दरवाजे पर खड़ी चुनौती और तैयारी --भर्ती करते सेनापति
जिन राज्यो मे विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं वे हैं , मध्य प्रदेश और छतीसगढ , जंहा भारतीय जनता पार्टी ने तो '''आशीर्वाद यात्रा ''' के नाम से मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी हैं | वंही मुख्य विपक्षी दल काँग्रेस के खेमे मे अभी भी मान - मनौवाल और समझाइस का ही दौर चल रहा हैं | ऐसे मे लोग यह पूछ रहे हैं की ''इनकी'' चुनावी यात्रा कब शुरू होगी? सवाल मौजू हैं , क्योंकि एक ओर सत्तारूद दल तो साजो - सामान के साथ मैदान मे तलवार भाँज रहा हैं दूसरी ओर सामने वाला अभी अपने साजो -सामान और जिरह बख्तर की साफ सफाई मे ही लगे हुए हैं |
ऐसे मे यह भावना होती हैं की क्या काँग्रेस का हाइ कमान सोच - विचार मे ही समय गंवा देगा ? दो - दो बार प्रदेश के नेताओ की बैठक कर के पार्टी के उपाद्यक्ष राहुल गांधी ने आपसी गुटबाजी को खतम करने का हुकुम सुना दिया हैं | परंतु उसका असर ज़मीन पर नहीं दिखाई देता | बीजेपी के तीखे और धारदार प्रचार और आरोपो की झड़ी का कोई जवाब प्रदेश अथवा केंद्र के स्टार से नहीं दिया गया हैं | अब इसे सहनशीलता कंहे अथवा किंकर्तव्य विमुड , फिलहाल कारण कोई भी हो परंतु यह ज़ंग की तैयारी तो बिलकुल नहीं हैं |
हालांकि काँग्रेस के प्रदेश स्तर के नेताओ ने अपने -अपने प्रभाव छेत्र का दौरा कर के शिवराज सरकार के खिलाफ आरोपो का पुलिंदा मतदाताओ के सामने रख दिया हैं | विधान सभा सत्र मे अविश्वास प्रस्ताव के बिन्दु भी अब लोगो के बीच पेश किए गए हैं | परंतु चुनाव प्रचार मे जो गति बीजेपी की हैं उस का मुकाबला करने के लिए काँग्रेस को काफी तैयारी और परिश्रम करना होगा |
दिल्ली और प्रदेश स्तर के नेताओ मे तालमेल का पूरी तरह अभाव हैं , जिसका नज़ारा संसद संदीप दीक्षित के भोपाल आने पर हुआ | हुआ कुछ यूं की उन्होने प्रदेश काँग्रेस को हवाई जहाज से आने का कार्यक्रम दिया परंतु ऐन मौके पर उन्होने ट्रेन पकड़ी और भोपाल आ गए , उधर हवाई अड्डे पर पीसीसी प्रभारी रामेश्वर नीखरा स्थानीय नेताओ को लेकर दीक्षित का इंतज़ार करते रहे| बाद मे किसी ने उन्हे सूचना दी की दीक्षित प्रैस वालों से बात कर रहे हैं | हुआ ये की दीक्षित के ट्रेन से जाने की खबर प्रवक्ता और वकील विनीत गोधा को मिली थी वे स्टेशन से उन्हे ले आए | इस पर नीखरा और गोधा की तू - तू मैं - मैं भी हुई | मतलब की दिल्ली से कौन आ रहा हैं इसकी खबर किसे देनी हैं यह भी अभी तक़ तय नहीं हैं | ऐसे मे चुनाव के दौरान कितना तालमेल रह पाएगा भगवान ही मालिक हैं | पर ताओयरी मे काँग्रेस पिछड़ रही हैं ||
जिन राज्यो मे विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं वे हैं , मध्य प्रदेश और छतीसगढ , जंहा भारतीय जनता पार्टी ने तो '''आशीर्वाद यात्रा ''' के नाम से मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी हैं | वंही मुख्य विपक्षी दल काँग्रेस के खेमे मे अभी भी मान - मनौवाल और समझाइस का ही दौर चल रहा हैं | ऐसे मे लोग यह पूछ रहे हैं की ''इनकी'' चुनावी यात्रा कब शुरू होगी? सवाल मौजू हैं , क्योंकि एक ओर सत्तारूद दल तो साजो - सामान के साथ मैदान मे तलवार भाँज रहा हैं दूसरी ओर सामने वाला अभी अपने साजो -सामान और जिरह बख्तर की साफ सफाई मे ही लगे हुए हैं |
ऐसे मे यह भावना होती हैं की क्या काँग्रेस का हाइ कमान सोच - विचार मे ही समय गंवा देगा ? दो - दो बार प्रदेश के नेताओ की बैठक कर के पार्टी के उपाद्यक्ष राहुल गांधी ने आपसी गुटबाजी को खतम करने का हुकुम सुना दिया हैं | परंतु उसका असर ज़मीन पर नहीं दिखाई देता | बीजेपी के तीखे और धारदार प्रचार और आरोपो की झड़ी का कोई जवाब प्रदेश अथवा केंद्र के स्टार से नहीं दिया गया हैं | अब इसे सहनशीलता कंहे अथवा किंकर्तव्य विमुड , फिलहाल कारण कोई भी हो परंतु यह ज़ंग की तैयारी तो बिलकुल नहीं हैं |
हालांकि काँग्रेस के प्रदेश स्तर के नेताओ ने अपने -अपने प्रभाव छेत्र का दौरा कर के शिवराज सरकार के खिलाफ आरोपो का पुलिंदा मतदाताओ के सामने रख दिया हैं | विधान सभा सत्र मे अविश्वास प्रस्ताव के बिन्दु भी अब लोगो के बीच पेश किए गए हैं | परंतु चुनाव प्रचार मे जो गति बीजेपी की हैं उस का मुकाबला करने के लिए काँग्रेस को काफी तैयारी और परिश्रम करना होगा |
दिल्ली और प्रदेश स्तर के नेताओ मे तालमेल का पूरी तरह अभाव हैं , जिसका नज़ारा संसद संदीप दीक्षित के भोपाल आने पर हुआ | हुआ कुछ यूं की उन्होने प्रदेश काँग्रेस को हवाई जहाज से आने का कार्यक्रम दिया परंतु ऐन मौके पर उन्होने ट्रेन पकड़ी और भोपाल आ गए , उधर हवाई अड्डे पर पीसीसी प्रभारी रामेश्वर नीखरा स्थानीय नेताओ को लेकर दीक्षित का इंतज़ार करते रहे| बाद मे किसी ने उन्हे सूचना दी की दीक्षित प्रैस वालों से बात कर रहे हैं | हुआ ये की दीक्षित के ट्रेन से जाने की खबर प्रवक्ता और वकील विनीत गोधा को मिली थी वे स्टेशन से उन्हे ले आए | इस पर नीखरा और गोधा की तू - तू मैं - मैं भी हुई | मतलब की दिल्ली से कौन आ रहा हैं इसकी खबर किसे देनी हैं यह भी अभी तक़ तय नहीं हैं | ऐसे मे चुनाव के दौरान कितना तालमेल रह पाएगा भगवान ही मालिक हैं | पर ताओयरी मे काँग्रेस पिछड़ रही हैं ||
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