राम जन्मभूमि
न्यास गठन
क्या
संघ और बीजेपी को दिल्ली चुनाव
में कुछ राहत देगा या नहीं ?
सर्वोच्च
न्यायालय के निर्देश की आड़
में मोदी सरकार द्वरा ,दिल्ली
विधान सभा चुनाव के मतदान के
48
घंटे
पूर्व ,
अयोध्या
में राम मंदिर निर्माण के लिए
साधुओ और -
नागरिकों
का न्यास बनाने की प्रधान
मंत्री की घोष्णा कानूनी भले
हो पर चुनाव की मर्यादा के
विपरीत हैं |
भले
ही इसे गैर कानूनी नहीं कह
सकते ,परंतु
सदैव की भांति सरकार नियत फिर
शंकाओ के घेरे में हैं |
जिस
प्रकार भारतीय जनता पार्टी
के मंत्रियो ने "”नितांत
"”
स्तरहीन
दावे और आरोप लगाए हैं ---,वे
उन लोगो के केंद्रीय मंत्री
और सांसद की शपथ {{
निर्भय
और बिना राग अथवा द्वेष ..…}
के
कार्य करूंगा !!!!
कितने
ही इन लोगो के बयान को अदालत
में चुनौती दी जाये तो शायद
ये लोग गुनहगार ठहराए जाये
!!
इस
चुनाव का घटिया स्तर का नमूना
कर्नाटक के बीजेपी सांसद
अन्नत हेगड़े का वह बयान है
:””
की
देश की आज़ादी की लड़ाई आंदोलन
या महात्मा के कारण नहीं मिली
हैं |
वह
तो अंग्रेज़ सरकार से मिल कर
देश के सामने ड्रामा किया गया
!!
जिनहोने
डंडे नहीं खाये जेल का कष्ट
नहीं भोगा -उनके
बारे में इतिहास में पद कर खून
खौल उठता हैं !!
बिना
कहे वे सावरकर की जेल यात्रा
और अंग्रेज़ो से माफी मांगे
जाने को रन नीति बता रहे थे !
हैं
न 130
करोड़
भारत वासियो के लिए "””ज्ञान
"”की
बात !!
मजे
की बात यह की दिल्ली विधान सभा
चुनाव में केजरीवाल सरकार के
विकास की उपलब्धियों और उनके
चुनावी वादे पर सवाल उठा रहे
हैं !!!
राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ से दीक्षित
हेगड़े के कथन के लिए ना तो संघ
ने और ना ही भारतीय जनता पार्टी
ने देश से खेद प्रकट किया !!!!
लाठीचार्ज
या किसी की हत्या पर अपने
राज्यपालों से सरकार पर दबाव
डलवाने वाले इन लोगो का नाटक
ही तो हैं राजघाट पर जब नरेंद्र
मोदी समाधि पर सर झुका रहे थे
000तब
हेगड़े जी भासन दे रहे थे !!!!
चलिये
बात करते हैं दिल्ली चुनाव ओ
की जनहा शाहीन बाग में नागरिकता
कानून के विरोध में बैठी
मुस्लिम महिलाओ के 50
दिन
से चल रहे धरना ही अमित शाह
-नरेंद्र
मोदी -
और
दरज्न भर केंद्रीय मंत्रियो
के जुबानी हमले का निशाना
हैं |
देशद्रोही
-गद्दार
तो इनको कहा ही जा चुका हैं |
दो
गूजर युवको द्वरा गोली चलाये
जाने की घटना हो ही चुकी हैं
|
अशोक
गूजर की पहचान तो उसके फेसबूक
की वाल पर उसके खुद के परिचय
से हो गयी थी की वआह बजरंग दल
से जुड़ा हैं और श्री राम का
नारा था |
अब
कपिल गूजर द्वरा लाल मोटर
साइकल पर सवार गोली चलाने की
वारदात के बाद जिस तरह केंद्रीय
मंत्री जावडेकर ने उसे '’आप
पार्टी का सदस्य बता दिया वह
सत्ताधारी
का झूठ 24
घंटे
भी नहीं तिक पाया |
चुनाव
आयोग ने इस मामले की जांच कर
रहे उप पुलिस आयुक्त राजेश
देव को चुनाव से तुरंत अलग
करने के आदेश दिया ,
और
कहा की उनकी हरकत से चुनाव को
प्रभावित करने की कोशिस थी
!!!!
बीजेपी
संसद प्रवेश वर्मा को तो मतदान
तक के लिए घर बैठा दिया |
केंद्रीय
राज्य वित्त मंत्री अनुराग
ठाकुर को और बीजेपी के खास
संबित पात्रा को भी चुनाव
आयोग ने नोटिस दिया |
प्रधान
मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा
की इन चुनावो से देश की राजनीति
की दिशा तय होगी ??
क्या
अर्थ निकाला जाये ?
मुंबई
-मध्य
प्रदेश -
राजस्थान
-झारखंड
– में बीजेपी की पराजय से देश
की दिशा नहीं तय हो रही हैं
???
जो
तीन करोड़ के इस केंद्र शासित
प्रदेश से तय होगी ???
इतिहास
में बताया गया की देश का हाकिम
वह जिसके पास दिल्ली हैं ?
भारत
का प्रधान मंत्री जब यह कहे
की शाहीन बाग का आंदोलन संयोग
नहीं प्रयोग हैं ,
तब
वह खुद भूल जाता हैं की उसकी
पित्र संस्था कैसे -
कैसे
प्रयोग कसैलेंट प्रचार कर
रही हैं ?
प्रवेश
वर्मा चुनाव आयोग से सज़ा पाने
के बाद भी प्ले कार्ड लेकर
चुनाव प्रचार कर रहे थे |
जब
सत्ता धारी दल के प्रधान और
-उनके
पिछलग्गू इस तरह से गाली -
गलौज
और झूठ का सहारा लेने लगे तो
यही संकेत मिलता हैं की उनकी
दाल गल नहीं रही है --और
पतली हो गयी हैं !!!!!
जिस
फुर्ती से दिल्ली पुलिस ने
एक को मौके पर दूसरे को घंटो
में गिरफ्तार किया वह अगर
'’लेफ्ट
हैंड पैट'’
की
हकदार हैं !!
परंतु
जे एन यू की छात्र संघ की
अध्यक्ष और वनहा के शिछको पर
हमला कर मारा --पीटा
और तोड़ फोड़ की उनका पता महिना
भर से ज्यड़ा हो गया है !!!!
तो
क्या समझ जाये की "””हुकुम
पर ही धार -
पकड़
होती हैं "””
दिल्ली
के चुनाव अगर उत्तर प्रदेश
विधान सभा की तर्ज़ पर हुए तो
मोदी सरकार को और विकत स्थिति
का सामना करना होगा |
क्योंकि
देश के प्रधान न्यायधीश बोरबोड़े
जी भरी अदालत में कह चुके हैं
"””
देश
में आग लगी हैं इसलिए इस मसले
पर कोई याचिका की सुनवाई नहीं
होगी !!!””
इस
लिहाज से देश के सभी राज्यो
में चल रहे आंदोलनो के समय
कोई भी हरकत ई वी एम मशीन में
बहुत भरी पद जाएगी |
क्या
मालूम अभी जो नागरिकता विरोध
आधा -
राजनीतिक
और बाक़ी जन आंदोलन का रूप हैं
तब सभी राजनीक दल इसमें खुल
कर सामने आ जाये !
तब
चुनावो की पवित्रता पर ही
प्रश्न चिन्ह लग जाएगा |
एवं
केंद्र सरकार -
भारतीय
जनता पार्टी तथा इनके पित्र
संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक
संघ भी उसको सम्हाल नहीं पाएगा
|
क्योंकि
राम जन्म भूमि का आंदोलन संघ
और कुछ साधुओ के चेहरे पर हुआ
था ,
इसमें
हिन्दू -
मुसलमान
-सिख
ईसाई सभी कूद पड़ेंगे |
क्योंकि
दिल्ली का मतदाता जनहा 70
विधान
सभा की सीटो में 67
आप
की जिता सकता --उसीने
लोकसभा में सातो सीट बीजेपी
को दी थी |
यह
मतदाताओ का ही सोच था |
चुनाव
प्रचार मेन जिस प्रकार बीजेपी
ने हिन्दू और मुसलमान को अलग
कर ध्रुवीकरण की कोशिस की हैं
--उसे
वनहा के पड़े लिखे लोग सही नहीं
मान रहे |
क्योंकि
उनके लिए सरकार का अर्थ हैं
जो उनके लिए पानी -बिजली
-
स्वास्थ्य
और स्कूल की सुचारु व्यवस्था
करे उसे मतदाता भूल नहीं सकता
|
इस
समय धरम की राजनीति नहीं चल
सकती -----भव्य
मंदिर बनेगा यह सरकारी काम
काज है ,यह
वे समझ चुके हैं |
अब
विभाजन या कश्मीरी पंडितो
पर30
वर्ष
पूर्व हुए अत्याचार आम काश्मीरी
को भी नहीं लुभाते हैं |
अभी
पंडितो की सभा ने केंद्र सरकार
को अल्टिमेटम दिया हैं की 4
लाख
विस्थापितों को पुनः बसाया
जाये |
उन्होने
कहा सरकार चार लाख बोड़ो उग्रवादियो
से सम्झौता कर के उन्हे 1500
करोड़
का तीन साला सहता दे रही हैं
तो हमे क्यू नहीं ?
शिकारा
फिल्म के निर्माता विधु विनोद
चोपड़ा ने दिल्ली में फिल्म
के प्रदर्शन पर हिकहा था तीस
वर्ष पहले जो हुआ -वह
हुआ अब तो सरकार कुछ करे !
क्योंकि
अब कश्मीर केंद्र सरकार के
अधीन हैं |
क्या
मोदी जी के मंत्रियो के पास
इस का कोई जवाब हैं ?
एक
बात साफ हैं दिल्ली के चुनावो
में स्थानीय मुद्दे नदारद
हैं ,
केजरीवाल
जरूर अपनी सरकार के कामो पर
वोट मांग रहे हैं ,
परंतु
अमित शाह तो बस आप पार्टी के
चुनावी वादे याद दिला रहे हैं
|
क्या
उन्हे भी बीजेपी के चुनावी
वादो की याद दिलाना होगा "”
अच्छे
दिन – बेरोजगारो को नौकरिया
-किसान
की आय दुगनी करने का वादा !
या
फिर उनके द्वरा काला धन वापस
लाने -
उद्यगो
को व्र्धि करने का क्या हुआ
??
नोटबंदी
और जीएसटी तो चुनाव में बताया
गया ही नहीं था ,
फिर
कैसे किया ?
गोवा
बीजेपी के बाद नरेंद्र मोदी
जी ने कहा था की अगर मैं वादो
को पुर नहीं कर सका तो मुझे
चौराहे पर सज़ा देना !!!!
क्या
लोग इन सब बाटो को भूल चुके
होंगे ?
शायद
नहीं ,
इसलिए
अमित शाह जी भूल जाइए की विकास
को आप पराजित कर सकते हैं |||
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