कूल के प्रिंसिपल ने यह मन हैं की उसके  जन्म  का कोई प्रमाणपत्र  उसके  भर्ती के समय नहीं दिया गया  था । केवल उसके संरक्षक  के कहने पर ही उसकी जन्म  तिथि वह लिखी गयी जो उन्होने कहा । अब ऐसे में सवाल उठता हैं की क्या किसी के कहने से जन्म  की तिथि को प्रमाण मान लेना कान्हा से निर्णायक होगा ?

                                           अभी हाल में छठे आरोपी की माता  ने एक समाचारपत्र  को दिए इंटरव्यू में मंजूर किया हैं की जो तिथि स्कूल में लिखाई  गयी हैं ,वह वास्तविक नहीं हैं ।उन्होने अपने  बयान में माना हैं की आरोपी  की उम्र 18 वर्ष से अधिक हैं । आश्चर्य हैं की दिल्ली  पुलिस  ने  उनसे कोई पूछताछ  नहीं की हैं , लेकिन क्यों ? क्यंकि जन्म देने के बारे में ''जननी'' से बड़ा कोई गवाह नहीं होता हैं ।क्योंकि वही  तो जन्म  देने की पीड़ा  को सहती हैं । फिर  क्यों नहीं सत्य जानने  के लिए उसकी माँ से  पूछताछ  की जाती हैं ? अगर ऐसा नहीं हुआ तो ''दामिनी'' को सर्वाधिक  दर्द  पहूचाने  और उसकी ''हत्या'' का कारण  था , वह सिर्फ तीन साल की क़ैद  की ''हलकी'' सजा पाकर बच  जायेगा  ।  जिसके लिए हम सभी जिम्मेदार होंगे  । जिन्होने बलात्कार की घटना के खिलाफ आवाज को बुलंद  किया और देश-विदेश मैं उसकी गूंज सुनाई पड़ी ।अब हमारी कोशिस होनी चाहिए  की वास्तविक  गुनाहगार को फांसी  के  तखत  पर पहुंचा सके  , अन्यथा सारी कसरत  बेकार हो जाएगी ।  

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