चिन्मयनन्द
और चिदम्बरम की जांच और जमानत
झारखंड
मैं विधान सभा चुनावो के उदघाटन
पर प्रधान मंत्री नरेंद्र
मोदी ने कहा था "”
जिन
लोगो ने देश को लूटा है वे आजकल
जेल की हवा खा रहे है |
उन्होने
एक जुमला भी फेंका था "”की
यह तो अभी ट्रेलर हैं --फिल्म
अभी और बाकी हैं !!!
उनका
इशारा चिदम्बरम की गिरफ्तारी
को लेकर था !
यह
स्पष्ट करता है की केंद्र
सरकार कितनी लोकतान्त्रिक
है !
यनहा
विरोधि '’’शत्रु'’’
है
|उसे
येन -केन
प्रकारेंन फसाना है |क्या
यही हैं "”विधि
का राज्य "’अथवा
सबके लिए समान कानून हो !चिदम्बरम
शत्रु है ----इसलिए
ट्रेलर है ---और
चिन्मयनन्द फिल्म है ---जो
बलात्कार के आरोप --छात्रा
के बयान --सबूत
के तौर पर सीडी और पेन ड्राइव
पुलिस और एसआईटी को देने के
तेरह दिन बाद भी -श्राद्ध
पक्ष मैं भगवधारी स्वतंत्र
है !
जबकि
मात्र संदेह क आधार पर चिदम्बरम
को आइमेक्स घोटाला मई तिहाड़
जेल मैं ------और
बलात्कार के आरोपी धरम के
रखवाले को अस्पताल मैं भर्ती
कराकर गिरफ्तारी की औपचारिकता
पूरी करने की समभावना है |
ऐसा
आभास एस आइटी के नवीन अरोड़ा
के बयान से लगता है |
यह
है मोदी राज मैं जांच और कारवाई
का पैमाना |
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हिन्दी
के
साहित्यकार भारतेन्दु
हरिश्चंद्र का एक नाटक है
जिसका
नाम हैं भारत दुर्दशा _------
उस
मै लेखक ने तत्कालीन भारत की
हालत
का वर्णन करते हुए लिखा था "””
आवहु
रोवहु भाई भारत दुर्दशा
देख
ना जाई ,,,,,
आज
देश की वर्तमान दशा कहे या
कानून – न्याय की दुर्दशा
अंग्रेज़ो के गुलामी के समय
से भी बुरी है !
नागरिक
को अंध श्रद्धा की प्रजा मैं
परिवर्तित करने का काम राज्य
और संघ नियंत्रित प्रचार तंत्र
अथवा कहे दुष्प्रचार तंत्र
से किया जा रहा हैं |
पुलिस
कानून का नहीं अपने ऊपर वालो
का हुकुम बजने और न्याय के
मंदिर भी भविष्य के लिए समझौते
करते है !!!!
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भूतपूर्व
केन्द्रीय मंत्री चिदम्बरम
और चिन्मयानंद दोनों को ही
उनके "”भूत
"”
काल
आपातकाल बने हुए हैं |
फिलहाल
तो यही स्थिति हैं |
लेकिन
एक बहुत बड़ा अंतर है ---
जनहा
पूर्व वित्त मंत्री चिदम्बरम
– काँग्रेस के गृह मंत्री के
रूप मैं दिये गए -
फैसले
की आंच को सह रहे हैं |,
वनही
भगवा वस्त्र धारी भारतीय जनता
पार्टी के नाम के स्वामी
चिन्मयनन्द ,
जो
परमार्थ निकेतन -ऋषिकेश
,और
मुमक्ष आश्रम शाहजहाँपुर
तथा चार कालेजो के करता धर्ता
हैं |
एक
को सीबीआई और ईडी बिना सबूत
के गिरफ्तार कर उनही के खिलाफ
लगाए गए एजेंसी के आरोप के
सबूत कबूलवाना चाहते है
-----वनही
चिन्मयनन्द के खिलाफ अदालत
के आदेश से भी प्राथमिकी नहीं
दर्ज़ ---
न्यायिक
मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा
द्वारा सालो तक यौन शोसण किए
जाने का बयान दिया तथा प्रमाण
के रूप मै 24
सीडी
भी दिया |
परंतु
बीजेपी के साबुन से साफ चिन्मयनन्द
अभी तक आज़ाद घूआ रहे है ------अदालत
को कोई भाय नहीं ना जांच एजेंसी
को सबूतो से छेद – छाड़ किए जाने
का भाय नहीं ----यह
है मोदीराज का शासन और न्याय
!!!!!!
वैसे
चिन्मयनन्द अटल बिहारी वाजपायी
सरकार मैं राज्य गृह मंत्री
रहे हैं ,
तब
भी इनके वीरुध यौन सोशन की
शिकायते हुई थी |
परंतु
बात आई गयी हो गयी |
लेकिन
इस बार छात्रा द्वारा अपने
शोषण की बीस सीडी पुलिस को
दी गयी |
मुख्य
न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने
सीआरपीसी की धारा 164
मैं
छात्रा का बयान भी '’’कलमबंद
'’
हो
गया |
परंतु
जिस शाह जहांपुर की पुलिस ने
एक छात्रा के बयान पर '’’’आशाराम
'’
को
गिरफ्तार किया था ,
वह
आज राजनीतिक दबाव मैं लग रही
है |
आजकल
एक कहावत बन गयी है की बीजेपी
के डिटेर्जेंट से अच्छे से
अच्छे पाप और अपराध "””साफ
"”
हो
जाते हैं "
चिन्मयनाद
मामले मैं तो ऐसा ही लग रहा
हैं |
आइये
देखते हैं की चिदम्बरम का नाम
इमेक्स के धन शोधन मामले की
प्राथमिकी मैं नहीं था |
चार्जशीट
मैं भी नहीं था |
अचानक
बेटी की हत्या के मामले मैं
सज़ा पायी हुई इंद्राणी ने
पुलिस से कहा की "”
उन्होने
चिदम्बरम के कहने पर उनके
पुत्र कार्ति को बहुत बड़ी धन
राशि प्रदान की थी "”
| बस
सीबीआई और आई डी ने चककर चलाया
और रात मैं उनके निवास पर "”टूट
पड़े गिरफ्तार करने "”
| बस
एक सजायाफ्ता के कथन पर --जिसे
पुलिस ने "”वादा
माफ गवाह बनाया है "
!
पुलिस
कारवाई से भी ज्यादा अचरज
वाली बात तो दिल्ली उच्च
न्यायालय के न्यायमूर्ति
सुशील गौड़ ने पूर्व वित्त
मंत्री की जमानत की अर्ज़ी पर
फैसला देते हुए
कही
"”
की
चिदम्बरम इस मामले मैं "”किंगपिन"
हैं
उनका गिरफ्तार होना जरूरी
हैं |
यह
फैसला उनके न्यायिक कैरियर
का अंतिम फैसला था |
इस
फैसले द्वरा उन्होने केंद्रीय
सरकार मैं बैठे कुछ तत्वो की
प्रतिहिंशा को "”
शांत
किया "”
| क्योकि
कभी चिदम्बरम के कारण वे तत्व
भी जेल जाने पर मजबूर हुए थे
|
इतना
ही नहीं न्यायमूर्ति गौड़
अवकाश प्राप्त करने के 24
घंटे
बाद ही उन्हे केन्द्रीय शासन
के अंतर्गत दिल्ली प्रशासन
मैं "एंटी
करप्शन अधिकरण मैं नियुक्त
कर दिये गए !!!
अब
इसे खालिस संयोग तो नहीं कहा
जा सकता ---
फिर
भी इस माहौल मैं मक्खी को
निगलना पड रहा हैं |क्योंकि
मीडिया मैं सच कहने का दम नहीं
बचा हैं |
जैसा
की रवीश ने मैगासेसे सम्मान
मिलने पर कहा था |
एक
ओर चिन्मयनन्द के खिलाफ छात्रा
की शिकायत और सबूत विगत पंद्रह
डीनो से खबरे छाप रही है ,दिल्ली
हाइ कोर्ट ने इस मामले मै कारवाई
के निदेश भी दिये |
परंतु
भारतीय जनता पार्टी के भ्गवा
धारी स्वामी पूर्व सांसद और
मंत्री के खिलाफ ----
उत्तर
प्रदेश के भगवाधारी मुख्यमंत्री
आदित्यनाथ के रहते ----सरकार
और पुलिस मैं तो इतना साहस
नहीं की कानूनी कारवाई करे !
बुलंदशहर
मैं इंस्पेक्टर की हत्या करने
वाले बजरंग दल के पदाधिकारी
के खिलाफ आज तक कोई कारवाई
नहीं हुई |पुलिस
की जांच मैं हत्या के दोषी को
"””ओझल
कर दिया गया "””
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