आप से ''आम'' हुए पर जिद वही की जो कहे सही
अन्ना आन्दोलन के ख़ास सिपहसलार अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आम आदमी की पार्टी के तेवर वैसे ही हैं जैसे लोकपाल बिल की मांग के समय थे , जिद -एवं अहंकार से भरपूर । भोपाल की अदालत में २० फरवरी को उनके तेवर दिखाई पड़े , पर अफ़सोस की पुलिस और अदालत ने उनकी एक न सुनी ।
किस्सा यूँ हैं की अरविन्द की पार्टी के लोकल नेताओ ने मुख्या मंत्री के घर का घिराव किया और पुलिस के साथ झूमा झटकी की , लिहाज़ा , उनके तीन नेता प्रह्लाद पाण्डेय ,शरद गुर्जर और जगदीश परमार के खिलाफ मुक़दमा पुलिस में दर्ज हुआ .। परिणामस्वरूप अदालत इन नेताओ के विरुद्ध वारंट जारी कर दियॆ ,। तब इन लोगो ने अपने वारंट रद्द कराने के लिए, समर्थको के साथ जिला न्यायालय परिसर में धावा दिया । कोर्ट रूम में उनकी अर्जी पर जमानत के आदेश भी हो गये । परन्तु ''आप''लोग तो बिला जमानत या मुचलका भरे ही रिहाई की मांग पर अड़ गए ,जब अदालत ने बिना जमानत दाखिल किये रिहाई को नामुमकिन बताया । कागजात पेश करने में आनाकानी को देखते हुए जज ने नेताओ को जेल भेजने का आदेश दिए । इस पर तो उनके पंद्रह - बीस समर्थको वाही पुराने नारे शुरू कर दिए , की भ्रसटाचार दूर करो ,जिस से थोड़ी देर के लिए कोर्ट में अफरा -तफरी मच गयी लेकिन उन्हे जेल भेज दिया गया । ''आप'' लोग सभी कुछ अपनी शर्तो पर चाहते हैं । जैसे लोकपाल बिल पर अड़ियल रुख था वैसा ही हर मसले प[आर नहीं टी जिंदाबाद -मुर्दाबाद शुरू ..........
अन्ना आन्दोलन के ख़ास सिपहसलार अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आम आदमी की पार्टी के तेवर वैसे ही हैं जैसे लोकपाल बिल की मांग के समय थे , जिद -एवं अहंकार से भरपूर । भोपाल की अदालत में २० फरवरी को उनके तेवर दिखाई पड़े , पर अफ़सोस की पुलिस और अदालत ने उनकी एक न सुनी ।
किस्सा यूँ हैं की अरविन्द की पार्टी के लोकल नेताओ ने मुख्या मंत्री के घर का घिराव किया और पुलिस के साथ झूमा झटकी की , लिहाज़ा , उनके तीन नेता प्रह्लाद पाण्डेय ,शरद गुर्जर और जगदीश परमार के खिलाफ मुक़दमा पुलिस में दर्ज हुआ .। परिणामस्वरूप अदालत इन नेताओ के विरुद्ध वारंट जारी कर दियॆ ,। तब इन लोगो ने अपने वारंट रद्द कराने के लिए, समर्थको के साथ जिला न्यायालय परिसर में धावा दिया । कोर्ट रूम में उनकी अर्जी पर जमानत के आदेश भी हो गये । परन्तु ''आप''लोग तो बिला जमानत या मुचलका भरे ही रिहाई की मांग पर अड़ गए ,जब अदालत ने बिना जमानत दाखिल किये रिहाई को नामुमकिन बताया । कागजात पेश करने में आनाकानी को देखते हुए जज ने नेताओ को जेल भेजने का आदेश दिए । इस पर तो उनके पंद्रह - बीस समर्थको वाही पुराने नारे शुरू कर दिए , की भ्रसटाचार दूर करो ,जिस से थोड़ी देर के लिए कोर्ट में अफरा -तफरी मच गयी लेकिन उन्हे जेल भेज दिया गया । ''आप'' लोग सभी कुछ अपनी शर्तो पर चाहते हैं । जैसे लोकपाल बिल पर अड़ियल रुख था वैसा ही हर मसले प[आर नहीं टी जिंदाबाद -मुर्दाबाद शुरू ..........
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