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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Mar 17, 2017

क्या ट्रम्प रूसी नेता पुतिन के नारो और वादो की नकल कर रहे है

राष्ट्रवाद - अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर अपने पहले भाषण मे "”अमेरिका फर्स्ट "” का नारा सुन कर लोगो को लगा की यह उनकी "”खोज"” है ? परंतु सच्चाई यह है की रूस का राष्ट्रपति चुने जाने पर ब्लादिमीर पुतिन ने हिटलर की भांति "”महान रूस और रूसी महान "”” का नारा दिया था | जनता के मन अपने नारे की विश्वसनीयता साबित करने के लिए ही उन्होने यूक्रेन पर हमला किया था | जिसकी सभी देशो ने कड़ी आलोचना की थी | तत्कालीन अमेरिकी विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने अनेक मौको पर एवं विदेशो मे भी भर्त्स्ना की थी |
ट्रम्प के अमेरिका फ़र्स्ट का नारा "”महान रूस "” की तर्ज़ पर ही है | साथ ही ट्रम्प अपने पूर्वाधिकारियों की भद्द करते हुए अमेरिका को महान देश बनाने का भी नारा दे रहे है | संयुक्त राज्य अमेरिका के मूल निवासियों "”रेड इंडियानों "” को तो सुरछित "””बाढो"” मे रखा हुआ है | यद्यपि इनकी लंबाई - कहुदाई मिलो मे होती है | उनके सिवा सभी नस्ल - जातिया और धर्मो के लोग दुनिया के सैकड़ो देशो से आकार बसे है | फर्क इतना है की केवल कुछ अंग्रेज़ो को छोड़ कर बाक़ी अधिसंख्य के पूर्वजो की "”वंहा के स्वतन्त्रता संग्राम "” मे कोई भागीदारी नहीं रही है | ट्रम्प के पूर्वज भी सौ साल पूर्व आकार बसे | ऐसे मे राष्ट्रवाद का नारा खालिस खोखला है |

यूरोपियन समुदाय या यूनियन के प्रति ट्रम्प की नफरत सार्वजनिक है | उसका कारण है की वे देश के साथ दुनिया से भी जुड़े है अपने पड़ोसी देशो से भी |जबकि ट्रम्प तो बजट का बड़ा हिस्सा मेकसिको सीमा पर चीन की दीवार की तर्ज़ पर पक्की सीमा रेखा खींच कर इतिहास मे स्थान पाना चाहते है | जर्मनी की चांसलर एंजेला मारकेल के बारे मे उनकी टिप्पणिया काफी घटिया और निम्नस्तरीय मानी जाती है |
फिलहाल वे अम्रीका के दौरे पर गयी है शुक्रवार 17मार्च को उनकी मुलाक़ात तय हुई है | अमेरिका और अमेरीकन का नारा देकर --वे गैर गोरे लोगो को सारा रहे है | उनके निशाने पर छह मुस्लिम देश के नागरिक है -जिनके आगमन पर उन्होने दों बार रोक लगाने की कोशिस की | अदालतों के फैसलो पर उनकी टिप्पणी की अगर देश की सुरक्षा को खतरा हुआ तो क्या जज जिम्मेदार होंगे ? यह है एक राष्ट्रपति की अपने ही देश की संवैधानिक व्ययस्था के बारे मे राय ?

हालैण्ड मे हुए चुनावो मे मौजूदा प्रधान मंत्री की पार्टी को सर्वाधिक सीट मिली है |परंतु बहुमत के लिए उन्हे गठबंधन करना होगा | वंहा पर विलार्ड ने शरणार्थियो और इस्लाम के विरोध मे मुहिम चलायी थी | जो बहुत लोकप्रिय हो रही थी ,खासकर नौजवानो मे | परंतु परिणाम उनके वीरुध रहे | वनही ग्रीन पार्टी के जेससी केलेवर की विजय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है | विलार्ड के खिलाफ उनकी आवाज खुद मजबूत है | वे एक शरणार्थी मोरक्कों पिता और इन्दोनेसिअन मटा की संतान है | वे यूरोपियन समुदाय की एकता और स्वास्थ्य तथा घर की समस्या को प्राथमिकता देते है | उनके लिए राष्ट्रवाद नसलवाद सरीखा ही है |

फ्रांस धूर दक्षिण पार्टी की नेता जिनका नाम काफी जीभ तोड़ने वाला है ----उनका नारा है देश की गौरवशाली महानता और बौद्धिक विरासत को बचाने के लिए ब्रिटेन की भांति ही फ्रांस को भी यूरोपियन समुदाय से अलग हो जाना चाहिए | मुस्लिम शरणार्थियो को देश मे प्रवेश की नीति को वे बदते अपराधो का मूल मानती है | हालांकि हाल मे हुए कुछ हिंसक घटनाओ मे अफ्रीकन मुस्लिम संलिप्त थे |
परंतु इन घटनाओ से राष्ट्रवाद ना तो मजबूत होता है और ना ही इंसानियत शरमसार होती है | बिस्मार्क से शुरू हुए इस नारे की परिणिती एडोल्फ हिटलर के रूप मे हुआ | जिसने सारी मानवता को दंश दिया ---जिसे अभी तक लोग भूल नहीं सके है |

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